विचारार्थ
अमेरिकी औरतों के पास यह ऐतिहासिक मौक़ा था पहली बार अमेरिका में एक महिला को राष्ट्रपति बनाने का। वैसे भी अमेरिका में आम राय सी है कि ट्रंप औरतों के मामले में गंदा आदमी है। दो बार तलाक़ हो चुका है। गंदी गंदी बातें बोलता है। लेकिन अब आ रहे आँकड़े बता रहे हैं कि 53% श्वेत महिलाओं ने ट्रंप को वोट दिया।
इसलिए कि यह अमेरिकी चुनाव भय के बीच लड़ा गया कि अमेरिका में जल्द ही गोरे लोग अल्पसंख्यक हो जाएँगे। यह भय श्वेत पुरूषों को था। श्वेत महिलाओं को भी था। श्वेत महिलाओं ने एक महिला के बजाए एक ऐसे पुरुष को चुना जो उनकी श्वेत श्रेष्ठता को बचाने के लिए सब कुछ करने की बात कर रहा था। औरत की नस्ल होती है। औरत की जाति होती है। औरत नस्लवादी और जातिवादी हो सकती है।
-दिलीप मंडल