भोपाल: अंडर ट्रायल आरोपियों के एनकाउंटर को लेकर सोशल मीडिया पर घमासान मचा हुआ है. जिसपर सभी बुद्धिजीवी लोग अपनी अपनी प्रतिक्रया दे रहे है. इस प्रतिक्रियाओं में एक बात सामान पाए जा रही है वह है "फर्जी एनकाउंटर" जब भी कोई घटना घटती है तब हर कोई अपनी प्रतिक्रया देता है लेकिन उसमे इतनी समानताये नहीं पाई जाती जितनी समानताएं इस एनकाउंटर को लेकर मिल रही है.
अंजू वलेरिया अपनी फेसबुक वाल पर लिखती है, माया कोडनानी और बाबू बजरंगी पर 96 लोगों की मौत का इल्ज़ाम साबित हो चुका है और वो दोनो बेल पर है । कल जो 7 लोगों को encounter के नाम पर मार गिराया वो under trial थे उन पर अभी इल्ज़ाम साबित होना बाक़ी था । फिर भी इस देश की अधिकतर जनता ख़ुश है की चलो अच्छा हुआ जल्दी न्याय हो गया देशद्रोहियों को सज़ा मिली । न्याय पाने की इतनी बेचनी है आपमें तो ये बेचेनी माया कोडनानी और बाबू बजरंगी के मामले में कहाँ चली गयी ? असल में जो लोग इस encounter (या fake encounter ) से ख़ुश है उन्हें न्याय अन्याय से कुछ लेना देना नहीं । वह तो दूसरे धर्म के लोगों के ख़िलाफ़ अपनी नफ़रत का रंग देखकर ख़ुश हो रहे है । नेताओं का तो समझ में आता है उन्हें अपनी राजनीति करने के लिए ये नफ़रत चाहिए पर आप को इस नफ़रत से क्या फ़ायदा है ? किस लिए ख़ुश हो रहे है ? जायदा ख़ुश मत होईए ये जो नफ़रत की आग फैला रहे है क्या लगता है एक समय बाद वो ख़ुद भी इससे बच पाएँगे । जब आग फैलती है तो वो किसी को भी अपनी चपेट में ले सकती है । इसलिए ये नफ़रत की आग जितनी जल्दी बुझ जाए तो अच्छा है । (Anju Valeria की फेसबुक वाल से)
अंजू वलेरिया अपनी फेसबुक वाल पर लिखती है, माया कोडनानी और बाबू बजरंगी पर 96 लोगों की मौत का इल्ज़ाम साबित हो चुका है और वो दोनो बेल पर है । कल जो 7 लोगों को encounter के नाम पर मार गिराया वो under trial थे उन पर अभी इल्ज़ाम साबित होना बाक़ी था । फिर भी इस देश की अधिकतर जनता ख़ुश है की चलो अच्छा हुआ जल्दी न्याय हो गया देशद्रोहियों को सज़ा मिली । न्याय पाने की इतनी बेचनी है आपमें तो ये बेचेनी माया कोडनानी और बाबू बजरंगी के मामले में कहाँ चली गयी ? असल में जो लोग इस encounter (या fake encounter ) से ख़ुश है उन्हें न्याय अन्याय से कुछ लेना देना नहीं । वह तो दूसरे धर्म के लोगों के ख़िलाफ़ अपनी नफ़रत का रंग देखकर ख़ुश हो रहे है । नेताओं का तो समझ में आता है उन्हें अपनी राजनीति करने के लिए ये नफ़रत चाहिए पर आप को इस नफ़रत से क्या फ़ायदा है ? किस लिए ख़ुश हो रहे है ? जायदा ख़ुश मत होईए ये जो नफ़रत की आग फैला रहे है क्या लगता है एक समय बाद वो ख़ुद भी इससे बच पाएँगे । जब आग फैलती है तो वो किसी को भी अपनी चपेट में ले सकती है । इसलिए ये नफ़रत की आग जितनी जल्दी बुझ जाए तो अच्छा है । (Anju Valeria की फेसबुक वाल से)