कोरोना से भी खतरनाक वायरस हैं मीडिया और भक्त, खतरे में कोरोड़ों की जान
कोरोना वायरस के संक्रमण की आड़ में भारत में इस समय दो बहुत बड़े सामाजिक विग्रह खड़े हो रहे हैं। पहला तबलीगी जमात की आड़ में एक संप्रदाय को प्रताड़ित करना, उनके छोटे काम करने वाले जैसे- सब्जी बेचने या फल बेचने वालों को रोकना । छोटी-छोटी जगहों पर इस तरीके से गुट बनाना ताकि भविष्य में मुसलमानों से किसी तरीके का व्यापारिक संबंध न रखा जाए । दूसरा बहुत बड़ी चिंता का विषय है कि कुछ लोग आंचलिक गांव स्तर तक खुद ही पुलिस बन गए हैं। उन्होंने खुद ही हाथ में डंडे उठा लिए हैं और खुद ही तय करते हैं किस रास्ते से कौन जाएगा और कौन नहीं जाएगा और लोगों की पिटाई कर रहे हैं ।
ऐसे टकरावों में हत्या तक हो चुकी हैं। गांव की तरफ आने वालों से वसूली कर रहे हैं । यहां तक कि वहां पर सांप्रदायिक वैमनस्यता भी फैला रहे हैं. इन दोनों समस्याओं का मूलाधार देखा जाए तो इसका सारा दारोमदार कुछ समाचार के टीवी चैनलों पर है । यह हालात दिनोंदिन बिगड़ते जा रहे हैं । नियमित प्रिंट मीडिया में जगह सिमट रही है। ईमानदार पत्रकार की कमी तो है हैं। जिनके कारण आंचलिक स्तर पर इस तरह की नफरत बढ़ती जा रही है । इस बारे में मेरा एक अनुरोध है कि नागरिक समाज एकजुट हो कर प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, अपने राज्यों के मुख्यमंत्री तथा जिला अधिकारियों को एक बड़ा ज्ञापन दिया जाए, जिसमें यह मांग हो.
1 नफरत, झूठी खबरें फैलाने वाले चैनलों के पत्रकारों तथा चैनल के मालिकों के खिलाफ मुकदमा कायम हो व तत्काल गिरफ्तारी हो जैसे सोशल मीडिया के मामले में हो रहा है।
2 जिन इलाकों में सांप्रदायिक आधार पर लोगों को ,रेहड़ी पटरी वालों को रोका जा रहा है, ऐसे बयान देने, संगठन बनाने या उन्हें प्रेरित करने वालों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के अंतर्गत कार्रवाई हो।
3 सेल्फ पुलिसिंग करने वाले लोगों पर कड़ाई बरती जाए।
यह तीन मांगे रखी हैं। मैं चाहूंगा कि इस पर हमारे कोई साथी ज्ञापन तैयार करें । इसके साथ में देशभर के साहित्यिक, सांस्कृतिक, जनवादी, प्रगतिशील समाज से जुड़े लोग, धार्मिक, देश प्रेमी , देश के प्रति निष्ठा रखने वाले सभी संगठन के लोग इस पर हस्ताक्षर करें। और यह काम 24 घंटे के अंदर होना चाहिए ।
एक सुझाव और है जो हमने पिछले साल भी दिया था लेकिन उस पर लोग अमल नहीं कर पाए; क्या यह संभव है कि पूरे देश के लाखों लोग एक साथ 24 घंटे के लिए सभी समाचार चैनलों का बहिष्कार करें । सभी यानी सभी - ना कोई रवीश वाला चैनल -ना रोहित सरदाना वाला चैनल । सभी का बहिष्कार किया जाए और देखा जाए 24 घंटे में इनकी टीआरपी जो गिरती है, उससे इनके बाजार पर कितना असर होता है।
जो लोग सहमत हैं, वह अपनी राय जरुर दीजिये । जो संगठन, जो व्यक्ति ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने को तैयार हों वह सभी एकजुट होकर इस पर काम करना शुरू करें।
कोरोना वायरस के संक्रमण की आड़ में भारत में इस समय दो बहुत बड़े सामाजिक विग्रह खड़े हो रहे हैं। पहला तबलीगी जमात की आड़ में एक संप्रदाय को प्रताड़ित करना, उनके छोटे काम करने वाले जैसे- सब्जी बेचने या फल बेचने वालों को रोकना । छोटी-छोटी जगहों पर इस तरीके से गुट बनाना ताकि भविष्य में मुसलमानों से किसी तरीके का व्यापारिक संबंध न रखा जाए । दूसरा बहुत बड़ी चिंता का विषय है कि कुछ लोग आंचलिक गांव स्तर तक खुद ही पुलिस बन गए हैं। उन्होंने खुद ही हाथ में डंडे उठा लिए हैं और खुद ही तय करते हैं किस रास्ते से कौन जाएगा और कौन नहीं जाएगा और लोगों की पिटाई कर रहे हैं ।
2 जिन इलाकों में सांप्रदायिक आधार पर लोगों को ,रेहड़ी पटरी वालों को रोका जा रहा है, ऐसे बयान देने, संगठन बनाने या उन्हें प्रेरित करने वालों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के अंतर्गत कार्रवाई हो।
3 सेल्फ पुलिसिंग करने वाले लोगों पर कड़ाई बरती जाए।
यह तीन मांगे रखी हैं। मैं चाहूंगा कि इस पर हमारे कोई साथी ज्ञापन तैयार करें । इसके साथ में देशभर के साहित्यिक, सांस्कृतिक, जनवादी, प्रगतिशील समाज से जुड़े लोग, धार्मिक, देश प्रेमी , देश के प्रति निष्ठा रखने वाले सभी संगठन के लोग इस पर हस्ताक्षर करें। और यह काम 24 घंटे के अंदर होना चाहिए ।
जो लोग सहमत हैं, वह अपनी राय जरुर दीजिये । जो संगठन, जो व्यक्ति ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने को तैयार हों वह सभी एकजुट होकर इस पर काम करना शुरू करें।