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शोपिंग मॉल नहीं, हमें सरकारी स्कूल और अस्पताल चाहिए - उबैद बा हुसैन

सामाजिक कार्यकर्ता उबैद हुसैन ने उठाये सवाल, कहा ‘”शॉपिंग काम्प्लेक्स में लगेगी मानिकचंद सितार गोवा गुटखे की दुकाने - चाहिए दूकान तो नजदीकी गुत्तेदार से संपर्क करें. “
इनका कहना है सभी कांट्रेक्टर कार्पोरेटर ही है. और यह कांग्रेस और मजलिस की मिलीभगत से जनता का पैसा लुटने की मुहीम चलाई जा रही है. वह आगे एमआईएम और कांग्रेस के मुस्लिम नेताओं से सवाल करते है की, “क्या देगलूर नाका इलाके में शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का होना ज़रूरी था ?
या हमारी मां बहनों के लिए बनाये गए दवाखाने का फिर से शुरू होना?
अगर इन में थोडा सा भी ज़मीर बचा होता तो क्या यह तथाकथित नेता इस उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार नहीं कर सकते थे ?” इसके बाद उनका यह भी मानना है की, नांदेड में गुटखा किंग लोग अब देगलूर नाका परिसर में दारु का अड्डा भी खोलेंगे. गौरतलब है की, देगलूर नाका परिसर में सरकारी अस्पताल की असुविधाओ के कारण निवासियों को काफी मशक्कतो का सामना करना पड़ रहा है. बताया जा रहा है की, आने वाले महानगरपालिका चुनाव को देखते हुए शोपिंग मोल जैसी नौटंकिया कर जनता को बेवकूफ बनाने की नाकाम कोशिसे है.



और उन्होंने सोशल मीडिया पर  #SharmKaro  हैश टैग नाम से मुहीम शुरू करने के लिए सुझाव माँगा है.

सोशल मीडिया पर ‘डिफेन्स या अटैक’  लिखते है......
गए साल आज ही के दिन एक संपादक जो खुद के समाचारपत्र को नान्देड शहर का #टाईम्स_ऑफ़_इंडिया समझता है उसने एक खबर छापी थी।
एक हिन्दू बहन ने अपने मुस्लिम भाई को राखी बाँधी, इस खबर को उसने अपने समाचारपत्र में फ्रंट पेज पर छापकर हिन्दू-मुस्लिम एकता को धर्म का सहारा लेकर तोड़ने की नापाक कोशिश की थी। उसका उसे उसी समय एक बहेतरीन जवाब मिला था और वह शहरभर में अपना मुंह छुपाता फिर रहा था।
आज उसकी अपनी पार्टी के (जिस पार्टी से उसे ख़बरें छपवाने के लिए चंदा दिया जाता है) नगरसेवक एक शॉपिंग काम्प्लेक्स के भूमिपूजन कर नारियल फोड़ते हुए तस्वीरें सोशल मीडिया पर आयी है।
देखना यह है वह संपादक आजतक जिनकी पिछवाड़े की गंदगी चाटता हुआ आया है, इस खबर को अपने ब्लैकमेलिंग के औजार (न्यूज़पेपर) में छापता है या नहीं....???



सामाजिक कार्यकर्ता Azhar Khan इन्होने मजलिस के कॉर्पोरटर शेर अली द्वारा किये गए कर्मकांड पर आपत्ति जताई है. सोशल मीडिया पर इस बात को लेकर भी बवाल मचा हुआ है की, जयमीम जयभीम का नारा लगाने वाली एमआईएम पार्टी के कुछ लोगो ने जयभीम और जयभीम इन दोनों समूहों के खिलाफ कार्य किया है.
मुंबई निवासी सुनील यादव (हिन्दू) इन्होने पूजा-पाठ को मनघडंत बताते हुए हाल ही में हुए अलोम्पिक पर यह टिपण्णी भी की थी. इसके साथ ही भारत के संविधान निर्माता डॉ. बाबासाहब आंबेडकर ने भी अपनी 22 प्रतिज्ञाओ में कुछ कर्मकाण्डो पर आपत्ति जताते हुए अनुसूचित जाती, जनजातियो को शिक्षा हासिल करने संगठित होने और संघर्ष होने पर जोर दिया था. 

इन सभी बातो से यह अनुमान लगाया जा रहा है के, देगलूर नाका मुस्लिम बहुल परिसर में शोपिंग मोल की नहीं बल्कि सरकारी स्कूल और अस्पताल की आवश्यकता है.



 (सोशल मीडिया पर आधारित)

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