आज के दौर में सोशल मीडिया अपनी बात खुलकर रखने का बहुत बड़ा प्लेटफार्म साबित हो रहा है. कुछ विवादित बातो पर नजरअंदाज किया जाए तो सोशल मीडिया एक क्रान्ति है. हर कोई अपनी अपनी बात अपने अंदाज से करता है. ऐसे ही अब्दुल एच खान ने अपनी प्रोफाइल पर एक खुलासा किया है.
एक बार एक शिकारी जंगल से एक तीतर पकड़ कर लाता है उसे अपने घर पर एक पिंजड़े में रखता है और खूब काजू किशमिश बादाम खिलाता है और जब तीतर बड़ा हो जाता है तो एक दिन वो उसे पिंजड़े के साथ ही लेकर जंगल जाता है वहां जाल बिछाता है और तीतर को वही पिंजड़े में रखकर खुद झाडी के पीछे छिप जाता है और तीतर से बोलता है बोल बेटा तीतर अपने मालिक के आवाज़ को सुनकर जोर जोर से चिल्लाता है उसकी आवाज़ को सुनकर जंगल के सारे तीतर ये सोचकर की ये अपने कौम का है जरूर किसी परेशानी में है चलो मदद करते हैं खींचे चले आते हैं और शिकारी के बिछाये हुए जाल में फंस जाते हैं फिर शिकारी मुस्कुराते हुए आता है पालतू तीतर को अलग और वो सारे तीतरों को अलग झोले में रखकर घर ले आता है फिर अपने पालतू तीतर के सामने ही पकडे गए सारे तीतरों को एक- एक कर काटता है मगर पालतू तीतर उफ़ तक नही करता कैसे करता उसे अपने हिस्से का खुराक काजू किशमिश बादाम जो मिल रहा था।
कमोबेश यही हाल आज हमारा भी हो गया है।
शिकारीयों (सपा,बसपा,कांग्रेस,बीजेपी) ने ऐसे ना जाने कितने तीतर पाल रखें हैं जो अपनी ही कौम को कटता तो देखतें हैं मगर उफ़ तक नही करते।
हमें इन तीतरो और शिकारियों से सावधान रहने की जरूरत है ।,,