मुसलमान बुरे वक्त में साथ देते है, मुझे उनके प्रति मुहोब्बत है - रीमा भारती
social diaryMarch 12, 2020
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मुसलमान बुरे वक्त में साथ देते है, मुझे उनसे मुहोब्बत है - रीमा भारती
बात है कॉलेज के दिनों का जब मैं ग्रेजुएशन कर रही थी उस वक्त लड़का-लड़की सभी लोगों का दोस्त होते है वैसे ही मेरे भी थे उन दोस्तों में एक राहुल नाम का जो दोस्त था वो मुझपर बुरी नजर रखता था (ये बात बाद में पता चला )
जब मैं कॉलेज आती-जाती मेरे पीछे पड़ा रहता था लेकिन दोस्त होने के नाते कोई भी अहसास नही हुआ और मैं अपना पढ़ाई और कैरियर के बारे में हमेशा सोचती रहती थी इसलिए ध्यान जाता नही था। एक बार कॉलेज टाईम से पहले पहुँचने पर राहुल मुझे मिला और कहा कि चलो क्लास में बैठते है मैं चली गई लेकिन जाते ही मुझसे बलतमीजी करने लगा और कहा कि मैं चाहता हूँ लेकिन मैंने इंकार कर दिया.
और क्लास से बाहर आ गई फिर कुछ दिनों के बाद मैंने अपने सभी दोस्तों को बताया कि राहुल ने मेरे साथ बत्तमीजी किया है और मेरे पीछे पड़ा है आप सब मेरे दोस्त हो इसलिए आप सबसे ये बात बोल रही हूँ मेरा मद्दत करो । सभी ने सुना लेकिन किसी ने कुछ नही बोला । ये सिलसिला कुछ दिनों तक चलता रहा और राहुल मुझे परेशान करता रहा जब बात हद से ज्यादा हो गया तो मैं कॉलेज के बाहर अकेले में रोने लगी लेकिन मुझे क्या पता कि मेरा एक-एक एक्टिविटी को कोई और भी महशूस कर रहा है ,और ये सब देखकर एक लड़का मेरे सामने खड़ा हुआ उससे देखकर मैं चुप हो गई वो कोई और नही मेरे घर के बगल का सहजाद था जिससे मैं 2 साल पहले झगड़ा कर ली थी वो मेरे हाँथ पकड़कर बोला क्या हुआ बहन इतना सुनते ही मैं भैया बोलकर खूब रोई जब मैंने रोना बंद किया तो फिर से उसने पूछा क्या हुआ? और मैंने सहजाद भाई को सब कुछ बता दिया ये सब सुनते ही बोला अब घबराना मत मैं आ गया हूँ।
उसने मेरा हाँथ पकड़ कर राहुल के पास लेकर गया उस समय राहुल कॉलेज के बाहर था । सहजाद ने कहा कि मुझे जानते हो(सहजाद भाई को सब जानते थे क्यों कि वो कराटे चैंपियन था कॉलेज में) उसने कहा हाँ ,और मेरी बहन को ये सुनते ही वो सफेद पड़ गया और वो हाँथ जोड़कर भैया से और मुझसे माफी मांगी । आज मैं खुश हूं और जॉब करती हूँ । सहजाद भाई का शादी हो गया है भाभी भी अच्छी है मुझसे बहुत प्यार करती है कोई भी काम हो बगैर फोन किये कोई काम नही होता 8जनवरी 2020 को मैं फुआ बन गयी , भाभी ने मुझे सोने का चेन, कपड़ा सबकुछ दिया ।
कहने का मतलब ये है कि जितने भी मेरे हिन्दू दोस्त ने मुसीबत के वक्त साथ नही दिया और एक बेगाना/मुसलमान होकर मेरा सहजाद भाई ने मेरा साथ दिया ये छोटा बात नही है।
रीमा भारती