Type Here to Get Search Results !

Click

पाकिस्तान की माँ-बहन-भाई-बाप सब एक कर दो। कौन रोकता है -सोशल मीडिया

नई दिल्ली। पाकिस्तान से युद्द को लेकर सोशल साइट्स पर जंग छिड़ गई है। ज्यादातर लोगों की माने तो मोदी सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए जंग करवा सकती है। वहीं लोगों की माने तो जो 18 जवान शहीद हुए हैं उसके लिए रक्षामंत्री, पीएम मोदी और सरकार जिम्मेदार है। सोशल साइट्स पर लोग मोदी सरकार के खिलाफ गुस्से में हैं। वहीं ज्यादातर लोग आतंक के खिलाफ हैं मुसलमानों के खिलाफ नहीं है।

Dilip C Mandal
अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के एक ग़लत फ़ैसले की क़ीमत हमारा देश कितनी ज़िंदगियाँ देकर चुकाएगा? जैश ए मुहम्मद के चीफ़ मसूद अज़हर को कंधार जाकर रिहा कर आना निहायत ग़लत फ़ैसला था। एयरोप्लेन में सवार ज़िंदगियाँ क्या फ़ौजियों की जान से ज़्यादा क़ीमती होती हैं?

कल एक फ़र्ज़ी लिस्ट वायरल की गई थी शहीदों की। सरकार चाहे तो पता लगा सकती है कि वह नीच हरकत किन लोगों की थी। डिजिटल ज़माने में हर हरकत अपने निशान छोड़ जाती है।
आज कुछ भक्त पूछ रहे हैं कि कश्मीर में शहीद होने वालों में मुसलमान क्यों नहीं हैं। वे शायद नहीं जानते कि जब जस्टिस रजिंदर सच्चर ने जानकारी माँगी थी कि सेना में कितने मुसलमान हैं तो सरकार ने बताने से मना कर दिया। मौक़ा मिलने की बात है। यह परमवीर चक्र विजेता शहीद अब्दुल हमीद का देश है।
शहीदों को नमन।



Farheen Nafees
पाकिस्तान की माँ-बहन-भाई-बाप सब एक कर दो। कौन रोकता है। पर ये जो आर्मी के माई बाप बैठे हैं, इनका भी कुछ होगा क्या? सेना के एक ब्रिगेड हेड-कवार्टर जिसके भीतर तीन बटालियन बैठी हैं। तीन बटालियन। वहां चार आतंकी तार काटकर घुस जाते हैं। और सेना को कानो कान ख़बर नही होती है!!!!! सोचिए कितनी भीषण चूक है। यूपी के बलिया ज़िले के एक प्राइमरी स्कूल में कुछ चोर सेंध लगाकर खाने पीने के बर्तन और कुछ रजिस्टर उठा ले जाते हैं। ये सिस्टम सुबह सुबह ही हेडमास्टर को उल्टे पाँव टांग देता है। एफआईआर से लेकर विभागीय कार्यवाही तक क्या क्या नही हो जाती है? पर यहां?? यहां तो पवित्र गाय है सेना। उस पर ऊँगली न उठाइयेगा। धर्म नष्ट हो जाएगा। कल से देख रहा हूँ सेना के DGMO यानि Director General Military Operation प्रेस-कांफ्रेंस दर प्रेस-कांफ्रेंस में दहाड़ रहे हैं कि पाकिस्तान के छक्के छुड़ा देंगे। उसे मुहतोड़ जवाब देंगे। थोड़ा सनी देवल को याद करते हुए ये भी कि जगह और समय हम तय करेंगे। अरे सरकार! मेरे मालिक! पाकिस्तान का नामो निशान मिटा दीजियेगा। आपका शौर्य सर आँखों पर। अब ये भी तो बताइए कि कहां हैं आपके वो ब्रिगेडियर साहब जिनके पास उरी की उस ब्रिगेड का ज़िम्मा है? कोई एक्शन लिया अब तक? जवाब मांगा? ये जो 18 निहत्थे जवान। ये जो बेमौत मारे गए। इनकी शहादत की ज़िम्मेदारी कोई लेगा क्या? किसी बड़े अधिकारी की टोपी टंगेगी क्या? या जवान होते ही हैं, तिरंगे में लपेटकर। एक सैल्यूट देकर। अपनी जिम्मेदारियों से हाथ झाड़ लेने की खातिर? इस देश में आर्मी इकलौती ऐसी institution है जिसकी नाकामियों की ज़िम्मेदारी हमेशा पाकिस्तान के सिर फोड़ दी जाती है। आतंकी आर्मी की आँखों में धूल झोंककर LOC पार कर गए। तो ये पाकिस्तान की कायराना करतूत। मुट्ठी भर आतंकी तमाम सुरक्षा इंतज़ामो का बलात्कार करते हुए आर्मी या एयरफोर्स बेस में घुस गए। तो ये भी पाकिस्तान का कमीनापन। सब पाकिस्तान की ज़िम्मेदारी। सब उसका कसूर। हम क्या कर रहे हैं? घुइया छील रहे हैं!!!!! पाकिस्तान से तो जो उम्मीद है, वो वही कर रहा है। दुश्मन देश का तंत्र और क्या करेगा? इसमे क्या नया है? पर अपने घर की चहारदीवारी में सेंध की भी कोई ज़िम्मेदारी लेगा क्या? जैसे हम सांसदों, विधायकों, नौकरशाहों और नीति-निर्माताओं से सवाल पूछते हैं, इनसे भी कुछ सवाल होंगे क्या? ये कब तक चलेगा कि आर्मी बीट के रिपोर्टर आर्मी कैंपो में ठहरकर और आर्मी का खाया पीया खा पचाकर दिन रात आर्मी के गुण गाते रहेंगे और ज़िम्मेदारी की बात तय करते हुए जुबाने लड़खड़ा जाएंगी। अगर आप वाकई चाहते हैं कि घुसपैठ रुके और कुछ ठोस कार्यवाही हो तो अब केवल गुणगान बंद कीजिए। जब इस देश का हर नागरिक बराबर है तो सुलूक भी बराबर का हो। जय हिंद!
प्रतीक श्रीवास्तव की कलम से

