ये जहांगीर के वक़्त का लेटर है जिसमे उज्जैन अंकपाद तीर्थ छेत्र के पुजारी को 50 बीघा जमीन देने का फरमान दिया गया था। ये जमीन मुग़ल बादशाह अकबर के वक़्त ही दी गयी थी जिसका फरमान जहांगीर ने जारी किया। इस फरमान पे दो मुहर है जिसमे एक मुहर मुग़ल गवर्नर सैय्यद अब्दुल्ला खान की है।
यह जगह हिंदू धर्म के प्रमुख तीर्थस्थान में से है यहां अंकरुरेश्वर महादेव का मंदिर है हिंदू धर्म के स्कंद पुराण के अनुसार इस जगह पर ब्रह्मा ने मन्दाकिनी को कुंड में आविष्कृत किया था। इस तीर्थ छेत्र में मुग़ल सेनापति मिर्ज़ा जय सिंह ने राम जनार्धन मंदिर की तामीर भी कराई थी जय सिंह को मिर्ज़ा की उपाधि मुग़लो ने दी थी। जय सिंह ने मराठों के खिलाफ कई जंगे लड़ी।
मौजूदा वक्त में मुगल बादशाहों को हिन्दू विरोधी बताकर राजनीति करने वालों को इतिहास के दस्तावेजों को देखना चाहिए, ये साफ है जंग हमेशा सत्ता के लिए थी धर्म के लिए नही। जय सिंह जैसे कई हिन्दू सेनापति और लाखों सैनिकों को मुग़ल सेना में होते हुए भी अपने धर्म का पालन करने की पूरी आजादी थी।
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