जो लोग ये बोल रहे कि असदुदीन ओवैसी साहब के आने से मुस्लिम वोट बँट जायेंगे जिससे अखिलेश सरकार को नुकसान होगा और बीजेपी जीत जायेगी। मेरे भाई मैं आपसे पूछना चाहता हूँ कि जब MP (Member of Parliament) के चुनाव हुये थे तब भी आपने बनारस से मुख़्तार अंसारी को चुनाव नही लड़ने दिया और कहा कि मुख़्तार अंसारी अगर बनारस से चुनाव लड़ेगा तो मोदी जीत जायेगा।
मुख़्तार साहब चुनाव नही लड़े लेकिन मोदी (बीजेपी) फिर भी जीत गया।बीजेपी अपनी शक्ति MP के चुनावों में दिखा चुकी है-80 में से 73 सीट बीजेपी की थी! दोस्तों याद रखो अगर असद साहब यूपी में चुनाव नही लड़े तो भी बीजेपी राम मंदिर का मुद्दा उठाकर चुनाव जीत ही जायेगी लेकिन फिर मुसलमानो की हालत वही होगी - धोबी का कुत्ता,घर का ना घाट का!
हरयाणा में ओवैसी साहब नही गए फिर भीबीजेपी की सरकार,राजस्थान में ओवैसी साहब नही गए फिर भीबीजेपी की सरकार,मध्य प्रदेश में ओवैसी साहब नही गए फिर भी बीजेपी की सरकार,कश्मीर में ओवैसी साहब नही गए लेकिन फिर भी बीजेपी मिली जुली सरकार बना गयी।और सबसे अहम; बिहार में तो असद साहब भी गए थे फिर क्यों बीजेपी की सरकार न बनी?
इन सब से साबित होता है कि दिक्कत ओवैसी साहब से नही बल्कि मुस्लिम के सत्ता में आने में से है और अगर आपको अब भी AIMIM को वोट देने में दिक्कत है तो इक बार मुज़फ़्फ़रनगर दंगो का सच भी जान लीजिये।
मुज़फ्फरनगर दंगा और आरोपी-"दोस्तों मुज़फ्फरनगर दंगो की जाँच करने वाली कमेटी विष्णु सहाय ने यूपी के राज्यपाल को रिपोर्ट सौंप जा चुकी है जिसमे कहा गया था कि स्थानीय नेताओं ने ही आग में घी डाला था।आयोग ने समाजवादी पार्टी (सपा) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के स्थानीय नेताओं को दंगा कराने का आरोपी बताया है।-मुजफ्फरनगर में सितंबर 2013 में दंगे हुए थे। इन दंगों में सैंकड़ो से भी ज्यादा लोग मारे गए थे और लगभग 50 हजार लोग बेघर होगए थे। जांच आयोग के अध्यक्ष और हाईकोर्ट के रिटायर जस्टिस बिष्णु सहाय ने बुधवार को राज्यपाल राम नाइक से राजभवन में मुलाकात कर न्यायिक जांच रिपोर्ट सौंपी। न्यायमूर्ति विष्णु सहाय द्वारा 775 पन्नों की रिपोर्ट दी गई है।
राज्यपाल द्वारा जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को समुचित कार्यवाही के लिए भेजी जाएगी। गैरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस विष्णु सहाय को दंगों की जांच के लिए अखिलेश सरकार ने आयोग का मुखिया बनाया गया था।"-सर्दी में ठण्ड की वजह से कैंप में जब बच्चे मर रहे थे तब सपा हुकूमत बोलती है कि "अगर ठण्ड से बच्चे मरते तो साइबेरिया में सबमर जाते"ये है इन जालिमो की हुकूमत।-मैं तुमसे पूछता हूँ कि कहाँ मर गया है तुम्हारा जमीर,,,क्या तुम्हारे जमीर को उम्मत ए रसूल की माँओ की सूनी गोद नही दिखती?क्या तुमको बेवाओं के आँसू नजर नही आते?क्या मुस्लिम ख्वातीन की लुटती इज्ज़तों की चीखे तुम्हारे कानो में नही पड़ती?-अरे शर्म करो उम्मत ए मोहम्मदी, शर्म करो।इसी हुकूमत में आका की शान में गुस्ताखी हुई क्या हुआ कमलेश का? कमलेश को फाँसी हुई क्या?
आप बीजेपी के डर से मजलिस को वोट नही दे रहे हो, क्या यही है इस्लाम मजहब। याद रखो "मुसलमान अल्लाह के सिवा किसी से डरता नही...जो डरता है वो मुसलमान ही नही"! क्यों डरते हो भाई। याद रखो तुम्हारी ये बुजदिली इक दिन तुम्हारे बच्चों के लिए मातम का सबबबन जायेगीअभी भी वक्त है इक होकर मजलिस का साथ दीजिये। हम 10 विधायक भी होंगे तो 100 पर भारी होंगे। खुदारा इक हो जाओ नेक हो जाओ। बीजेपी राममंदिर और गौरक्षा के बिनाह पर चुनाव जीत ही जायेगी। अगर बीजेपी जीत गयी तो आजम खान अपने घर से बहार भी नही आएगा। इस्लाम ये नही सिखाता कि लड़ने से पहले ही हार मान लो, इन्शाअल्लाह हम पूरी कोशिस करेंगे कि ओवैसी भाई रियासते उत्तर प्रदेश में कामयाब हो।आप सब भी अल्लाह से दुआ कीजियेगा कि ओवैसीसाहब उत्तर प्रदेश में कामयाब हो।
(लेखक आल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन के नेता हैं)