Rimmi Sharma
पाकिस्तानियो तुम्हारी किस्मत अच्छी है जो हमले मे हमारे १७ जवान शहीद हुये गलती से अगर एक गाय मर गयी होती तो तुम्हे बताते कि हम क्या चीज़ हैं! 




Nitin Thakur
जिन्हें पाकिस्तान से जंग ही एकमात्र विकल्प नज़र आ रहा हो उनके घर के हर कमरे में और खासकर बिस्तर के नीचे दिवाली वाले दो-चार बड़े से बम अचानक फोड़े जाएं.. इसके बाद उनसे पूछा जाए... अब भी चाहिए जंग???
जंग कोई एक्साइटमेंट या एडवेंचर का सामान नहीं है। इसकी बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ती है... हारनेवाले को भी और जीतनेवाले को भी। चूंकि अब तक सारी लड़ाइयां सीमा तक महदूद रहीं इसलिए हमें कोई अंदाज़ा नहीं कि इसका नुकसान क्या है। अधिक जानकारी के लिए यूरोप और जापान से सपंर्क करें। और कुछ नहीं तो जंग पर आधारित कुछ कायदे की फिल्में या किताबों का ही सहारा ले लें। उस विभीषिका का थोड़ा अंदाज़ा तो हो ही जाएगा।
राहुल सांकृत्यायन
क्या किसी को संघ के स्वयंसेवक उरी या सीमा पर दिखाई दिए जैसा कि कई बार ये दावा करते हैं कि ये नेपाल से अमरीका तक की दुखःदुविधा में पहुंच जाते हैं.

