भारतीय विद्यार्थी मोर्चा के राष्ट्रीय प्रभारी तथा भारत मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. विला खरात इन्होने सोशल मीडिया यानी अपनी फेसबुक प्रोफाइल पर एक सनसनीखेज खुलासा किया. बहुजन समाज के हख में आवाज उठाने वाले विलास खरात इन्होने बहुजन मूलनिवासी मुसलमानों के बारे में एक खुलासा किया. आईये हम आपको उनके खुलासे से रूबरू कराते है.
हा मैं ब्राम्हणी आतंकवादियो के और ब्राम्हणी न्यायपालिका के खिलाफ हु!!!
देश भर में अब 82 हज़ार मुस्लिम जेलो में फसे हुए है। यह जानकारी खुद सरकार की है। देश भर में जितने भी बम ब्लास्ट हुए वे सारे के सारे मोहन भागवत के मेहरबानी से हुए। नॉन मुस्लिम लोगो को पता ही नहीं चलता यह सब कैसा होता है और मुसलमानो पर क्या बितती होगी? आजसे मैं एक एक वाकिया सोशल मिडीया पर पोस्ट करूँगा।
मैं उन बेकसूर मुस्लिम लड़को की वकालत कर रहा हु, मुझे इसकी परवाह नहीं की मिडीया और ब्राम्हण क्या कहेंगे। विदेशी ब्राम्हणो को मैं गिनता नहीं हु। मुस्लिम बुद्धिजीवी लोगो आँख खोलो और अपनी जुबान भी खोलो।
खालिद मुजाहिद जमात इस्लामी हिन्द के नाजिम इलाका रीजनल प्रबंधक मौलाना जहीर आलम फलाही के भतीजे और जमियातुस्सालिहात, मडियाहू, जिला जौनपुर में शिक्षक थे। उन्हें 16 दिसम्बर 2007 को उनके घर के पास से अगवा किया गया और पुलिस की झूठी कहानी कबूल करने के लिए जिस तरह के जुल्म ढाए गए, दुनिया के बड़े बड़े जालिम भी दांत तले ऊँगली दबा ले।
खालिद मुजाहिद ने अपनी दर्द भरी दास्तान आरडी निमेष के सामने जिन शब्दों में पेश की वह निमेष कमीशन की रिपोर्ट में इस तरह दर्ज है:
"नंगा करके मारा पीटा जाता था। दाढ़ी के बाल नोचे जाते थे। दीवार के सहारे बैठा कर टांगो को चौड़ा किया जाता था। एक पैर पर पुलिस वाला खड़ा होता दूसरे पैर पर दूसरा पुलिस वाला खड़ा होकर अपना पेशाब हमारे मुंह में डालते। पखाने के मुक़ाम पर पेट्रोल डालता, हमारे पेशाब की नली में धागा बांध कर पत्थर लटकाया जाता था और उसे सिगरेट से दागा जाता था। सूअर के गोश्त का कबाब मुंह में ठूंसा गया, बर्फ की सिल पर लिटा कर नाक और मुंह में पानी पिलाया गया। करंट के झटके लगाये गए। हमारी कमर से रस्सी बांध कर ऊपर छत में रस्सी फंसा कर खिंचा जाता था और नीचे पानी भरे टब में डुबकी लगवाई जाती थी। यह सब बारी बारी चार चार घंटे के अंतराल से किया जाता था। यह कहा जाता था की कचेहरी बम ब्लास्ट इसी ने किया है और जब मैं जब यह कहता कि जो काम मैंने नहीं किया है उसकी जिम्मेदारी कैसे ले लू तो उस पर यह जालिम कहते कि जिम्मेदारी ले लो वरना तुम्हारी माँ और बीबी को उठा लाएंगे और तुम्हारे सामने ........ ""
यह वाक़ियात पढ़कर रोना आएगा।
ऐसे जालिम व्यवस्था को जल्द से जल्द बदलना होगा।
जब हमें अवसर आएगा तब हम आरएसएस पर पाबन्दी लाएंगे, सारे ब्राम्हणी आतंकवादी को और उसके आंका को भी फाँसी पर चढ़ाएंगे।
सबसे बड़े आतंकवादी ब्राम्हणवादी , ब्राम्हणवादी !!!
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, लेफ्टनंट कर्नल प्रसाद पुरोहित को रिहा करने की आरएसएस की पूरी तयारी हो गयी है। भारत मुक्ति मोर्चा इस बात का जाहिर धिक्कार भी करते है, इतना ही नहीं उग्र आंदोलन की भी घोषणा करते है।
साथियो जो आतंकवादी ब्राम्हण है उन्ही की एवीएम घोटाला करके सरकार बनायीं है। कांग्रेस ने आरएसएस के आतंकवादियों को फांसी नहीं दी और अब आरएसएस, बीजेपी को वे सपोर्ट कर रहे है।
अब देश में असंतोष पैदा हो सकता है। यह आतंकवादी भारत संविधान को ही नहीं मानते है इस लिए हम एनआई, और कोर्ट को भी नहीं मानेंगे ! क्यों की वे ब्राम्हणवादी है और वे आरएसएस के ब्राम्हणो को बचा रहे है !!
