Type Here to Get Search Results !

Click

यूपी चुनाव : ध्रुवीकरण के लिए जाकिर नाईक बलि का बकरा ? फिर क्या है हमारा कर्तव्य ?

अहेमद कुरेशी-

" मैं युम्हे नहीं रोकता उनके साथ दोस्ती करने और उनके साथ न्याय (इन्साफ) करने से, जिन्होंने तुम्हे अपने घरो से नहीं निकाला और जिन्होंने तुम्हारे इस्लाम के खिलाफ जंग नहीं की. (अल-कुरआन/ 60:8)

जाकिर नाईक को साथ नहीं देना महँगा पड़ सकता है बिलकुल वैसे ही जैसे जेल में बंद बेगुनाहों की तादाद 52 हजार से 82 हजार हो गयी और लोग सिर्फ षडयंत्र होने की चर्चाए कर रहे थे. मान लेते है की, जाकिर नाईक का मामला इसलिए उछाला जा रहा है के OBC,SC,ST को हिन्दू दिखाकर यूपी चुनाव में बीजेपी की को फायदा दिलाने की राजनीति भी हो सकती है. लेकिन इस बात पर एक सवाल उठाता है अगर किसी बेगुनाह की बलि दी जा रही है. और आप उसको बचा सकते है लेकिन आप उसे बचाने के बजाये बलि दिए जाने के षड्यंत्र पर बात कर रहे है. और बात ख़त्म हुई भी नहीं की एक बेगुनाह बलि चढ़ गया. बिलकुल ठीक ऐसेही उन बेगुनाह मुस्लिम नौजवानों के सन्दर्भ में भी हुआ है.` आतंकवाद के झूठे इल्जामो में फंसाए गए मुसलमानों के बारे में हम ही यह कहते रहे की आरएसएस द्वारा षडयंत्र किया जा रहा है. और बेगुनाह मुसलमानों को फंसाया जा रहा है. हम सिर्फ षडयंत्र की बात करते गए और हमको पता भी नहीं चला की 52 हजार बेगुनाहों का आंकड़ा कब 82 हजार को पार कर गया. 

मेरा यह मानना है की अगर हमुन बेगुनाहों के लिए कुछ करते तो किसीको रिहा नहीं कर पाते तो दुःख नहीं होता. लेकिन अब इस बात का दुःख हो रहा है की हम लोगो को ज्ञान बाँट रहे थे और उधर बेगुनाहों का आंकड़ा बढ़ रहा था. मानलो अगर हम और 5 साल तक ऐसे ही ज्ञान बाँटते रहे तो डेढ़ लाख बेगुनाह और सलाखों के पीछे होंगे. फिर हमारे ज्ञान का अचार डालने का ?
एक सामाजिक कार्यकर्ता ने अपने सोशल मीडिया फेसबुक वाल पर एक टिपण्णी दी है जो इस तरह है.
बात ‪#‎ज़ाकिर_नाईक‬ की नहीं है,


बात ‪#ज़ाकिर_नाईक की नहीं है,
बात तो OBC,SC,ST को हिन्दू दिखाकर
अपनी राजनिती के लिए इस्तेमाल करने की है,
मुस्लिम ‪#नाईक का समर्थन करते रहेंगे जिसको 
‪#RSS OBC,SC,ST
के लोगों को दिखा दिखा 
वोट का ध्रुवीकरण करेगी,परिणाम यूपी चुनाव बताएगा।

चलो संकेत काम्बले जी की बात हम मान लेते है, और हमने भी एक खबर छापी थी की, बीजेपी द्वारा किये गए 45 हजार करोड़ के घोटाले को छुपाने के लिए यह बवाल हो रहा है. आज बलि का बकरा जाकिर नाईक को बनाया गया, कल संकेत भाई को बनाया जाएगा, परसों मुझे बनाया जाएगा. जब मुझे बलि का बकरा बनाया जाएगा और मेरे परिवार के लोग यह साजिश है. यह साजिश है. यह साजिश है. चिल्लायेंगे तो दोनों तरफ से मेरा परिवार ही नुक्सान में रहेगा. अगर जाकिर हो या और कोई षडयंत्र को उजागर भी करना होगा और बलि के बकरे को बचाना भी होगा. यही जरुरी है.
सोशल डायरी द्वारा एक ऑनलाइन सर्वे किया गया जिसमे डॉक्टर जाकिर नाईक के समर्थन में कुल मिलाकर 20 लाख लोग खड़े हुए. और सिर्फ 10 हजार लोगो ने विरोध जताया. विरोध जताने का कारण पूछा गया तो वह मसलकी, फिरका की दुश्मनी के चलते विरोध जताने की बात समझमे आई. मतलब यहाँ इंसान नहीं फिरका इन लोगो के लिए अहम है.