Sandeep Rauzi
अंग्रेजों से 21 बार माफी मांगने वाले सावरकर की गद्दार औलादें देश को युद्ध की आग में झोंकना चाहती हैं. आज़ादी के लिए मर मिटने वाले क्रांतिकारियों की मुखबिरी करने वाले गद्दार आज देश को देशभक्ति का पाठ पढ़ा रहे हैं. 
देश की आजादी के दिन तिरंगा जलाने वाले आज तिरंगे के अपमान का बदला लेने के लिए बेताब हो रहे हैं.
गांधी की मौत पर मिठाई बांटने वाले गद्दार देश के रक्षक होने का दावा कर रहे हैं.
सावित्री बाई फुले पर मैला फेंकने वाले गद्दार देश को विश्वगुरु बनाने का दावा कर रहे हैं.
संविधान लागू होने पर अम्बेडकर का पुतला जलाने वाले गद्दार संविधान की दुहाई दे रहे हैं. 
इनकी गद्दारियों की लिस्ट बहुत लंबी है. अब ये गद्दार देश को गृह युद्ध की ओर ले जाने पर तुले हैं. देश को फिर से बांटने की साजिश रच रहे हैं.




Ranjan Yadav
प्रिय भक्तो और उतावले भक्तो ... 
रूस के द्वारा पाकिस्तान से सैन्य शिक्षण बंद करने को लेकर उत्साहित होने की जरूरत नहीं है | आतंकी हमले में प्रयोग किये गए हथियार रूस के नहीं है | विचार करने वाली बात है की नवाज शरीफ अमेरिका से सम्पर्क में है | विदेश मंत्री जॉन केरी से भारत -पाक मामले में हस्तक्षेप करने को कह रहे है | दूसरी तरफ पीएम मोदी के द्वारा देश को यह समझाने की जरूरत है की बराक उनका जिगरी दोस्त है | वो उनसे हर दिन पाच बार बात करते है | लाइव कैमरा यह बात मोदी तीन बार कह चुके है | अमेरिका-ओबामा सिर्फ मोदी के मित्र रहे उससे ज्यादा बेहतर है वो भारत के मित्र रहे | खैर ...
असल समस्या यह है कि पिछले सत्तर सालो अमेरिका और रूस ने पुरे दुनिया को अपने हथियार बेचने का कार्य कर रहे है | लड़ाई में भाग लेने वाले एक देश को रूस हथियार बेचता है तो दुसरे को अमेरिका बेचता है | ज्यादा दिक्कत इन्ही दोनों देशो से होनी चाहिए | हथियार एक आर्थिक संसाधन है | और उसको फलीभूत होने के लिए बाजार की जरूरत होती है | कही ऐसा न हो कि भारत-पाकिस्तान अमेरिका-रूस के लिए एक बाजार बन जाये | यह असल चिंता की बात है |

Satyandra Kumar Yadav
कुछ ज्ञान पांडे लोग उरी मामले को लेकर अपनी कुंठा निकाल रहे हैं । उन तथाकथित साहित्यकारों से उम्मीद पाले बैठे हैं कि ऐसे मौके पर वो बचा खुचा अपना पुरस्कार वापस कर दें। उन्हें ललकार रहे हैं कि क्या उनका खून नहीं खौलता ? उपमा, उपमेय अलंकार का इस्तेमाल कर उनको गाली दे रहे हैं और किसी ना किसी तरह सरकार की कमियों को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं । अरे भाई उन ढोंगियों से आपको इतनी उम्मीद क्यों है ? हर घटना पर गैर जिम्मेदार लोगों की प्रतिक्रिया आपके लिए महत्वपूर्ण क्यों हो जाती है? खैर अगर वो नहीं लौटा रहे हैं तो तथाकथित देशभक्त साहित्यकार भी तो खुलकर नहीं आ रहे हैं । उन्हेें भी राष्ट्र के लिए इस सरकार द्वारा दिया गया पुरस्कार लौटा देना चाहिए ? लेकिन मेरा मानना ये है कि युद्ध की स्थिति नहीं है । आप कह सकते हैं कि मेरे घर में मातम नहीं है तो ये बात कहना आसान है । लेकिन ऐसा कहेंगे तो ये आपका हल्कापन है और सोच की कमी है । अमेरिका कई साल से युद्ध लड़ रहा है । ओसामा को मार दिया, अब आई एस आई एस से लड़ रहा है । उन्हीं में से किसी को पाल भी रहा है, फिर भी ये राक्षस खत्म नहीं हुए । रावण की एक लंका नहीं है कि कोई हनुमान उसे जला देगा... कई देशों में राक्षसों का अड़्डा है जिसे कई देश पाल रहे हैं । मैं तो मोदी जी से युद्ध करने के लिए नहीं कहूंगा । हां, इतना चाहूंगा कि आंतरिक सुरक्षा इतना मजबूत कर दें कि सीमा पार करना आतंकियों के लिए मुश्किल हो जाए । पाकिस्तान की तरह बड़े पैमाने पर छद्म युद्ध का सहारा लें । बलुचिस्तान में ताकत बढ़ाएं । पीओके में दखल दें और सीमा पर मौजूद जवानों को कहें कि आप अपने कैंपों में लापरवाही के साथ ना रहें । जिस तरह सीमा पर सीना तान कर खड़े रहते हैं, कैंपों की सुरक्षा वैसे ही करें । ठीक है मोदी ने चुनाव के वक्त या गुजरात के सीएम रहते हुए बड़ी बड़ी बातें छोड़ी थी... फेंकने का कोई दायरा नहीं था... लेकिन अब वो एक जिम्मेदार पद पर हैं... बकलोली करने वाले नेताओं की तरह काम ना करें । बतौर पीएम इंदिरा की पॉलिसी पर काम करें तो अच्छा है। कश्मीर में आतंकफैलने वालों का जवाब बलुचिस्तान की ओर से दें और कश्मीर में सरकारी खर्चे पर पल रहे अलगाववादियों को मौके मिले तो निपटा दें । थोड़ी थू थू कही कहीं होगी लेकिन ज्यादा थू थू से बचा जा सकता है ।

