बादशाह ने गधों को कतार में चलते देखा तो कुम्हार से पूछा तुम इन्हें किस तरह सीधा रखते हो? कुम्हार ने जवाब दिया जो भी गधा लाइन तोड़ता है उसे सज़ा देता हूँ. बस ये उसी की वजह से सीधा चलते हैं. बादशाह ने कुम्हार से पूछा क्या तुम मेरे मुल्क में अम्न शान्ति मज़लूमों के साथ न्याय कर सकते हो? कुम्हार ने हामी भर ली. बादशाह ने उसे मुख्य न्यायधीश बना दिया. कुम्हार के सामने एक चोर का मुक़दमा लाया गया. कुम्हार ने उसके हाथ काटने की सज़ा दे दी. जल्लाद ने हाथ काटने से पहले कुम्हार की तरफ देखा और कान में कहा साहब ये चोर वज़ीर का ख़ास आदमी है इसे जाने दें. कुम्हार ने फिर कहा इसके हाथ काट दो. इसके बाद वज़ीर ने खुद कहा साहब अपना आदमी है थोड़ा ख़याल करें. कुम्हार ने आखिरी फैसला सुनाते हुए कहा चोर के हाथ, वज़ीर की ज़बान काट दो. तभी इस मुल्क में शान्ति और न्याय होगा.
तो अब बताईये कौन है वजीर, चोर और मजलूम ????
-सलीम जावेद (वाया सोशल मीडिया)