Type Here to Get Search Results !

Click

आदिवासी किसानों को मारकर पुलिस ने कुछ गलत नहीं किया- जयंत सिन्हा

हजारीबाग। झारखण्ड के हजारीबाग जिले के बड़कागांव में हुई पुलिस फायरिंग से चार ग्रामीणों की मौत में पुलिस की तरफ से कोई वॉयलेशन नहीं हुआ। ऐसा हम नहीं केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा कह रहे हैं।इस गोलीकांड मामले में हजारीबाग के सांसद और केन्द्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने पुलिस को क्लीन चिट दे दी है। केन्द्रीय मंत्री ने सिर्फ वीडियो फुटेज देखकर ही पुलिस को क्लीन चिट दे दी है।

आपको बता दें कि 1 अक्टूबर को झारखण्ड के हजारीबाग जिले के बड़कागांव में पंकरी बरवाडीह कोयला खादान की भूमि अधिग्रहण के विरोध में हुई पुलिस फायरिंग में चार ग्रामीण मारे गए थे। इसके खिलाफ विपक्षी दलों ने 24 अक्टूबर को राज्यव्यापी बंद का ऐलान किया है। विपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने इसे पुलिस के द्वारा अघोषित हत्या करार दिया है। इसके बाद जयंत सिंहा दिल्ली से हजारीबाग पहुंचकर घायल अधिकारियों से मिले। सांसद और केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने कहा है कि लोगों को इस घटना से राजनीति नहीं करनी चाहिए।


केंद्रीय मंत्री ने सफाई देते हुए कहा कि इस घटना से उन्हें गहरा दुख हुआ है। लेकिन इस घटना के वीडियो फुटेज को देखकर पता चल रहा है कि विरोध प्रदर्शन के दौरान लोगों द्वारा प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया। क्लिप में साफ दिख रहा है कि सीओ शैलेश कुमार सिंह भीड़ से हाथ जोड़कर अनुरोध कर रहे हैं। मैंने वीडियो में देखा कि पुलिस अधिकारी ग्रामीणों से अपनी ड्यूटी निभाने को लेकर मिन्नतें कर रहे थे। 

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बरकागांव कांग्रेस विधायक निर्मला देवी की गिरफ्तारी भी प्रोटोकॉल के अन्तर्गत किया गया। जयंत सिन्हा ने हजारीबाग डीसी रविशंकर शुक्ल और एसपी भीमसेन तूती से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि निर्मला देवी को महिला कांस्टेबलों की उपस्थिति में गिरफ्तार किया गया था। जयंत सिन्हा ने कहा कि निर्मला देवी और उनके पति योगेन्द्र साव(पूर्व राज्य कृषि मंत्री) गरीबों को साथ लेकर गन्दी राजनीति कर रहे हैं। वह गरीबों को विकास की तरफ से हटाकर विनाश की तरफ ले जाना चाहते हैं।


गौरतलब है कि जिन चार लोगों की मौत हुई है उसमें तीन किशोर छात्र और एक जवान दर्जी शामिल है। इस हत्या की सफाई में जयंत ने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री रघुवर दास से बात कर ली है। उन्होंने एक उच्च स्तरीय समिति गठित कर दी है जो इसकी जांच करेगी। ग्रामीणों को जांच का इंतजार करना चाहिए।

ग्रामीण किसानों पर पुलिस की फायरिंग के बाद केंद्र सरकार की तरफ से दी गई क्लीनचिट से साफ है कि मामला स्थानीय नहीं बल्कि केंद्र सरकार तक के संज्ञान में है। भाजपा की सहयोगी पार्टी आजसू के प्रवक्ता देवशरन भगत भी किसानों का साथ देने की बात कह चुके हैं। लेकिन ताजा हालातों पर चुप्पी साधे हैं। 


पुलिस इस मामले में अब किसानों का साथ देने वाली विधायक निर्मला देवी सहित 600 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर इस मामले की जांच करने जा रही है। दरअसल बड़कागांव में एनटीपीसी लगाया जा रहा है। जिन लोगों की जमीन इसके लिए अधिग्रहीत की गई है वे मुआवजे के साथ नौकरी की मांग कर रहे हैं। सरकार इस मांग को पूरा करने के पक्ष में नहीं है। आदिवासी किसानों का कहना है कि मुआवजे की राशि खत्म होने के बाद उनका जीवन निर्वहन कैसे होगा। अभी तक वे खेती के जरिए अपने परिवार का पालन करते आए हैं। न खेती रहेगी और न नौकरी तो उनका भविष्य क्या होगा। इसी बात को लेकर दो दिन पहले आंदोलनकारियों पर गोलीबारी की गई।(नेशनल दस्तक से साभार)
सिन्हा के बयान पर अपनी राय देना ना भूले



Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad

Hollywood Movies