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आतंकवादियों ने युवक को नंगा कर पिटा, पुलिस ने भी दिया साथ

लगता है सबसे बड़ा गुनाह तो मुसलमान होना है. क्यूंकि इससे पहले आतंकवाद के नाम पर मुसलमानों को जेलों में ठुंसा जाने का सिलसिला जारी था (अब भी है लेकिन तरिका अलग है) 10-20-25 साल बाद न्यायालय उन्हें बाइज्जत बरी कर देती है. फर्जी गिरफ्तारियो के सबूत नहीं होते. गिरफ्तार किये गए बेगुनाहों को अदालते रिहा कर रही है यह बात जब इन लोगो के समझ में आई तो इन लोगो ने सोचा. के अब गिरफ्तारिया नहीं होगी. हम खून न्यायदेवता बनेंगे. और इन कट्टरपंथी लोगो ने रास्तो पर, सडको पर न्याय दिलाना शुरू किया. कभी जियाउल अख, कभी अखलाख, कभी मोहसिन इस तरह के न्याय सडको पर किये गए है. और इन न्याय प्रक्रिया में पुलिस का भी साथ सहयोग रहा. यह बात बहुत खतरनाक है. 

राजस्थान में बैल से भरा ट्रक को पकड़कर उसके चालाक को बेरहमी से पिटा गया. जिसमे पुलिस ने उन दंगाईयो का खुलकर सहयोग किया. इसपर सोशल मीडिया पर बवाल मचा हुआ है.


देखिये किसने क्या कहा. और बताईये आपकी क्या प्रतिक्रया है.

बगदादी और भाजपाई में अंतर कहां है ?
गौरक्षा के नाम पर पुलिस की मौजूदगी में अगर सडकों पर इसी प्रकार भगवा आतंकवादी न्याय करते आ रहे हैं तो बताइए बगदादी और भाजपाई में क्या अंतर है ?

राजस्थान के छोटीसादडी में बैलो से भरा ट्रक लेकर जा रहे लोगों को इंडियन मुजाहिदीन उर्फ़ बजरंगदल उर्फ़ “कथित गौ सेवक” के आतंकवादियों ने पकड़ लिया और जो आतंक और दहशत की तस्वीर पेश की उसे सुनकर आप सहम जायेंगे । आतंक का नंगा नाच कई घंटो तक चलता रहा, आतंकियों के साथ में मौजूद पुलिस ने भी आतंकवादियों को समर्थन दिया, चश्मदीदों की माने तो पुलिस का कहना था किसके विरुद्ध कार्यवाई करें ये गुंडे नहीं भाई हैं हमारे जाति-धर्म वाले हैं। 

यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, पुलिस के मूक दर्शक बने रहने व आतंकियों का समर्थन करने से सोशल मीडिया यूजर्स खासी नाराज़गी व्यक्त कर रहे हैं। 

अब मीडिया भी अफीम के नशे से जाग गई है और न्यूज़ चलाना शुरू कर दिया है, लेकिन अब भी एक बड़ा सवाल यह है कि क्या सरकार के तरफ से भाजपा शासित राज्यों में गौसेवा की आड़ में संघी आतंकवादियों को आतंक फैलाने का लाइसेंस दे दिया गया है, हमें तो कुछ ऐसा ही दिखाई दे रहा, आपको दिखाई नहीं दे रहा तो आप जाने व आपकी नज़र जाने।

#‎रक्षक_भक्षक_बन_गए‬
आज पुलिस का दो मामलो में शैतानी रूप दिखा जो सीधे तोर पर ये दिखाता है एक समुदाय विशेष के प्रति उनके अंदर कितनी नफरत है।
पहला मामला राजिस्थान का जहाँ गो तस्कर के आरोपी को पुलिस ने हिंदू स्टेट के गुंडों के साथ पीट पीट कर मार डाला।
और दूसरा मामला मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले के महिदपुर कस्बे का जहाँ अब्दुल कदीर नाम के युवक को मामूली आरोप में गंजा कर जूतों का हार पहना कर क़ानून की धज्जिया उड़ाते हुए भरी दोपहर में पुरे शहर में जुलूस निकाला।
Umar Faruqe Afridi की वाल से कॉपी


भूरसिंह मीणा इस घटना की जिम्मेदार गाय माता ही है।
LikeReply113 hrs

 Kyu हैं गाय माता इसकी जिम्मेदार ।

मतलब गाय को माता बनाया हम लोगो ने ,और इन लोगो को मारा हमने , गाय के नाम पर हिंसा , पैसा ,लूट की इंसानो ने और दोष देते हो उस बेजुबान जानवर को जो की इंसानो की इस घिनोनी हरकत की वजह से आज और जानवरो की अपेक्षा बिल्कुल नारकीय जीवन व्यतीत करने को मजबूर है ।

और आज नही तो कल इसी तरह की स्थिति इंसानो की भी हो सकती है जिन्होंने इंसान ही नही बल्कि इन बेजुबान जानवरो को भी माता आदि में बाट दिया ।

और शर्म की बात तो ये है की आज कल उनके नाम पर राजनीति भी होने लगी है 

सोच बदलो


अगर सभी कट्टरपंथी खुद न्याय करेंगे और पुलिस उनका साथ सहयोग करेगी तो फिर अदालतों में कौन जाएगा ? कानून नाम की कोई चीज है की नहीं? क्या हर कट्टरपंथी खुद ही कानून बन गया है ????

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