महाराष्ट्र के जिल्हा नांदेड के शहर देगलूर में हुई जनसभा में मुस्लिम आरक्षण की लड़ाई में एक बहुत बड़ा जन समुदाय मौजूद था, इस जनसभा की तैयारी पिछले 2 महीनो से देगलुर तहसील के अल्ताफ साहब के नेतृत्व में की जा रही थी। इस मुस्लिम आरक्षण मुद्दे पर अपने अमूल्य विचार, आम लोगों को उचित मार्गदर्शन करने हेतु प्रोफेसर हाजी जावेद पाशा कुरैशी साहब को विशेष आमंत्रित किया गया था।
जो पिछले कई बरसों से मुस्लिम आरक्षण इस मुद्दे पर आम लोगों में बेदारी, जनजागृति लाने का कार्य निरंतर करते आ रहे है, और साथ ही आम आदमी पार्टी के पूर्व मराठवाडा कन्वेनर फारुख अहमद और महाराष्ट्र के सभी राजनैतिक पार्टियों से विधायक बने मुस्लिम नुमाईंदों को भी आमंत्रित किया गया था, लेकिन विधायकों में से सिर्फ मालेगांव के आसिफ शेख़ ही आये। लेकिन शुरुआत में ही वो सिर्फ अपना भाषण देकर चले गए। यह विडंबना ही है मुस्लिम कौम की के इनके रहनुमा इतने असंवेदनशील है ।नांदेड़ जिले के सभी तहसील से लोग अपने रहनुमाओं को सुनने दूर-दराज से आये थे। इन्हें प्रोफेसर हाजी जावेद पाशा कुरैशी और फारूक अहमद ने निराश नहीं किया, इन दोनो ने अपने-अपने बेहतरीन अंदाज़ से लोगों में मुस्लिम आरक्षण मुहीम को लेकर एक नया जोश भरा।
देगलुर तहसील में जहाँ इस जनसभा का आयोजन किया गया था वहां उत्साह का माहौल था, हज़ारों की संख्या में लोग मुस्लिम आरक्षण इस विषय पर लोगों को सुनने आये। अब अगला और महत्वपूर्ण पड़ाव नांदेड़ शहर है जहां पर आने वाली 27 नवंबर को मुस्लिम समाज की जानिब से एक बड़ा मुक मोर्चा होने जा रहा है।