महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि इस्लामिक रिसर्च फ़ाउंडेशन के संस्थापक डॉ ज़ाकिर नाइक को लेकर हुई जाँच में कई चौंका देने वाले तथ्य सामने आए है.
देवेंद्र फडणवीस ने कहा, "जाँच से पता चलता है कि डॉ ज़ाकिर नाइक के जमात उद दावा, इंडियन मुजाहिदीन और हिज़बुल मुजाहिदीन जैसे चरमपंथी संगठनों से संबंध है. यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए काफ़ी चिंता का विषय है. हम इस रिपोर्ट की जाँच कर रहे है. इस पर क़ानूनी सलाह के बाद डॉ ज़ाकिर नाइक के ख़िलाफ़ कार्रवाई का निर्णय लिया जायेगा."
बांग्लादेश की राजधानी ढाका में हुए चरमपंथी हमले के बाद ये बात सामने आयी थी कि एक हमलावर डॉ ज़ाकिर नाइक के भाषणों से प्रेरित हुआ था.
इसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने इस्लामिक रिसर्च फ़ाउंडेशन की गतिविधियों तथा डॉ नाइक के भाषणों और लेखों की जाँच के आदेश दिए थे.
इस जाँच की रिपोर्ट मंगलवार को मुख्यमंत्री को सौंपी गयी. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी जायेगी.
सरकार मानती है कि डॉ ज़ाकिर नाइक की गतिविधियाँ तथा उनके भाषण देश की सुरक्षा के लिए गंभीर समस्या है.
वहीँ जानेमाने वकील मजीद मेमन कहते हैं कि इस रिपोर्ट पर सार्वजनिक रूप से चर्चा करने के बजाय, अगर ठोस सबूत हैं तो सरकार को डॉ ज़ाकिर नाइक तथा उनकी संस्था पर कार्रवाई करनी चाहिए.
मजीद मेमन ने कहा, "यदि सरकार के पास ठोस सबूत हैं तो डॉ ज़ाकिर नाइक के ख़िलाफ़ कार्रवाई करें. यह संवेदनशील मामला है और इसमें राजनीति की कोशिश न हो तो बेहतर है."
ढाका में हुए चरमपंथी हमले के वक़्त डॉ ज़ाकिर नाइक हज पर गए थे.
एक हमलावर के उनके भाषणों से प्रेरित होने की ख़बर आते ही, उन्होंने ख़ुद को इससे दूर कर लिया और यह भी कहा कि वह जल्द ही भारत लौटकर सारी बातें साफ़ कर देंगे. लेकिन डॉ नाइक अब तक भारत नहीं लौटे हैं.
वो भारत कब लौटेंगे इस बारे में भी साफ़-साफ़ कुछ नहीं कहा गया है.
ज़ाकिर नाइक के समर्थकों की देश और विदेशों में एक बड़ी तादाद है.
उनकी संस्था के जनसंपर्क अधिकारी को केरल पुलिस पहले ही गिरफ़्तार कर चुकी है. (बीबीसी हिंदी से)