उत्तरी कश्मीर के उरी शहर में रविवार (18 सितंबर) सुबह सैना बटालियन मुख्यालय पर हुए आतंकवादी हमले के बाद लोगों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा। प्रधानमंत्री मोदी के बाद अब ट्विटर यूजर्स के निशाने पर संघ आ गया है। ‘आरएसएस कहां है’ ट्विटर पर ट्रैंड कर रहा है। एक यूजर्स ने लिखा है कि भारतीय सेना के बराबर लगभग 30 लाख स्वयंसेवक हैं। तो वो क्यों नहीं बॉर्डर क्रॉस करते जबकि वो इसके लिए ट्रैंड भी हैं। उरी हमले में 17 जवान शहीद हो गए और 19 अन्य घायल हुए हैं। हमले में शामिल चार आतंकवादियों को सेना ने मार गिराया। इस साल में अब तक 63 सुरक्षाबल के जवान आतंकवादी हमलों में शहीद हो चुके हैं। इस हमले के बाद सरकार ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
उरी हमले के बाद पीएम ने ट्वीट कर बताया था कि जो लोग भी जिम्मेदार हैं उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। पीएम ने कहा था, ”हम इस कायरतापूर्ण आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हैं और देश को भरोसा दिलाते हैं कि इस हमले के पीछे जो भी हैं उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। देश शहीदों की सेवा को हमेशा याद रखेगा। मेरे विचार शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं।” वहीं वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, ” अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को पूरी तरह अलग थलग करने के लिए अब कूटनीतिक प्रयास किया जाएगा ताकि उनका सच दुनिया के सामने आए। जिन लोगों ने हमले को अंजाम दिया है उन लोगों को इसका परिणाम और सजा भुगतना होगा।’ राम माधव ने इस हमले के बाद कहा था अब समय आ गया है कि दांत के बदले जबड़े वाली नीति पर चला जाए। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी इस हमले के खिलाफ प्रेस विज्ञप्ति जारी की है।