डॉ. साइमन की लाश लेकर भटकते रहे डॉ. प्रदीप, लोग बरसाते रहे पत्थर, नहीं होने दिया अंतिम संस्कार
चेन्नई : हमारी भारत की ज़हरीली मीडिया को हिन्दू मुस्लिम से फुर्सत नहीं मिल रही है । रात दिन हिन्दू मुस्लिम, तबलीगी का फर्जी रोना रोते रहते है ।जमात के लोगों के डॉक्टर पर थूकने, उसे मारने, दौड़ाने की मनगढ़ंत न्यूज़ तो बहुत आ जाती है, पर ऐसी न्यूज़ आपको पढ़ने को क्यों नहीं मिलती? चैन्नई के मशहूर डॉक्टर सिमोन हरक्यूलिस की कोरोना से रविवार को मौत हो गई। वे कोरोना संक्रमित मरीज़ का इलाज करते खुद भी संक्रमण का शिकार हो गए थे। लेकिन डॉक्टर साहब जिंदगी की जंग हार गए।
उनके नजदीकी मित्र, सहयोगी डॉक्टर प्रदीप उनके अंतिम पलों में साथ थे। वे उनका शव लेकर शहर के कब्रगाह में दफनाने के लिए गए,डॉक्टर प्रदीप ने खुद एम्बुलेंस ड्राइव किया। साथ में दो वार्ड बॉय थे। इससे पहले वे पहुंच पाते भीड़ ने उनके एम्बुलेंस पर अटैक कर दिया। लाठी, पत्थर, बोतलों से उनके ऊपर जानलेवा हमला हुआ। वे कोरोना फैलने के डर से उनके शव को दफनाने का विरोध कर रहे थे, दूसरी कब्रगाह में भी यही हुआ। अंत में डॉक्टर प्रदीप ने रात डेढ़ बजे एक स्थान पर खुद फावड़ा लेकर गड्ढे खोद अपने मित्र को दफन किया इस स्थिति को लेकर बहुत भावुक हुए। तो ये सलूक हो रहा है देश में डॉक्टर के साथ,जो आपके लिए मर गए उन्हें दो गज़ जमीन भी नसीब नहीं। और आपको यह खबर भी पढ़ने को नहीं मिलेगा क्योंकि यहाँ भीड़ का धर्म अलग है।