मप्र और बिहार के कई आवेदक हाईकोर्ट जाने की तयारी में
आईटीआई संस्थानों की मान्यता प्रक्रिया अधर झूल झूल रही
आईटीआई संस्थानों की मान्यता प्रक्रिया आश्वासनों के बाढ़ में.
4500 आवेदको के करोडो रुपये डूबने की आशंका, स्किल इंडिया या किल इंडिया?
स्किल इंडिया अंतर्गत आईटीआई संस्थान के लिए हजारो लोगो ने आवेदन कर करोडो रुपये फ़ीस अदा की, कई महीने बीतने के बाद भी सरकार की और से हमेशा की फ़ीस भरने के बावजूद तरह आश्वासन ही मिल रहे है. इन आश्वासनों की बाढ़ में आवेदको के करोडो रुपये डूबने की आशंका जताई जा रही है. और बुद्धिजीवियों में चर्चा का विषय यह बना हुआ है की, कहीं रुपये ऐन्टने के लिए ही तो यह योजना बनाई नहीं हाई ? श्रम विकास मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने फिलहाल में ITI का नया लोगो लोंच कर लोगो को आईटीआई खोलने व करने के लिए प्रेरणा दी. इन्ही सब से प्रभावित होकर 4500 लोगो ने आईटीआई के लिए आवेदन किया पिछले एक महीने से रोजाना देश के हर हिस्से से आये हुए लगभग 300 आवेदक शिवाजी स्टेडियम मिनिस्ट्री ऑफ़ स्किल डेवेलपमेंट में चक्कर लगा रहे है. मंत्री महोदय और सम्बंधित अधिकारियों ने आईटीआई आवेदको को फुटबॉल बना दिया इस तरह की स्थिति दिखाई दे रही है. आईटीआई संस्थान आवेदक मा. उच्च न्यायालय से न्याय की गुहार लगाने की तयारी में जुटे है. कौशल विकास और मेक इन इंडिया का यह असली रूप दिखाई दे रहा है. जितने जल्दी प्रधानमन्त्री मोदी ने जनता के अकाउंट में 15 लाख रुपये ट्रांसफर किये उतने ही जल्दी आईटीआई आवेदको को भी प्रमाणपत्र मुहैया कराये जायेंगे इस तरह की मजाकिया चर्चा मप्र. और बिहार में शुरू है. आईटीआई आवेदको को तत्काल सुविधाए उपलब्ध करवाकर लाखो विद्यार्थियों का शक्शानिक जीवन बर्बाद होने से बचाने की गुहार लगाई जा रही है.
आईये देखते है क्या है मामला
स्किल इंडिया की प्रधानता वाले भारत देश में नए आईटीआई संस्थानों की मान्यता प्रक्रिया अधर झूले में झूल रही है. उनसे जुड़े व्यक्ति बोर्ड देख प्रवेश ले रहे विधार्थियों, के अनिशिचित भविष्य पर एक पत्र मोहोदय जी भारत सरकार के श्रम व उधमिता मंत्रालय की इकाई DGT (Director General of Traning ) जो की आईटीआई संस्थानों को मान्यता देती है, हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी जनवरी में 7000 नए आईटीआई खोलने के लिए आवेदन मांगे गए. DGT ने मान्यता देने हेतु शर्त ये रखी की हर आवेदक को पहले QCI (Quality Council of India) से Accreditation लेना होगा. ऐसा होते ही DGT की आईटीआई सम्बन्धी इकाई NCVT आवेदक आईटीआई संस्था को स्वत: ही मान्यता (Affiliation) दे देगी .देश भर से लगभग 4500 आईटीआई आवेदकों ने QCI व DGT के संयुक्त पोर्टल पर आवेदन किया, तथा अधिकांशत आवेदकों ने समयवार मांगे गए डॉक्यूमेंट तथा सामग्री उपलब्ध करवाई . सभी आवदेकों ने लाखों रुपये खर्च कर अपनी आईटीआई को QCI की साईट विजिट केलिए तैयार किया. तथा इसके बाद QCI द्वारा भेजे गए प्रतिनिधि ने हर एक चीज की भोतिक जांच की, जिसकी वीडियोग्राफी भी हुई . अधिकांशत आईटीआई को QCI इंस्पेक्शन में छुट पूट कमियों के आलवा (जो की सभी आईटीआई ने बाद में पूरी कर ली) सही पाया गया व QCI पोर्टल पर आवेदन की सभी स्टेज को clear कर दिया गया.
Application Passed In Accreditation Meeting. Moved To NCVT For Affiliation. का सन्देश हर आईटीआई आवेदक के पोर्टल में प्रदर्शित होने लगा .परन्तु इसके डेढ़ से 2 महीने बाद तक भी न तो कोई नया सदेंश / मेल QCI अथवा DGT द्वारा भेजा गया न ही मान्यता की कोई घोषणा हुई, अब सभी आवेदक हताश और निराश हो चुके है लाखों रुपया खर्च कर तीस हज्जार से लेकर 60000 रु तक आवेदन फीस QCI को देने के बावजूद भी आज तक भी मान्यता का कोई अता पता नहीं है. NCVT की और से आईटीआई में प्रवेश लेने की अंतिम तिथि 31 अगस्त है . पर बेचारे आवेदकों के पास अब तक फाइनल मान्यता ही नहीं है .आवेदकों के लाखों करोडो रूपये डूबने के साथ साथ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना Skill India भी बुरे प्रभाव के घेरे में है.
प्रधानमंत्री मोदी जी ने अपने भाषण में कई बार कहा की हमे IIT नहीं ITI चाहिए, व कौशल विकास स्किल इंडिया पर कई बार जोर दिया. लेकिन सारी प्रक्रिया करने के बाद भी अभी तक मान्यता नहीं मिली । श्रम विकास मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने फिलहाल में ITI का नया लोगो लोंच कर लोगो को आईटीआई खोलने व करने के लिए प्रेरणा दी. इन्ही सब से प्रभावित होकर 4500 लोगो ने आईटीआई के लिए आवेदन किया पिछले
एक महीने से रोजाना देश के हर हिस्से से आये हुए लगभग 300 आवेदक शिवाजी स्टेडियम मिनिस्ट्री ऑफ़ स्किल डेवेलपमेंट में चक्कर लगा रहे है, ये भूखे प्यासें मिन्सिट्री के सामने के पार्क में बैठे रहते है , आप आईटीआई आवेदकों की इस स्थिति को जानकार व स्किल इंडिया प्रोग्राम का ध्यान देते हुए इन 4500 आईटीआई से जुड़े करोड़ों लोगो का भविष्य दांव पर लगने से बचाने की गुहार लगाई जा रही है ।
All India New ITI Association . स्किल इंडिया नहीं। किल इंडिया चला रहे है। मेक इन इंडिया नहीं, मैड इन इंडिया बना रहा है। स्टार्ट अप इंडिया नहीं, सेटअप इंडिया बना रही है सरकार,
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