कुछ खबरें बहुत चौंकाती हैं। खबर किसी खूबसूरत मोहतरमा की हो तो और भी।
अभी साल दो साल पहले ही 19 जून 2019 को तुर्की जाकर कोलकत्ता के व्यापारी निखिल जैन से शादी करने वाली टीएमसी सांसद नुसरत जहाँ अब अपने सह अभिनेता यश दासगुप्ता से गर्भवती हैं और उनके पति निखिल जैन कह रहे हैं कि उनकी नुसरत जहाँ से पिछले 1 साल से कोई बातचीत तक नहीं।
मज़ेदार बात यह है कि निखिल जैन के लिए करवाँचौथ का ब्रत रख चुकी नुसरत जहाँ अब कह रही हैं कि उनकी निखिल जैन से शादी वैध नहीं थी।
उनको अब 24 महीने बाद समझ में आ रहा है कि चुँकि उन्होंने अपना धर्म नहीं बदला था इसलिए उनकी शादी का पंजीरण स्पेशल मैरेज ऐक्ट के ज़रिए होना चाहिए था जो कि नहीं हुआ इसलिए निखिल जैन से उनकी शादी अवैध है। उनके अनुसार "यह एक रिश्ता या 'लिव-इन-रिलेशनशिप है ऐसे में तलाक लेने का सवाल ही नहीं उठता"।
हैरानी की बात यह है कि इस अवैध शादी को वह पिछले 2 साल से निभा कर अब यश दास गुप्ता से गर्भवती हैं।
जबकि हकीकत यह है कि नुसरत जहाँ अपने जिस धर्म को ना बदलने का हवाला दे रही हैं उसे उन्होंने कभी निभाया ही नहीं , और अपने इन ऐय्याशियों के कारण वह स्वतः ही अपने धर्म से खारिज हो चुकी हैं, बस उनके साथ उनका उर्दू नाम ही चिपका हुआ है।
ऐसी औरतें सोनागाछी और जीबी रोड की वैश्याओं से भी बदतर होती हैं पर आश्चर्य की बात है कि समाज को प्रभावित करती ऐसी औरतों का #सड़ा_हुआ_समाज निंदा नहीं करता , बल्कि वह नकाब हिजाब करतीं शरीफ और रिश्तों का एहतेराम करतीं पाक औरतों पर उनके पहनावे पर आक्रमण करता है।
परदा से लेकर तमाम इस्लामिक व्यवस्था पर आक्रमण करतीं ललनिया टाईप फैमिनिस्ट भी नुसरत जहाँ की निंदा नहीं करेंगी। उनको हिजाब नकाब करती ख्वातीन गुलामी में जी रही लगती हैं , शादी किसी और से बच्चा किसी और का वाली औरतें उनके लिए महिला स्वाभिमान का प्रतीक हैं।
दरअसल नुसरत जहाँ के साथ जो हुआ है वह उसी लायक हैं , इंसान ऐय्याशी में जब अपने धर्म और संस्कृत की बेड़ी तोड़ कर खुद को माॅडर्न दिखाने के लिए आगे बढता है तो उसको निखिल जैन और यश दासगुप्ता जैसे लोग ही मिलते हैं।
खेला खाया और आगे बढ़े
और लोग जब फंसते है तो धर्म की दुहाई देते है जैसे नुसरत जहाँ दे रही हैं। नुसरत जहाँ ने अपने धर्म को उसी दिन त्याग दिया जिस दिन अपनी धार्मिक व्यवस्था द्वारा स्थापित वैवाहिक व्यवस्था को नकार कर दूसरे धर्म की वैवाहिक व्यवस्था से विवाह किया था।
जिस धर्म के आधार पर नुसरत अब अपने विवाह को अवैध बता रहीं , उनको पता होना चाहिए था कि उसी धर्म के अनुसार उनका किया यह विवाह पहले से ही अवैध था और वह केवल जिनाकारी कर रहीं थीं पहले निखिल जैन से और अब यश दासगुप्ता के साथ।
ऐसे लोग ज़िन्दा चमड़े की बदौलत जीवन में सब कुछ पाते हैं , और चमड़ा घिसता या फटता नहीं पर ढीला ज़रूर पड़ता है और उसके ढीला पड़ते ही इनका सुर्यास्त हो जाता है।
बेशुमार लानत
स्वतंत्र पत्रकार Mohd Zahid सामाजिक कार्यकर्ता और लेखक है ।