साथियो, उठो आंदोलन के लिए तयार हो जावो !!
सबसे बड़े आतंकवादी ब्राम्हणवादी ब्राम्हणवादी !!
हेमंत करकरे (जिनके उपर अपने पिताजीके कम्युनिष्ट विचारधारा का प्रभाव था) इस जांबाज अफसरके कारण पुरी दुनिया मै संघ की बम धमाकोंकी पोल खुल गई. देश में जितने भी जगह बम ब्लास्ट हुए वे सारे के सारे आरएसएस या आरएसएस से जुड़े लोगो ने ही करवाए। असित चटर्जी उर्फ़ असिमानद ने कन्फेशन में कहा की देश भर में जितने बं ब्लास्ट हुए वे सारे के सारे आरएसएस ने ही करवाए !! मगर सत्ता में बैठी कांग्रेस ने उन सारे आतंकवादियों को बचाया क्यों की मोहन भागवत को वह बचा रहे थे ! कांग्रेस ने ही तो आरएसएस को १९२५ में पैदा किया था ना ! कांग्रेस बीजेपी आरएसएस के ब्राम्हण्यवादी एक ही है !!
सन २००८ को जब मालेगाव बम ब्लास्ट की जाँच करकरे ने शुरू की तब उन्हें लेफ्टनत कर्नल प्रसाद पुरोहित और दयानन्द पांडे के पास से ३ लैपटॉप जप्त किये गए। उसमे मिली जानकारी यह ब्राम्हणी राज ब्लू प्रिंट था। उसमे आरएसएस के द्वारा ही चलाये जा रहे अभिनव भारत के असंख्य गुप्त मीटिंग्स के वीडियो, ओडिवो रिकॉर्डिंग थे। उसके अनुसार उन ब्राम्हणी आतंकवादियों मीटिंगे दिल्ली, जम्मू, कलकत्ता, फरीदाबाद, भोपाल, इंदौर , जबलपुर, नासिक, पुणे, देवळाली इन पर गुप्त मीटिंगे हुयी ! उन ३ लैपटॉप में ४८ पार्ट है जिसमे २४ विडीवो और २४ ओडिवो है। उसमे से केवल ४ या ५ भागो का ही सामने जिक्र आता है बाकी ढेर सारी बाते सामने अभी तक आयी नहीं है।
भारत में छाहे कांग्रेस आये या बीजेपी ब्राम्हण्यवादी नोकरशाही के होने के कारण ब्राम्हणी आतंकवाद को बढ़ावा देते है क्यों की इसी से ब्राम्हण्यवादीयोंका भारत पर और लोकतंत्र पर नाजायज कब्जा हो जाता है। जो भी जाँच एजंसियां है उनमे भी उन्हीका नियंत्रण है ! नाजायज तरीके से कब्ज़ा किया है। आयबी और एटीएस ,NIA पर भी ब्राम्हण्यवादीयोने कब्ज़ा किया है। २६ - ११ का जो हमला हुआ था उसमे आरएसएस का भी हाथ था और इसी में जो मालेगाव बम ब्लास्ट की तहकीकात कर रहे अधिकारियो की हत्याए भी कर दी गयी और इस काम के लिए कांग्रेस ने आरएसएस को मदत किया !! कांग्रेस के ब्राम्हण्यवादी कितने महान होगे इसकी आप कल्पना करो !!
कई जगह पर बम ब्लास्ट हुए उसमे से १७ जगह के बम ब्लास्ट के मामले के चार्ज शीट कोर्ट में दायर हुए है वे सारे के सारे आरएसएस पर हुए है।
जानकारी सामने आयी है पुरोहित को बचाया जा रहा है !! क्लीन चिट दी जा रही है !! शेम शेम !! क्या हम भारत में रहते है ? क्या भारत में लोकतंत्र है ? उन १७ जगह की कोर्ट में दायर चार्ज शीट अनुसार आरएसएस आतंकवादी ब्राम्हणो संघठन है जानकारी :
आरएसएस , अभिनव भारत और वन्दे मातरम के ब्राम्हणो ने किये बम ब्लास्टः
१ अजमेर शरीफ ,राजस्थान २००६
२ मक्का मस्जित ,आंध्र प्रदेश ,हैदराबाद २००६
३ समझौता एक्सप्रेस २००६
४ मालेगाव , महाराष्ट्र २००६
५ मालेगाव महाराष्ट्र २००८
६ मोडासा ,गुजरात २००८
आरएसएस और बजरंग दलों के द्वारा किये गए बम ब्लास्ट :
७ नांदेड़ ,महाराष्ट्र २००६
८ परभणी ,महाराष्ट्र २००३
९ जालाना , महाराष्ट्र २००४
१० पूर्णा , महाराष्ट्र २००४
११ कानपुर , उप , २००८
आरएसएस के द्वारा किये गए बम ब्लास्ट
१२ कन्नूर , केरल , २००८
