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यूपी : एक और निर्दोष दलित युवक की हत्या, सबसे पहले मजलूम की मदत को पहुंचा रिहाई मंच

जब कहीं अनुसूचित जाती, जनजाती, आदिवासी, पिछड़े या मुसलमानों पर किसी भी तरह का अन्याय या अत्याचार होता है. मजलुमो की मदत के लिए रिहाई मंच वहां निस्वार्थ रूप से खडा हो जाता है. निस्वार्थी संगठनो की आज के इस दौर में मजलूमों को सख्त जरुरत है. ऐसे संगठन एवं अपने आप को समाज के हवाले करने वाले लोगो की बहुत कमी है. सभी जाती एवं धर्म के लोगो ने ऐसे संगठन और संगठन के कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाना चाहिए और कदम कदम पर उनका साथ देने की आवश्यकता है. इस बार रिहाई मंच की टीम सबसे पहले वहां पहुंची जहां एक निर्दोष ल्दालित युवक की हत्या कर दी गयी है यह मामला लखमीपुर का है.


लखीमपुर खीरी,रिहाई मंच, लखीमपुर खीरी ने गोला गोकरननाथ में भूतनाथ के मेले में 9 अगस्त को इन्सानियत को शर्मसार कर देने वाली जघन्य घटना जिसमें एक दलित युवक को चोरी के शक के नाम पर हैवानियत की सारी हदें तोड़कर कुछ दबंगों ने अवनीश उम्र 17 साल निवासी ग्राम नकेडा को जान से मार डाला और उसके एक साथी प्रसून उम्र 13 साल को भी मार मार कर घायल कर दिया के परिजनों से मुलाक़ात की।

रिहाई मंच के प्रतिनिधि मंडल ने मृतक अवनीश के भाई सुशील व माता से मुलाकत करके इंसाफ की इस लड़ाई में उनका साथ देने और लड़ने का वादा किया।


स्थानीय लोगों ने बताया कि जिस समय इस घटना को कुछ दबंग अन्जाम दे रहे थे उस समय उस जगह पर दो पुलिस वाले आये थे और इस घटना को नजरअन्दाज करके चले गये थे। अगर पुलिस इस मामले मेँ अपनी सतर्कता दिखाती तो शायद अवनीश की जान बच जाती।

वहीँ पुलिस इस मामले की लीपा-पोती में लग गई है। उसने अपनी F.I.R. में घटना स्थल से पुलिस चौकी की दूरी 4 कि0मी0 दिखायी है, जबकि वास्तव में घटना स्थल से पुलिस चौकी की दूरी महज आधा कि0मी0 ही है जो पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगाती है।


रिहाई मंच ने कहा कि स्पष्ट विवेचना न्याय का आधार होती है। पुलिस इंसाफ से ज्यादा दोषियों व खुद को बचाने की फ़िराक में है ऐसे में किसी स्थानीय जाँच पर भरोसा नहीं किया जा सकता। इस घटना में जिस तरह जाती पूछकर, दलित होने के चलते अवनीश को दुस्साहसिक तरीके से पीट-पीटकर दबंगों ने मार डाला और उसके दोस्त प्रसून को घायल कर दिया उससे पुरे क्षेत्र में दलित वंचित समाज भयभीत है। ऐसे में इस घटना की स्वतंत्र जाँच एजेंसी से जाँच कराई जाय। क्यों की इस घटना में पुलिस की संलिप्तता भी साफ है कि जब अवनीश को दबंग पीट रहे थे तो वहाँ पुलिस मौजूद थी, जो अपने कर्तव्य का पालन न करते हुए वहाँ से चली गयी। जिससे सामंती तत्वों के आपराधिक हौसले बुलंद हुए और उन्होंने दलित के नाम पर युवक की हत्या कर दी।

रिहाई मंच लखीमपुर खीरी के मोनिस अन्सारी, सिद्दीक़ यार खाँ, शारिफ सिददीकी, शहनवाज खान, आसिफ सिददीकी शीबू ,कफील खान, इमरान अन्सारी ने पीड़ित दलित से मुलाक़ात की।

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