कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के अनुवांशिकी वैज्ञानिक आब्रे डिग्रे ने दावा किया है कि 1000 साल तक जिंदा रहने वाला शख्स धरती पर पैदा हो चुका है और इस वक्त उसकी उम्र करीब 15 साल है।
आप शायद यह सोच रहे होंगे कि ऐसा कैसे हो सकता है। लेकिन वैज्ञानिक आब्रे डग्रे ने इसके साबित करने के लिए मल्टी ऑर्गन चेंजेज और मेडिकल वर्ल्ड को कंप्यूटर तकनीक से लैस करने की बात कही है। उन्होंने दावा किया है कि इसकी मदद से 1000 साल तक जिंदा रहा जा सकता है।
यह दावा करीब-करीब इंसान की अमरता की ओर इशारा करता है। अमरता संबंधी अब तक के रिसर्च में सबसे चौंकाने वाले परिणाम बड़े विश्वविद्यालयों के अनुवांशिकी प्रयोगशालाओं द्वारा निकले हैं, लेकिन आब्रे का मानना है कि अनुवांशिकी पर अनुसंधान का मतलब सिर्फ अमरता के तरीके खोजना नहीं है। इस मामले में जीव विज्ञानी समाज दो भागों में बंटा है। विरोधी इसे मानवता और नैतिकता के खिलाफ मान रहे हैं।
इंसानी शरीर की उम्र:
आंख
इंसानी आंख सामान्यत: 50 से 60 साल तक अपनी पूरी क्षमता से कार्य करती है। इसका विकल्प अब तक नहीं बना है।
दिल
दिल को बदलने की तकनीक पर विज्ञानी समाज एकमत है। इसे अगले 50 सालों में हासिल किया जा सकता है।
दिमाग
प्रो आब्रे के मुताबिक, इंसान की 1000 साल की उम्र में दिमाग सबसे बड़ा बाधक है। वे दिमाग की कंप्यूटर प्रतिकृतियां बनाकर उसे लगातार रिप्लेस करने की बात कहते हैं। यानी कॉपी-पेस्ट जैसा।
किडनी
किडनी की सामान्य उम्र 80 साल है। बेहतर जीवनशैली से इसे बढ़ाया जा सकता है और इसकी कंप्यूटरीकृत इमेज भी बनाना संभव हो सकेगा।
त्वचा
त्वचा की झुर्रियां यानी इसके मृत सैल को बदलना बड़ी बात नहीं है। आब्रे के अनुसार त्वचा विज्ञान तेजी से तरक्की कर रहा है, उसके मुताबिक अगले 30-40 साल में झुर्रियां बीते जमाने की बात होंगी।
फेफड़े
फेफड़ों को पूरी तरह रिप्लेस करने के बारे में कई रिसर्च चल रही हैं। इनके सकारात्मक नतीजे अगले 20 से 30 साल में मिलेंगे।
लिवर
लिवर के काम करने और खुद को ठीक करने की क्षमता आश्चर्यजनक है। इसे 1000 साल तक काम करने लायक बनाया जा सकता है।
जोड़
घुटने और शरीर के अन्य जोड़ मनुष्य के शरीर की सबसे कमजोर कडिय़ां हैं। इनके रिप्लेसमेंट पर मेडिकल साइंस ने काफी तरक्की की है। आने वाले समय में यह कोई समस्या नहीं रह जाएंगे।