नई दिल्ली : कोरोना महामारी के दौर में मरकज़ को लेकर मीडिया के कंधे पर चढ़कर मुल्क में जो तमाशा हो रहा है, ये सब आगामी समय में CAA NPR और NRC की ज़मीन तैयार करने के लिए तय शुदा गेम प्लान के तहत किया जा रहा है। ताकि अगली बार 'आप' मैदान में अकेले हो जाएँ, और एक अपराधी की तरह नज़र आएं।
ये भी तय है कि आने वाले समय में CAA NPR और NRC को और भी ज़्यादा सख्ती और ताक़त से इम्प्लीमेंट किया जाने वाला है, और शायद तब फिर से खड़ा होने वाला कोई भी 'शाहीन बाग़' इसे नहीं रोक पायेगा, लिख कर रख लीजिये। आपकी हमारी सोच जहाँ खत्म होती 'ये लोग' वहां से सोचना शुरू करते हैं।
-Syed Asif Ali
आईये अब बात करते हैं न्यूज़ टाइटल की तबलीग जमात की तरफ से ऐसी कोई अधिकृत घोषणा की पुष्टि तो नहीं हुई है फिर भी यह लिखना इसलिए ज़रूरी है की, अगर ऐसा नहीं हुवा तो आने वाले समय मैं उपरोक्त परेशानियों का सामना करना पढ़ सकता है वक़्त रहते देश मैं मुसलमानों के खिलाफ जहर फैलाने वाली सांप्रदायिक मीडिया पर लगाम नहीं लगाया गया तो और भी मुश्किलें बढ़ेगी. आपको बता दें की तबलीग जमात में दुनियाभर में लगभग 25 करोड़ फॉलोवर्स है. देश में भी करोड़ो फॉलोवर्स है. हमें कानून इजाजत देता है की, इस तरह से देश का माहौल खराब करने वालों पर कारवाही की जा सकती है. तन्ब्लिग़ ज़मात को कानून का सहारा लेना चाहिए. और तबलीग ज़मात को तमाम मसलक के अनुयायियों का भी समर्थन मिले. ऐसा नहीं हुआ तो जाकिर नाईक की बारी हो गयी, तबलीग ज़मात टारगेट पर है, कल अहले सुन्नत ज़मात, परसों अहले हदीस, इस तरह से सभी का नंबर आयेगा. इस बात पर ध्यान देना चाहिए.
-Syed Asif Ali
आईये अब बात करते हैं न्यूज़ टाइटल की तबलीग जमात की तरफ से ऐसी कोई अधिकृत घोषणा की पुष्टि तो नहीं हुई है फिर भी यह लिखना इसलिए ज़रूरी है की, अगर ऐसा नहीं हुवा तो आने वाले समय मैं उपरोक्त परेशानियों का सामना करना पढ़ सकता है वक़्त रहते देश मैं मुसलमानों के खिलाफ जहर फैलाने वाली सांप्रदायिक मीडिया पर लगाम नहीं लगाया गया तो और भी मुश्किलें बढ़ेगी. आपको बता दें की तबलीग जमात में दुनियाभर में लगभग 25 करोड़ फॉलोवर्स है. देश में भी करोड़ो फॉलोवर्स है. हमें कानून इजाजत देता है की, इस तरह से देश का माहौल खराब करने वालों पर कारवाही की जा सकती है. तन्ब्लिग़ ज़मात को कानून का सहारा लेना चाहिए. और तबलीग ज़मात को तमाम मसलक के अनुयायियों का भी समर्थन मिले. ऐसा नहीं हुआ तो जाकिर नाईक की बारी हो गयी, तबलीग ज़मात टारगेट पर है, कल अहले सुन्नत ज़मात, परसों अहले हदीस, इस तरह से सभी का नंबर आयेगा. इस बात पर ध्यान देना चाहिए.
आपको बता दें की तबलीग जमात का देश में हर साल इज्तेमा होता है जिसमे दस, बीस, पचास लाख लोग आते है, आज तक का इतिहास है इतनी बड़ी भीड़ के बावजूद कभी यातायात की समस्या आई ना कभी सांप्रदायिक मामला खडा हुआ. देश के बड़े बड़े अफसरों के बयान भी आप देख सकते है, कई अफसरों ने कहा की, “तबलीग जमात के इज्तेमा में हमें किसी बी बात की चिंता नहीं होती है” बावजूद इसके जमात पर घटिया आरोप लगाकर देश के हिन्दू समुदाय को मुसलमानों के खिलाफ भड़काना जुर्म है. और इस जुर्म के लिए मुसलमानों को कानून का सहारा लेना चाहिए.
माज़रत के साथ सोशल मीडिया यूज़र को आव्हान
जब भी कोई इस्लाम या मुसलमान के खिलाफ आपत्तिजनक टिपण्णी करता है जिससे दो समुदाय में नफरत बढ़ सकती है ऐसे पोस्ट, विडियो, फोटो वायरल ना करे. इन चार दिनों में देखा गया है की तबलीग जमात के खिलाफ उगले जा रहे जहर को मुसलमानों ने ही सबसे ज्यादा हवा दी है. जिसका सीधा मतलब निकाला जा सकता है के आप खुद ही खुद की बदनामी करने वालों का साथ दे रहे हो. सोशल मीडिया पर कई उच्च शिक्षित लोगों ने अपील भोई की है के, जज्बाती लड़कों से उनके परिवार के लोग मोबाइल फोन छीन लें, और ऐसा पोस्ट, विडियो, फोटो, Facebook, YouTube, WhatsApp, Tiktok पर वायरल होने से रोके. यह उन जजबाती, कम पढ़े-लिखे, जाहिल लोगों के परिवार की ज़िम्मेदारी है.
जानकारी समझमे आये, सही लगे तो अपने 4 दोस्तों तक पहुँचाओ, इसमें इजाफा करना हो या हमारी गलतियाँ खामियां हो तो हमें socialdiary121@gmail.com इस ईमेल पर ज़रूर भेएं – धन्यवाद
जब भी कोई इस्लाम या मुसलमान के खिलाफ आपत्तिजनक टिपण्णी करता है जिससे दो समुदाय में नफरत बढ़ सकती है ऐसे पोस्ट, विडियो, फोटो वायरल ना करे. इन चार दिनों में देखा गया है की तबलीग जमात के खिलाफ उगले जा रहे जहर को मुसलमानों ने ही सबसे ज्यादा हवा दी है. जिसका सीधा मतलब निकाला जा सकता है के आप खुद ही खुद की बदनामी करने वालों का साथ दे रहे हो. सोशल मीडिया पर कई उच्च शिक्षित लोगों ने अपील भोई की है के, जज्बाती लड़कों से उनके परिवार के लोग मोबाइल फोन छीन लें, और ऐसा पोस्ट, विडियो, फोटो, Facebook, YouTube, WhatsApp, Tiktok पर वायरल होने से रोके. यह उन जजबाती, कम पढ़े-लिखे, जाहिल लोगों के परिवार की ज़िम्मेदारी है.
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