Shiv Narayan Yadav
देश #सरहदों से नहीं आवाम से बनता है। #मुसलमान होने का मतलब #पाकिस्तानी नहीं होता है। हर मुसलमान #गद्दार_व_देशद्रोही नहीं होता है। हर #ब्राह्मणवादी, राष्ट्रवादी नहीं होता है। देश की सीमा अगर सुरक्षित है तो 85% फीसदी #बहुजन_सैनिकों की #शहादत के कारण है।

Archana Gautam
भक्तों और टीवी वीरों में देशभक्ति इतनी हिचकोले मार रही है कि ये परमाणु बम को दिवाली का पटाखा समझ के इसके इश्तेमाल की सलाह दे रहे हैं ? वैसे इनसे यही उम्मीद थी। लेकिन रही बात सरकार कि तो उसे अपने भक्तों की नहीं सुननी चाहिए और न ही किसी आम युद्ध की तरफ भी जाना चाहिए। आम युद्ध में भारत से पाकिस्तान कभी नहीं जीत सकता है ये बात उसको भी पता है और इसलिए उसकी परमाणु नीति पहले प्रयोग करने की है। मैं तो इन भक्तों से सुझाओं से इतनी डर गयी कि सोचा कि दोबारा फेसबुक पर सक्रीय हो जाऊं ,पता नहीं दोबारा मिले की नहीं ;) :D :P

Navin Kumar
आज सोसाइटी के पार्क में उरी हमले पर कुछ लोग गरम हो रहे थे। कोई कह रहा था हमला बोल देना चाहिए। कोई कह रहा था परमाणु बम फेंक देना चाहिए। 8 साल के एक बच्चे ने बेहद मासूम हस्तक्षेप किया- "पापा हमें तो पढ़ाया है कि देश बेख़ौफ़ होकर सोये इसलिए सीमा पर प्रहरी जागते रहते हैं, फिर वो सो क्यों रहे थे?" सबके चेहरे देखने लायक थे।




