ताली, थाली और दीया मोमबत्ती। हंसिये मत, हल्के में भी मत लीजिये
Dont trivialise by making Jokes Its not funny
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पहले थाली अब दीया मोमबत्ती। हंसिये मत, हल्के में भी मत लीजिये। महामारी का इस्तेमाल कर भेड़ मानसिकता निर्माण की जा रही है। संकट के समय लोग तार्किक सोच की क्षमता खो बैठते है, खास कर वह समाज जिसमे तार्किक सोच मूलतः ही कम हो। ऐसा समाज संकट के समय एक गॉड फादर को तलाशता है जो संकट से उबार सके। एक के बाद एक प्रयोग कर जनता को भेड़ो में बदला जा रहा है। कल इन्ही भेड़ो को भेड़ियों में बदल उन लोगो पर छोड़ा जाएगा जो आज भेड़ बनने से इन्कार कर रहे है।
-Bhupinder Chaudhry
- - पूरा हिंदुस्तान एक साथ मूर्ख नहीं हुआ है।
- - ऐसा सम्भव ही नहीं हैं कि इस लॉकडाउन के बीच देश के हर कोने में आम जनता तक पटाखे पहुँच जायें।
- - ऐसा सम्भव ही नहीं है कि एक साथ सब को शंख बजाने का शौक़ चढ़ जाये
- - ऐसा सम्भव ही नहीं है कि लोगों को ढोल नगाड़े मिल जायें
एक माहौल बनाया जा रहा है कि सब ऐसा कर रहे हैं, तुम भी करो। भीड़ में शामिल हो जाओ। और हमको तो हमेशा से सिखाया गया है कि भीड़ से अलग नहीं जाना है। इस तरह धीरे-धीरे पैसिव संघियों को एक्टिव करने की साज़िश की जा रही है। लेकिन इनकी संख्या अभी इतनी हुई नहीं है। इनकी योजना शोरशराबे और लॉकडाउन का फ़ायदा उठाकर बुद्धिजीवियों की आवाज़ दबाने की है। उनमें संख्या का डर बैठाने की कोशिश है।
- नेता तो सही है और जनता ही मूर्खता में यह सब कर रही है।
(जनता 'ओके' है। बहुत संसाधन लगाकर उसको मूर्ख साबित करने की कोशिश हो रही है।)
- जनता इसी के लायक है।
( नहीं जनता इसके लायक नहीं है। कम से कम बड़ा तबका तो नहीं)
अपने आप को कमज़ोर और अकेला न समझे।
Never doubt that a small group of thoughtful, committed citizens can change the world; indeed, it's the only thing that ever has.
- Margaret Mead
हवा दूसरी तरफ़ बहेगी तो ये सब पलक झपकाये बिना दूसरी तरफ़ हो लेंगे।