लखनऊ, कुंडा के विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया को लेकर जबरदस्त खुलासा हुआ है। डीएसपी जिया उल हक़ हत्याकांड के एक आरोपी पवन ने राजा भैया पर जिया उल हक की हत्या कराने का आरोप लगाया। 5 अगस्त 2014 को पवन ने जेल से जिया उल हक की पत्नी परवीन को चिट्ठी लिखकर सनसनीखेज आरोप लगाए। आरोपी की लिखी तीन पेज की इस चिट्ठी में जो खुलासे हुए हैं, वह बिल्कुल चौंकाने वाले हैं। पवन के पत्र के अनुसार राजा भैया के खास आदमी नन्हें सिंह ने ही डीएसपी जिया उल हक को गोली मारी थी। यह वही शूटर है जिससे राजा भैया अपने दुश्मनों की हत्या करवाते हैं। पत्र के खुलासे से राजनीतिक जगत में हलचल मचना तय है और यूपी में वर्ष 2017 में विधानसभा चुनाव होने वाले है,ऐसे में राजा भैया की मुश्किले बढ़ सकती है
सीबीआई पर जांच में लापरवाही बरतने का लगाया आरोप
पवन ने पत्र में साफ लिखा है कि डीएसपी हत्याकांड की जांच करने आयी सीबीआई ने गंभीरता से प्रकरण की जांच नहीं की है। राजा भैया के खास लोग ही सीबीआई की सेवा में लगे रहते थे। सीबीआई को राजा भैया की तरफ से ही सारी सुविधा मिलती थी, यहां तक की सीबीआई के लोगों को दारू और मुर्गा का इंतजाम भी कुंडा विधायक के लोग ही करते थे। पवन के पत्र के अनुसार डीएसपी की गोली मार कर हत्या की गयी थी। इसके बाद उन्हें सड़क पर लिटा दिया गया था। सीबीआई ने भी मामले की जांच की थी और रिपोर्ट में कहा गया था कि मारपीट के दौरान डिप्टी एसपी गिर गये थे और फिर उन्हें गोली मारी गयी थी।
जानिए क्या था मामला
2 मार्च 2013 में प्रतापगढ़ में नन्हें यादव और सुरेश यादव की हत्या कर दी गई थी। इसको लेकर बड़ा बवाल हुआ। मामले की जानकारी पर डीएसपी जिया उल हक वहां पहुंचे थे। इसी हंगामे के दौरान डीएसपी जिया उल हक की हत्या हो गई थी। जिया उल हक की पत्नी परवीन ने राजाभैया समेत पांच लोगों पर हत्या का आरोप लगाया था। इसके अतिरिक्त पुलिस के दरोगा मनोज शुक्ला ने भी इस मामले में एफआईआर लिखाई थी, जिसमें एक नाम पवन का है। वह जेल में बंद है। डीएसपी की हत्या के बाद राजनीतिक जगत में भूचाल आ गया था। राजा भैया को मंत्री पद छोडऩा पड़ा था और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रकरण की सीबीआई जांच करायी थी। सीबीआई ने जांच के बाद राजा भैया को क्लीन चिट दी थी।(दैनिक आज से साभार)