Abhijat Shekhar Jha
जंग...सिर्फ नाम ही अच्छा लगता है सुनने में...
जरा सोचिए...18 जवान मरे हैं, तो कितने दर्द में हैं आप और हम.. लेकिन अगर जंग हुआ, तो हर सुबह खबर मिलेगी 100 जवानों के शहीद होने की..! क्या हम सह पाएंगे..? और उस मुल्क से क्या लड़ना, जो कंगाल है...! जो सिर्फ इंडिया को इसलिए उकसा रहा है, ताकि हमारा विकास बंद हो...! पाकिस्तान के पास खुद को आगे ले जाने का रास्ता भी है क्या..? वो मुल्क क्या विकास करेगा, जहां का ना पॉलिटिकल सिस्टम सही है, ना समाज का सिस्टम..जो सांपों को पालता है, और जो खुद बारूद के ढेर पर बैठा है..! हमारी सरकार जंग कभी लड़ ही नहीं सकती, चाहे वो बीजेपी की सरकार हो, या कांग्रेस की.. क्योंकि, हमारे मुल्क का ध्येय विकास है, जंग नहीं...! हम अर्थव्यवस्था को लेकर चीन को टक्कर देने की स्थिति में पहुंचने वाले हैं, विश्व पटल पर हमारे मुल्क की एक प्रतिष्ठा है, तो भला हमारी सरकार जंग क्यों चाहेगी...! हां, मोदी जी को उनके पुराने बयानों के लिए कोसा जा सकता है, मगर ये भी सही है, कि मोदी जी जब से प्रधानमंत्री बने हैं, तब से आज तक... आतंकवादियों ने सैकड़ों बार बम ब्लास्ट करने की प्लानिंग की, मगर वो नाकामयाब रहे...!
हमारी सरकार कूटनीति के बदौलत आगे बढ रही है, और उसी से सफलता मिलेगी हमें..! 
और मीडिया को चाहिए, कि सकारात्मक तरीके से न्यूज दिखाए... हमने इतनी बार कहा है, कि पाकिस्तान को बर्बाद कर देंगे मोदी, कि जनता उसे सच मानने लगी है..! जनता के सामने सच रखना चाहिए, ना कि झूठ..! यकीन करिए सरकार पर...और इत्मिनान रखिए, सब ठीक होगा...! रही बात पाकिस्तान की, तो उसका आज ना कल बर्बाद होना तय है.....

मयंक श्रीवास्तव
दरअसल आप अच्छी तरह जानते हैं कि युद्ध की स्थिति में चीन खुल के पाकिस्तान के साथ खड़ा होगा (सामरिक-आर्थिक कारण) जबकि अमेरिका न आपके साथ खुल के आएगा और न पाकिस्तान के खिलाफ खुल के आएगा...बाकी पुराने दोस्त रूस की दोस्ती को तो आप अपनी अमेरिकापरस्त विदेश नीति के गटर में बहा आये हैं...इसलिए सीधी बात ये है कि आप डरते हैं, आप युद्ध अफ़्फोर्ड करने की हैसियत में ही नहीं है :)
ये ठीक भी है क्योंकि युद्ध आप करेंगे, सीमा पर सिपाही और देश में गरीब मरेंगे...

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए व्यक्त, अव्यक्त, स्पस्ट, और गर्वित विचार लेखक के अपने निजी विचार हैं। इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति सोशल डायरी कोई दावा नहीं करता और न ही  उत्तरदायी है। इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं। इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार सोशल डायरी के अपने निजी विचार नहीं हैं, अत: सोशल डायरी उसके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी और जिम्मेदार नहीं है।      
Helps You Buy Better!
Autoportal
Finding a car had never been easier!
New Ford Figo
Price

Price

₹ 4.30 – 7.41lac

Fuel Type - Petrol/Diesel

Fuel Type

Petrol/Diesel

Fuel Economy - 18.16/25.83kmpl

Fuel Economy

18.16/25.83kmpl

Power - 87bhp@5300rpm

Power

87bhp@5300rpm

Latest Review
Ford Figo Test Drive- Video
New Ford Figo Test Drive - Video Review

About Ford Figo

Ford Figo, the good looking B+ segment hatchback from Ford Motors, has been quite successful in India. It offers stiff competition to the likes of Maruti Suzuki Swift and Hyundai i10. Ford Figo Base 1.2 Ti-VCT is the base level trim of the car that is very affordably priced and offers a very good value package. It is fitted with a 1.2-litre petrol mill that generates 87bhp of power and is paired with 5-speed manual transmission. It sports features like manual air conditioner, driver airbag, heater, 12V power socket, etc.

Know More

Autoportal

Follow us on

youtube google
Privacy Policy | Visitor Agreement

2014 © Autoportal India. All Rights Reserved.



Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad

Hollywood Movies