पंजाब की हाई सिक्योरिटी नाभा जेल से एक आतंकी समेत छह गैंगस्टरों के फरारी मामले में नाभा जेल कर्मचारियों की मिलीभगत सामने आई है।
पंजाब की हाई सिक्योरिटी नाभा जेल से आतंकी हरमिंदर सिंह मिंटू समेत सभी छह गैंगस्टरों के फरारी मामले में नाभा जेल कर्मचारियों की मिलीभगत सामने आई है। इस मामले में कोतवाली नाभा पुलिस ने भागने वाले सभी गैंगस्टरों और 9 जेल कर्मचारियों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट कर ली है। इसी मामले में 15 अज्ञात हथियारबंद लोगों को भी इसी मामले में नामजद किया गया है।
जेल के सूत्रों के अनुसार जिस समय गैंगस्टर हथियारबंद कार के साथ जेल में घुसे तो भागने वाला आतंकी मिंटू और सभी गैंगस्टर अपनी बैरक में नहीं थे बल्कि सुपरिंटेंडेंट दफ्तर में थे। इसके अतिरिक्त और पहलुओं से जेल कर्मचारियों की मिलीभगत इस फरारी मामले में सामने आई है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रविवार सुबह 8 बजकर 45 मिनट पर सभी हथियारबंद गैंगस्टर पुलिस की वर्दियों में मेन गेट पर पहुंचे। उन्होंने संतरी से कैदी हैंडओवर करने को कहा और भीतर दाखिल हो गए।
मुख्य गेट से करीब 200 मीटर पर जेल का दूसरा गेट है। इस गेट के साथ जेल का तीसरा गेट है। इन दोनों गेटों के बीच सुपरिंटेंडेंट का दफ्तर है। हथियारबंद जेल में अपने साथियों को भगाने के लिए पहुंचे तो सभी बैरक में नहीं, बल्कि सुपरिंटेंडेंट दफ्तर में थे। यह सारा कुछ प्री प्लांड ढंग से किया गया था। इन पर आरोपी जेल कर्मचारियों ने कोई फायरिंग भी नहीं की।
कोई चेकिंग नहीं हुई
हथियारबंदों ने जब कैदी को हैंडओवर करने की बात कही, तो कायदे के अनुसार संबंधित थाने जहां से कैदी लाया होता है, वहां से लाई एफआईआर और अन्य जरूरी कागजात चेक किए जाते हैं। इसको चेक नहीं किया गया और साथ ही बिना चेकिंग के हथियारबंदों को अंदर घुसने दिया गया।
इसकी वजह से जिसके चलते कोतवाली नाभा पुलिस ने भागने वाले सभी कैदियों के अलावा सिपाही हंसराज , वार्डन जसविंदर सिंह, हवालदार साहिब सिंह, वार्डन सतनाम सिंह, हेड वार्डन जगमीत सिंह, पेस्को कर्मचारी टेक सिंह निवासी चौहान कालोनी नाभा, कुलदीप सिंह निवासी बखोपीर भवानीगढ़ संगरूर, निर्मल खां निवासी अशोक विहार नाभा. भीम सिंह सहायक सुपरिंटेंडेंट जेल नाभा और अज्ञात 15 हथियारबंदों के खिलाफ धारा 307, 392, 223, 224, 120-बी, 148, 149 आईपीसी और आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया गया है।
कैदियों पर आरोप है कि यह वार्डन जसविंदर सिंह की एसएलआर समेत मैगजीन 10 कारतूस, संतरी सिपाही हंसराज की एसएलआर समेत मैगजीन 10 कारतूस छीन कर ले गए।
थ्री लेयर सिक्योरिटी वाली जेल में 200 से अधिक कैदी
पंजाब की हाई सिक्योरिटी नाभा जेल में तीन गेट हैं, जहां से चेकिंग के बाद ही किसी को अंदर घुसने दिया जाता है। बावजूद इसके कुछ हथियारबंद आसानी से इन तीनों सतहों वाली सुरक्षा को तोड़कर अपने साथियों को छुड़ाकर ले गए। जेल में 200 से अधिक कैदी रखे गए हैं। जिनमें ज्यादातर खूंखार व खतरनाक किस्म के अपराधी हैं।
जानिए कैसे Jio 4G ने कैदियों को भगाने में मदद की
पंजाब के नाभा के जेल से भागे कैदियों के लिए जियो का सिम बेहद मददगार साबित हुआ। जानिए कैसे?
पंजाब की जेलों में लगे जैमरों में इतनी ताकत नहीं है कि वे 4जी तरंगों को भी रोक पाएं। उस पर हालात यह हैं कि बीते दो माह से बाजार में आए मुफ्त के 4जी सिम कार्ड से कैदियों की तो जैसे लाटरी ही लग गई। वे चोरी-छिपे जेलों में पहुंचे स्मार्टफोन्स पर 4जी सिम के जरिए इंटरनेट का उपयोग करने लगे हैं।
नाभा जेल ब्रेक की जांच में यह बात भी सामने आई है कि जेल से भागे आतंकी और गैंगस्टर काफी समय से 4जी सिम के जरिए इंटरनेट का उपयोग कर रहे थे और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया के सहारे जेल के बाहर संपर्क बनाए हुए थे।
हालांकि, पंजाब की सभी जेलों में मोबाइल तरंगों को रोकने के लिए जैमर लगाए गए हैं, लेकिन 4जी की रफ्तार से आने वाली तरंगों को रोकने में यह सक्षम नहीं है। इस संबंध में बीएसएनएल के अधिकारियों ने बताया कि जैमर लगाने वाली कंपनियां ही जैमर की फ्रीक्वेंसी तय करती हैं, जिसके बाद जैमर 2जी और 3जी स्पीड की तरंगों को रोकते हैं।
बीएसएनएल के अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल सरकारी जैमर भी 3जी फ्रीक्वेंसी पर ही कारगर हैं और चूंकि 4जी फ्रीक्वेंसी हाल ही आई है, इसलिए पुराने जैमर इस रफ्तार की फ्रीक्वेंसी को नहीं रोक सकते।
सूत्रों के अनुसार, नाभा जेल ब्रेक मामले में गठित एसआईटी को आरंभिक जांच में यह पता चला है कि जेल ब्रेक की साजिश रचते कैदियों ने इंटरनेट के जरिए जेल से बाहर पहले ही पूरी तैयारी कर ली थी, जिसमें जेल पर हमले की रूपरेखा भी तैयार की गई थी।
लेकिन फरार हुए कैदियों की ओर से अपनाई गई इस तकनीक ने एसआईटी को जेल के बाहर उन लोगों तक पहुंचने का रास्ता सुझाया है, जिनसे कैदी लगातार संपर्क बनाए हुए थे। सूत्रों का कहना है कि नाभा जेल ब्रेक मामले में जल्दी ही कई और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।(अमर उजाला से साभार)