इंसानों को काट दिया जाता है, सडको पर नंगा कर मार दिया जाता है, गंजा कर रैली निकाली जाती है, न्यूज चैनलो पर बड़ी बहस छिड़ जाती है, प्राईम टाइम में चर्चा होती है. और कहा जाता है की हमारी भावना आहात हुई है. कोई भी किसी भी धर्म का हो, अगर किसी भी धर्म के विरोध में कोई कुछ भी करता है तो भावनाए आहात होना गलत नहीं है. भावनाए तो सबकी होती है. और इसके लिए कानून भी है. कानून से सजा का हकदार है वह जो धार्मिक उन्माद फैलाता है और दूसरो की धार्मिक भावनाओं को आहात करता है. लेकिन यहाँ तो गुंडे इन्साफ करने लगे है. और शर्म की बात तो यह है की, पुलिस भी इनका साथ देती है. सडको पर इन्साफ होने लगे है.
लेकिन सोचने वाली गंभीर बात तो यह है की, जब कई माता बहनों का खुलेआम गैंग रेप किया जाता है तब भावनाए आहत क्यों नहीं होती ? गुंडे लोग सडको पर बलात्कारियो को सजा नहीं देते. और पुलिस भी इस वक्त गुंडों का साथ नहीं देती. क्या यह महिलाए धार्मिक नहीं है ? क्या सिर्फ इसलिए की यह महिलाए धार्मिक तो है लेकिन जानवर नहीं है इसलिए इनके समर्थन में कोई बलात्कारियो को सजा नहीं देता ? आईये देखते है उस खबर की नई रिपोर्ट.
मुरथल में हुआ था गैंगरेप: ढाबे में बिना कपड़ों के आई थीं लड़कियां, लोगों ने दिया था कंबल
सोनीपत/चंडीगढ़।जाट आंदोलन के दौरान हुई हिंसा की जांच के लिए बनी प्रकाश सिंह कमेटी की रिपोर्ट सोमवार को हाईकोर्ट ने सौंप दी। इस रिपोर्ट में कन्फर्म किया गया है कि हरियाणा के मुरथल में गैंगरेप हुआ था। एमिकस क्यूरे अनुपम गुप्ता ने बताया कि रिपोर्ट में कहा गया है कि आंदोलन में हिंसा के दौरान मुरथल के एक ढाबे में कई लड़कियां बिना कपड़े के जाने को मजबूर हुई थीं। उन्हें कंबल और कपड़े देकर लोगों ने बाद में घर तक पहुंचाया था।
कमेटी के मेंबर्स ने लिया था ढाबा मालिक का बयान…
– गुप्ता का कहना है कि हाईकोर्ट को सौंपी गई रिपोर्ट में इसके बारे में बताया गया है।
– रिपोर्ट में हालांकि की ढाबे व उसके मालिक का जिक्र नहीं हैं, लेकिन प्रकाश सिंह कमेटी के तीन मेंबर्स ने ढाबा मालिक के बयान दर्ज किए हैं।
– ढाबा मालिक के मुताबिक जाट आंदोलन में हिंसा के दौरान उनके ढाबे पर कुछ लड़कियां बिना कपड़े के पहुंची थीं।
ऐसे सामने आया था गैंगरेप का मामला
-जाट आंदोलन की आड़ में मुरथल में महिलाओं से हुए गैंगरेप का मामला सोशल मीडिया के जरिए सामने आया था।
-इसे लेकर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सख्त तेवर अपनाए और सरकार से जवाब तलब किया।
-हाईकोर्ट को जब मामले का पता चला तब ऑर्डर दिया कि पीड़ितों को शिकायत दर्ज कराने के लिए पुलिस स्टेशन जाने की जरूरत नहीं।
-पीड़ितों को अपनी शिकायत चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट को दर्ज करवाने की सहूलियत दी गई।
-शुरू में तो मुरथल में गैंग रेप की घटना से पुलिस इनकार करती रही लेकिन यहां के मशहूर सुखदेव ढाबे के पास से महिलाओं के फटे कपड़े मिले। उनके फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे।
-मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक करीब 30 लोगों की भीड़ ने कई कारों को रोका और इनमें आग लगाई थी।
– इन लोगों ने 10 महिलाओं के साथ गैंगरेप किया था। लोगों ने इन्हें कपड़े दिए तब जाकर महिलाएं खेतों से बाहर आ सकीं थीं।
(खबर हरियाणा अब तक से साभार)