मिल्ली गज़ट के पत्रकार पुष्प शर्मा ने एक RTI के फर्जीवाड़े के आरोप में मुकदमे में जमानत पर रिहा हुयें है उन्होंने एक RTI को दिखा के दावा किया था कि आयुष मंत्रालय मुस्लिम को योग टीचर ना बनाने की नीति अपना राखी है हलाकि पुष्प शर्मा के दावों को खारिज़ कर आयुष मंत्रालय ने RTI को ही फ़र्ज़ी बता कर पत्रकार पुष्प शर्मा पर अपराधिक मुक़दमा दर्ज कर दिया था
जिसके कारण पुष्प शर्मा को जेल के अन्दर भी रहना पड़ा था लेकिन निचली अदालत ने उनकी जमानत अर्जी को स्वीकार कर पुष्प शर्मा को रिहा कर दिया है जेल से बाहर आ कर उन्होंने उनके मुक़दमे में उनसे पूछताछ करने वाले पुलिस अफसरों पर गंभीर आरोप लगाये है .
पुष्प शर्मा ने फेसबुक पर पोस्ट लिखकर कहा है कि पुलिस ने उन पर मुस्लिम होने का शक ज़ाहिर किया और कहा कि तुम मुसलमान बन चुके हो इसलियें आयुष मंत्रलाय पर ऐसा आरोप लगा रहे हो .पुष्प शर्मा का कहना है जब उन्होंने इनकार किया तो पुलिस ने उनसे कहा कि आप साबित कीजिये आप मुसलमान नही है वो पवित्र कुरान मेरे सामने लाये और मुझको कुरान पर थूकने और पेशाब करने के लियें मजबूर कर दिया .
पुष्प शर्मा के बयान से कुछ गंभीर बातो का खुलासा होता है. सिर्फ मुसलमान होने के शक में कुरआन पर पेशाब करने और थूकने के लिए एक वरिष्ठ पत्रकार को मजबूर किया जाता है. तो उन बेगुनाह मुसलमानों को जब हवालात में बंद किया जाता है. तो उनसे क्या क्या करवाते होंगे उपरवाला ही जाने. इसीलिए हर कोई 15-20-25-30 साल बाद जब बाइज्जत बरी होता है तो यही कहता है के "मैं एक ज़िंदा लाश हूँ" - संपादक