दुनिया मे हर साल 10 लाख लोग कबूल करते है इस्लाम - रिपोर्ट
अलग अलग स्त्रोतों से मिली जानकारी के अनुसार अमेरिका में हर साल 25000 लोग इस्लाम क़बूल करते हैं . इसी तरह ब्रिटेन में 5000, जर्मनी में 4000, फ्रांस में 4000-7000, रूस में 5000-10000, सिंगापुर में 500, आयरलैंड में 500, स्पेन में 2000-4000 लोग इस्लाम क़बूल करते हैं . बाकी देशों का डाटा नहीं मिला .
कुछ रिपोर्ट अमेरिका में हर साल 1 लाख लोगों के इस्लाम क़बूल करने का भी दावा करती हैं .
हालांकि ये रिपोर्ट 100% विश्वसनीय तो नहीं कही जा सकती क्योंकि सरकारी स्तर पर ऐसा कोई आंकड़ा मौजूद नहीं होता है, मगर सरसरी तौर पर यकीन किया जा सकता है .
धर्म परिवर्तन पर "United nations universal declaration of human rights" के कानून की धारा 18 के अनुसार धर्म परिवर्तन को बेसिक ह्यूमन राइट करार दिया गया है . भारत के संविधान में भी अनुच्छेद 25 हर व्यक्ति को अपनी पसंद का धर्म चुनने की आज़ादी देता है, ये भी मूल अधिकार की श्रेणी में आता है .
इन सब कानूनों के बावजूद दुनिया में एक ऐसा देश भी है जहाँ के लोग गाय है गाय... इतने गाय है बेचारे कि कोई उनके कान में आकर कह देता है कि "कहो, ला इलाहा इल्लल्लाह" तो फट से जवाब देते है "क़बूल है, क़बूल है, क़बूल है".
माना एक देश के लोग गाय है गाय, पर यूरोप और अमेरिका के शातिर दिमाग़ और शिक्षित लोग कैसे लाखों की तादाद में इस्लाम क़बूल कर रहे हैं . क्या उन्हें भी कोई बहला फुसला रहा है . अगर लोगों को बहला फुसलाकर धर्म परिवर्तन कराना इतना आसान है तो लोग इस्लाम ही क्यों स्वीकार करते हैं . दुनिया में बाकी और भी तो धर्म है .
सच तो ये है कि इंसान जब सत्य की खोज में निकलता है तो उसकी खोज इस्लाम पर ही जाकर खत्म होती है . इंसान हवा में धर्म परिवर्तन नहीं करता है, धर्म परिवर्तन करने वाला इंसान सभी धर्मों की स्टडी करता है तब जाकर किसी एक धर्म को स्वीकार करता है . जिन लोगों को लगता है कि लोग धोखे से इस्लाम क़बूल कर रहे हैं वे डॉ निशिकांत चटोपध्याय की किताब "why have i accepted islam" पढ़ सकते हैं .
~ ज़फर सैफी