ऐसा ही एक सर्वे हजरत मौलाना खलील-उर-रहमान सज्जाद नोमानी दामत बरकातुम के जाकिर नाईक के साथ खडा होने और दुश्मनों की साजिशो का पर्दाफाश करने को लेकर किया गया था. इसमें सोशल डायरी ऑनलाइन, फेसबुक, ट्वीटर, गूगल प्लस, गूगल टॉक, जैसे ऑनलाइन प्लेटफार्म पर कुल मिलाकर 50 लाख लोगो समर्थन जाहिर किया. इन दोनों सर्वे में मुसलमानों के साथ-साथ करीब 30 प्रतिशत गैर मुस्लिमो ने भी समर्थन जाहिर किया.  कुछ लोग सिर्फ इसलिए जाकिर नाईक का विरोध कर रहे है की, वह सूफी संतो को नहीं मानते. तब सवाल यह खडा होता है की, मुसलमान तबतक मुसलमान नहीं होता जबतक वह सारे पैगम्बर, सहाबा, औलिया-ए-किराम, उलेमा-ए-किराम को नहीं मानता. लेकिन जाकिर नाईक सिर्फ उन कर्मकांड का विरोध करते है जो इस्लाम के खिलाफ है. और इस्लाम आलमी बहिचारे को मानता है. इस्लाम में स्वदेशी हो या विदेशी कोई उंचा नहीं कोई नीचा नहीं और, कुछ लोग कहते है की जब सूफी भारत में आये तब तो हम मुसलमान बने. मैं उनसे एक बात पूछना चाहूँगा के इस्लाम दुनिया पर ग़ालिब होगा यह कुरआन कहता है. अगर सूफी नहीं आते तो क्या आप कुरआन को(नौजुबिल्लाह) झूठ साबित करते ? उदाहरण के तौर पर- अगर आप किसी स्टेशन पर गए और कूली से उस ट्रेन के बारे में पूछा जहां आपको जाना है. जब वह कूली आपको ट्रेन की सारी जानकारी दे देता है तो क्या आप कूली के सरपर सवार होकर ही वहां जाओगे जहां आपको जाना है ? या फिर उस ट्रेन से जिसके बारे में कूली ने जानकारी दी ???? वैसे ही सारे नबी, सहाबा, औलिया किराम, ने हमें अल्लाह का रास्ता बताया अब हमें उस रास्ते पर चलना है. ..... 

जब लाखो लोग उपरोक्त बातो का समर्थन करते है जाने अनजाने में. तो इस घटना के पीछे की साजिश का पर्दाफ़ाश करना और बलि के बकरे को बचाना यह दोनों चीजे बहुत ज्यादा फायदेमंद होगी. चूँकि पहले से ही करीब 70 लाख (यह आंकड़ा सिर्फ सोशल डायरी के सर्वे का है. कुल मिलाकर करोडो के पार जाता है) तैयार बैठे है सच्चाई जानने के लिए. और अगर कोई सच्चाई जानना चाहे तो उन्हें सच्चाई से रूबरू कराने वाले कई ऐसी बड़ी हस्तिया है जिनका फर्ज है के लोगो को सही मार्गदर्शन करे. और सही रास्ते से रुबरो कराये जिससे लोग भटकने से बाच जायेंगे और दुश्मनों का फायदा करने से भी.......
सबसे बड़े इस्लाम विरोधी का मुसलमानों के समर्थन और जाकिर नाईक के विरोध में बयान आना बहुत बड़ी साजिश की और इशारा है. 




यह आरएसएस के मुस्लिम मंच के लोग 


आरएसएस प्रणित राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के लोग प्रचार करते हुए.


कल एक खबर छपी के बरेली से जाकिर नाईक को गिरफ्तार करने की मांग उठी. यह खबर अमर उजाला ने छपवाई. गिरफ्तार करने की मांग तो की लेकिन उन्होंने जाकिर नाईक के आतंकवादी होने का सबूत नहीं दिया. कई बुद्धिजीवियों का कहना है की जाकिर नाईक की गिरफ्तारी की मांग करने वाले लोग आरएसएस प्रणित मुस्लिम मंच के लोग है. जिनको पैसा मुल्ता है आरएसएस केलिए काम करने से. पिछले दिनों एक खबर ने सोशल मीडिया पर हंगामा मचाया था की, 74 संगठन इस्लाम और मुसलमानों को बदनाम करने के लिए करोडो रुपये खर्च कर रहे है. और एक सोचने वाली बात है जो कई लोगो के समझमे नहीं आत्ती. जी योगी आदित्यनाथ ने मुस्लिमो के खिलाफ जहरीले बयान देने के अलावा अपने जिंदगी का एक लम्हा भी नहीं जाया किया वह भी आज अचानक मुसलमानों के समर्थन में उतर आया. यह किसी गहरी साजिश से कम नहीं. इस बात पर एक मोहोतरमा ने इस तरह की टिपण्णी की

शिल्पा पटेल इन मोहोत्रमा का बयान बहुत कुछ सोचने को मजबूर करता है.
बुद्धिजीवी लोग इन चार लाइन पर 4 घंटे तक भाषण दे सकते है.
कुछ बुद्धिजीवियों का मानना है की मुसलमान सडको पर उतरे और एससी, एसटी, ओबीसी  को हिन्दू बनाकर उनका वोट बीजेपी के खाते में कन्वर्ट करने का यह प्रोग्राम है. लेकिन वह लोग कुछ सिमित जगहों पर यह बात रख रहे है. अगर यह बात सच है तो फिर इस बात को आग की तरह फैलाने का काम भी उन्हीका है जो यह बात करते है. अगर यह साजिश है तो समझलो की इस साजिश में मुसलमान फंसने की तयारी में लगे है. अब इस साजिश का पर्दाफ़ाश नहीं किया जाएगा तो जानते हुई भी सच बात को छुपाने का सबसे बड़ा गुनाह वह लोग कर रहे है जो लोग सभी साजिशो को जानते है ऐसा माना जाएगा. 


उपरोक्त विषय में लिखे गए किसी भी बात पर हमें आपके सुझाव एवं प्रतिक्रियाओं का इन्तेजार है. अपने सुझाव हमें ईमेल कर सकते है. आपके सुझाव हमारे गलतियों को सुधार सकते है, और हमारी सच्चाई को प्रोत्साहन दे सकते है. दोनों सूरत में आपके सुझाव हमारे लिए महत्वपूर्ण है. आपके हर सवाल का जवाब भी उन एक्सपर्ट द्वारा दिया जाएगा जिस विषय पर आपका सवाल हो. – अहेमद कुरेशी (सम्पादक)


Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad

Hollywood Movies