Mr फडणवीस जी, भूलिए मत कि उस मुख्यमंत्री के अंदर एक 'ठाकरे' भी हैं ....।
मुंबई : महाराष्ट्र एक गंभीर और विकट स्थिति से गुजर रहा है, बहुत संवेदनशील स्थिति का सामना कर रहा है, असंख्य कष्टों का सामना कर रहा है। इसके कारण, महाराष्ट्र कुछ महीने पहले ही एक निर्णायक सरकार की भूमिका में आया। सरकार दिवालिया थी, केंद्र से जीएसटी समाप्त हो गया था, राज्य में बैंक और उद्योग अव्यवस्था की स्थिति में थे और जैसे ही सरकार इससे उबरने लगी, कोरोना जैसी प्राकृतिक आपदा, एक वैश्विक तबाही आ खडी हुई।
जीएसटी के रूप में राजस्व की सबसे बड़ी राशि इकट्ठा करने के मामले में महाराष्ट्र नंबर एक राज्य है, और इसलिए इस कठिन समय में केंद्र तक पहुंचने की आवश्यकता है। और केंद्र इ पहुँचने से पहले ही केंद्र ने हाथ खड़े कर दिए । फिर उपाय के तौर पर खुले हाथो से मदद करने को कहा तो RBI को कंधे पर लेकर taxation क शर्त बताकर राजनीति की गयी ।
हालाँकि, जब उद्धव साहेब एक राजनयिक योद्धा की तरह लड़ रहे है, तब आप उनकी समयसीमा का एक पेचवर्क बना कर राज्यपाल के चौखट पर चप्पल फाड़े जा रहे हो । महाराष्ट्र की इस भूमि पर कोरोना अहमारी का संकट है और दूसरी तरफ उस संकट को दूर करने की लड़ाई है, और यदि आप इसमें राजनीति करते हैं, तो यह मत भूलिए कि उस मुख्यमंत्री के अंदर एक ठाकरे है।
राज राजापूरकर (प्रदेश सरचिटणीस, ओबीसी सेल राष्ट्रवादी काँग्रेस पार्टी)
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मुंबई : महाराष्ट्र एक गंभीर और विकट स्थिति से गुजर रहा है, बहुत संवेदनशील स्थिति का सामना कर रहा है, असंख्य कष्टों का सामना कर रहा है। इसके कारण, महाराष्ट्र कुछ महीने पहले ही एक निर्णायक सरकार की भूमिका में आया। सरकार दिवालिया थी, केंद्र से जीएसटी समाप्त हो गया था, राज्य में बैंक और उद्योग अव्यवस्था की स्थिति में थे और जैसे ही सरकार इससे उबरने लगी, कोरोना जैसी प्राकृतिक आपदा, एक वैश्विक तबाही आ खडी हुई।
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