सवाल गाय में आस्था का होता तो अल कबीर जैसे मीट प्लांट में आग लगाते, सवाल आस्था का होता तो ऋषि कपूर जैसो के घर मे घुसकर तोड़ फोड़ करते,सवाल आस्था का होता तो किरण रिज़्ज़ु जैसा मंत्री तुम्हारी अपनी सरकार मे अब तक ना होता,सवाल आस्था का होता तो एक कथित हिंदूवादी सरकार देश को नम्बर एक ना बना पाती बीफ एक्सपोर्ट में, सवाल आस्था का होता तो गाय सड़क पर कूड़ा खाती ना फिरती। पर यहा सवाल आस्था का नही नफरत का था।
फेसबुक पर चोरो की संख्या में बढ़ोतरी, गढ़े पोस्ट चोरी कर रहे है और अपने नाम से अखबारों में छपवा रहे है. उनको लगता है की, लोग उनकी तारीफ़ करेंगे और वाह वाह करेंगे लेकिन गधा गधा होता है. जब पोल खुली तो मुह दिखाने के लायक नहीं रहते गधे.......
इसपर रिंकी दास का खुबसूरत जवाब
लोग पोस्ट चोरी, कॉपी पेस्ट होने का रोना रोते रहते है। बड़ी हसी आती थी उनकी बात सुनकर। पोस्ट तो कॉपी पेस्ट होने के लिये ही होती है ये तो फेसबुक का सास्वत सत्य है। पर कल सोने से 2 मिनट पहले जो देखा उसने नींद ही उड़ा दी। एक भाई साहब ने हमारी पोस्ट अपने नाम से नवभारत टाइम्स जैसे अख़बार में अपने नाम और फ़ोटो के साथ छपवाई और उसकी कटिंग अपनी वाल पर लगा कर लोगो से खूब वाह वाही भी लूटी। हैरानी भी हुई थोड़ी ख़ुशी भी हुई थोडा सा गुस्सा भी आया। फिर ये सोचकर अपने मन को तसल्ली दी (झूटी वाली) की विचार लोगो तक पहुचने चाहिये। कोई भी माध्यम हो और अपनी पीठ खुद ही थपथपाकर सो गए। खैर अब अंत में मुबारकबाद इन भाई साहब को। — feeling घोर कलियुग.