१३ तेन काशी , तमिलनाडु २००८
१४ पनवेल , महाराष्ट्र, २००८
सनातन संस्था के द्वारा किये गए बम ब्लास्ट :
१५ ठाणे , महाराष्ट्र , २००८
१६ वाशी , नवी मंबई , महाराष्ट्र
१७ मडगाव , गोवा , २०१०
अब इन बम ब्लास्ट में शामिल ब्राम्हणो की लिस्ट :
१ सुनील जोशी - मऊ , मध्य प्रदेश का आरएसएस का प्रचार प्रमुख १९९० से २००३
२ संदीप डांगे - आरएसएस का प्रचार प्रमुख :शाजापुर , मध्य प्रदेश , २००५ से २००८
३ देवेन्द्र गुप्ता जामताड़ा झारखण्ड का आरएसएस का जिला प्रचार प्रमुख
४ लोकेश शर्मा -आरएसएस का नगर कार्यवाहक देवगढ़।
५ चंद्रकांत लावे - आरएसएस का जिला प्रचार प्रमुख :शाजापुर , मध्य प्रदेश , २००८ से २०१०
६ स्वामी असिमांंनन्द - आरएसएस का सबसे पुराना और सर्वोच्च नेता।
७ राजेंद्र उर्फ़ समुन्दर - आरएसएस वर्ग विस्तारक।
८ मुकेश वासनी -गोधरा का आरएसएस का कार्यकर्त्ता
९ रामजी कालसांगरा - आरएसएस का कार्यकर्त्ता
१० कमल चौहांन - आरएसएस का कार्यकर्ता
११ साध्वी Pradnya सिँघ ठाकुर , आरएसएस की कार्यकर्ता जो वन्दे मातरम और अभिनव भारत से जुडी है !
१२ राजेंद्र चौधरी उर्फ़ रामबालक दास -आरएसएस का कार्यकर्ता
१३ धन सिंह उर्फ़ लक्ष्मण - आरएसएस का कार्यकर्ता
१४ राम मनोहर कुमार सिंह
१५ तेज राम उर्फ़ रामजी उर्फ़ रामचन्द्र कालसांगरा - आरएसएस का कार्यकर्त्ता
१६ संदीप उपाध्याय उर्फ़ संदीप डांगे - आरएसएस
१७ सुनील जोशी - आरएसएस
१८ राहुल पाण्डे - आरएसएस
१९ डॉ उमेश देशपांडे - आरएसएस
२० संजय चौधरी
२१ हिमांशु पानसे -
२२ रामदास मुलंगे
२३ नरेश राजकोंडावर
२४ योगेश विदुलकर
२५ मारुती वाघ
२६ गुरुराज तुप्तेवर
२७ मिलिंद एकबोटे
२८ मलेगोंडा पाटिल ( जो गोवा में बम ब्लास्ट के साथ ही मारा गया , यह पिछड़े वर्ग का है और उसका इस्तेमाल आरएसएस ने किया )
२९ योगेश नाईक
३० विजय तलेकर
३१ विनायक पाटिल
३२ प्रशांत जुवेकर
३३ सारंग कुलकर्णी
३४ धनजय अष्टेकर
३५ दिलीप मंगोंकर
३६ जयप्रकाश उर्फ़ अन्ना
३७ रूद्र पाटिल
३८ प्रशांत अष्टेकर
३९ रमेश गडकरी -सनातन संस्था
४० विक्रम भावे - सनातन संस्था
पिछले साल आरएसएस ने मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में भी बम ब्लास्ट किया था जिसमे २०० से ज्यादा लोग टमाटर की तरह फटकर मारे गए। mp में बीजेपी आरएसएस की सत्ता है उस मसले को आरएसएस ने दबाया ! देश भर में आरएसएस बम ब्लास्ट कर रही है।
तथाकथित आज़ादी के ६८ साल के सालो में ६४ हज़ार फसाद हुए जिससे sc ,st obc का धार्मिक धुरुवीकरन करके हिन्दू के नाम पर इस्तेमाल किया और कांग्रेस को डर के मारे मुस्लिमो ने वोट दिया ! इससे कांग्रेस और बीजेपी का सत्ता और विपक्ष पर कब्ज़ा हुआ। इंडिया टुडे की रिपोर्ट कहती है की भारत में मुसलमान कम जेल में ज्यादा रहते है !!
अभी की सरकारी ताजा रिपोर्ट के अनुसार sc ,st ,obc ,मुस्लिम के ८५ प्रतिशत लोगो के ६७ प्रतिशत लोग जबरन जेलो में है !!
अब तो समझ में आया राष्ट्रव्यापी जनांदोलन के अलावा कोई विकल्प है ?
सबसे बड़े आतंकवादी ब्राम्हणवादी , ब्राम्हणवादी !!!
(इस लेख में व्यक्त किये गए विचार ;लेखक के अपने निजी विचार है. आरोप प्रत्यारोप या किसी भी जानकारी से सोशल डायरी सहमत ही हो ऐसा नहीं है, इस लेख के सभी दायित्व के जिम्मेदार सिर्फ लेखक है. - संपादक)