Type Here to Get Search Results !

Click

1400 साल पुरानी भारतीय मस्जिद

केरल के त्रिशुर ज़िले में देश की सबसे पुरानी मानी जाने वाली चेरामन पेरुमल मस्जिद अपनी धर्मनिरपेक्ष विचारधारा के लिए मशहूर है. माना जाता है कि भारत की पहली मस्जिद पैगंबर-ए-इस्लाम हज़रत मोहम्मद के जीवन के दौरान ही केरल के कोडुंगलूर क्षेत्र में बनाई गई थी. यह मस्जिद वैसे तो कई बार निर्माण की प्रक्रिया से गुज़र चुकी है, लेकिन अब उसकी पुरानी शक्ल बहाल करने की तैयारी है. चेरामन पेरुमल मस्जिद में रखा दीया अपनी धर्मनिरपेक्ष विचारधारा के लिए प्रसिद्ध यह मस्जिद राजा चेरामन पेरुमल के नाम पर है. स्थानीय परंपराओं के अनुसार राजा ने इस्लाम क़ुबूल कर लिया था और उनके आदेश पर इस मस्जिद का निर्माण किया गया था.



राष्ट्रीय धरोहर
मस्जिद की प्रबंधन समिति के अध्यक्ष डॉक्टर मोहम्मद सईद के अनुसार मौजूदा इमारत का भीतरी भाग पंद्रहवीं सदी का है. पहले इस जगह पर बौद्ध धर्म का पूजा स्थल था. सईद कहते हैं, "यह मस्जिद हमारी राष्ट्रीय धरोहर है और हमें इसका संरक्षण करना चाहिए." इस इलाक़े में और भी कई प्राचीन मस्जिदें हैं, जो स्थानीय वास्तुकला की विशिष्ट शैली को दर्शाती हैं, न कोई गुंबद न मीनारें. माना जाता है कि सातवीं शताब्दी की एक और मस्जिद पड़ोसी राज्य तमिलनाडु में भी है. केरल के मालाबार इलाक़े से अरबों का वाणिज्यिक रिश्ता पैग़म्बर इस्लाम के आने से भी पुराना है. अरब व्यापारी पहले समुद्र के रास्ते मालाबार ही पहुंचे थे जो हज़ारों साल से मसालों के व्यापार का प्रमुख केंद्र था.




क्षेत्र की ऐतिहासिक विरासत को सुरक्षित रखने के लिए सरकार ने यहां के प्राचीन मुजीरी बंदरगाह के नाम से एक परियोजना शुरू की है. और अब चेरामन मस्जिद को उसकी पुरानी शक्ल में लौटाने की तैयारी है. मस्जिद परिसर में ही स्थापित संग्रहालय से जुड़े ईवीएम सर्राफ़ कहते हैं, "मस्जिद के उन हिस्सों को ध्वस्त कर दिया जाएगा जो बाद में बनाए गए थे, लेकिन इस बात का ध्यान रखते हुए कि पुरानी इमारत को कोई नुक़सान न पहुंचे."



डॉक्टर सईद के अनुसार परियोजना रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया जा रहा है. डॉक्टर सईद कहते हैं, "यहाँ हर किसी का स्वागत है. यहाँ कुछ ग़ैर मुस्लिम बच्चे मस्जिद के इमाम साहब के साथ पढ़ाई-लिखाई की दुनिया में पहला क़दम रखने आते हैं. इस समारोह को विद्या रमभम कहते हैं. लोग मानते हैं कि ऐसा करने से बड़ों का आशीर्वाद उनके बच्चों के साथ रहेगा... हम उन सभी का स्वागत करना अपनी ज़िम्मेदारी समझते हैं." "यह पैग़ंबर की परंपरा है कि आप सभी धर्मों और मतों को महत्व देते हैं, सबको साथ लेकर चलते हैं और बहुत सहिष्णु हैं, यही वह परंपराएं हैं जिनका हमें पालन करना चाहिए और हम कर रहे हैं.” चेरामन पेरूमल मस्जिद कुछ मिथकों और कुछ तथ्य की मिली-जुली कथा है, इसकी शक्ल तो जल्दी ही बदल जाएगी, लेकिन धर्मनिरपेक्ष स्वभाव नहीं.



Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad

Hollywood Movies