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मध्यप्रदेश इंदौर में 4.5 लाख वोट फर्जी..

फर्जी वोटर आईडी का घोटाला बढ़ता जा रहा है, इसके पहले भी पीएम नरेन्द्र मोदी के वाराणसी से करीब 3.50 लाख फर्जी वोटर पकडे गए थे.
आज फिर से उसके बाद मध्यप्रदेश में वोटर आईडी फर्जी निकले 
सवाल उठ रहा है की क्या इलेक्शन कमिशन ये सब बाते को नजरअंदाज कर रही है ? क्या ऐसा कोई कानून नहीं है जहा फर्जी इलेक्शन कार्ड मिल रहे है तो उसको केसे रोका जाए ?
फर्जी इलेक्शन कार्ड का घोटाले की जांच हो ? 
इंदौर: क्या इंदौर शहर में 4.5 लाख वोट फर्जी हैं। निर्वाचन आयोग के एक खास सॉफ्टवेयर की रिपोर्ट पर भरोसा करें तो यह सही है। इंदौर में 4.5 लाख वोटर आईडी ऐसे हैं जिनके फोटो एक जैसे हैं। आप जानकर चौंक जाएंगे कि देशभर में ऐसे केवल 15 लाख फर्जी वोट पकड़े गए हैं जिनमें से करीब 5 लाख इंदौर में ही हैं। शायद यह देश का सबसे बड़ा फर्जी वोटर कार्ड घोटाला है।



जानकारी के मुताबिक, निर्वाचन आयोग ने एक खास सॉफ्टवेयर बनवाया है। इस सॉफ्टवेयर के जरिए जब देशभर के वोटर कार्ड के फोटो स्कैन किए गए तो उनमें से 15 लाख से ज्यादा मतदाताओं के फोटो एक जैसे निकले। जिसमें से साढ़े चार लाख सिर्फ इंदौर में ही हैं।
इस खुलासे के बाद तीन दिन पहले निर्वाचन आयोग ने जिले के निर्वाचन और सहायक निर्वाचन अधिकारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जांच के आदेश दिए। आदेश मिलने के बाद जांच शुरू भी कर दी गई है।
बताया जा रहा है कि इन एक जैसे चेहरों वालों की सूची सभी 9 विधानसभा क्षेत्रों के प्रभारी अधिकारियों को भेज दी गई है। जिसमें से अब उन्हें एक-एक वोटर कार्ड छांटते हुए जांच करनी है, यदि सच में एक जैसे चेहरे पाए जाते हैं तो उन्हें ऑनलाइन चिह्नित किया जाएगा और फिर फिल्ड वेरिफिकेशन भी कराया जाएगा।



अधिकारियों की मानें तो कई मतदाताओं के एक से अधिक केंद्रों के वोटर आईडी बनें हुए हैं। ऐसे में आयोग इन मतदाताओं को चिह्नित करने के बाद उनसे पूछेगा कि वो कहां की मतदाता सूची में रहना चाहते हैं। इस आधार पर कार्ड को एक मतदाता सूची में मान्य कर बाकी जगहों से उसका नाम खारिज कर दिया जाएगा।

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