Homeसुनो किसी शायर ने ये कहा बहुत खूब सुनो किसी शायर ने ये कहा बहुत खूब social diary June 04, 2016 0 अपनों के दरमियान सियासत फिजूल है..... मकसद ना हो जब कोई बगावत फिजूल है...... नमाज, रोजा, जकात, सदका, खैरा, या हज.......! माँ बाप नाखुश तो हर इबादत फिजूल है..........! Newer Older