गल्फ डिजिटल न्यूज़ के मुताबिक ओडिसा के दाना मांझी के बारे में बहरीन के प्रधानमंत्री प्रिंस खलीफा बिन सलमान खलीफा ने पढ़ा तो वह दुखी हो गए और दाना मांझी की सहायता करने का निर्णय लिया।
दाना मांझी, ओडिसा का रहने वाला एक भारतीय, सुविधा के अभाव में तथा अस्पताल की एम्बुलेंस द्वारा मना कर देने के कारण अपनी मृत पत्नी की लाश को 12 किलोमीटर उठा कर चलने को विवश हो गया था।
बहरीन के प्रधानमंत्री कार्यालय ने भारत स्थित बहरीन के दूतावास से इस मामले में संपर्क किया और दाना मांझी की आर्थिक मदद करने का निर्णय लिया। यह रकम कब दी जाएगी और कितनी दी जाएगी इस पर से पर्दा उठना बाकी है।
दाना मांझी की 42 वर्षीय पत्नी को टीबी था और उनको इलाज के लिए भवानीपटना के जिला अस्पताल लाया गया था जहां उनकी मृत्यु हो गयी थी। मांझी ने बताया था कि उनका घर 60 किलोमीटर दूर है और किराए के लिए पैसे भी नहीं है। अस्पताल प्रशासन ने मृत शरीर को वापस लेजाने से मना किया तो मांझी अपनी बीवी की लाश को कपडे से लपेट कर खुद ही कंधे पर लेकर चल पड़े। 12 किलोंमीटर लेजाने के बाद लोगो के दबाव में एम्बुलेंस को ले जाना पड़ा।
फरवरी में सरकार ने घोषणा की थी कि शव को अस्पताल से घर लेजाने के लिए फ्री मोर्चरी वैन सेवा दी जाएगी। दाना मांझी की खबर के बाद स्कीम को फ़ौरन लागू कर दिया गया।
सोशल डायरी बहरीन के प्रधान मंत्री का धन्यवाद करता है