भारत में हज़ारों दंगे हुए हैं लेकिन गुजरात दंगा अकेला ऐसा दंगा था जिस पर पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित हुआ था और चूँकि इसमें कई विदेशी नागरिक भी मारे गए थे इसलिए ये अंतर्राष्ट्रीय मुददा बन गया था, ये नरसंहार की कटेगरी में फिट बैठता था और इंटरनेशनल कोर्ट ले जाने के लिए बिलकुल फिट मामला था अगर ये मामला इंटरनेशनल कोर्ट जाता तो फैसला कई साल पहले आ चुका होता और वो हर हाल में इंडियन कोर्ट से ज़्यादा निष्पक्ष और बेहतर फैसला होता।
लेकिन इंसाफ़ दिलाने के नाम पर उछल कूद मचा रहे एक्टिविस्टों ने इसे बाहर जाने नहीं दिया और यही पर सबकी लीपापोती कर दी, मुददा पुराना होकर दबा भी दिया गया,
आप जिन्हें मसीहा समझे बैठे हैं वो दरअसल गुनाहगारों की क़तार में खड़ा किये जाने वाले लोग हैं, उन्होंने मुजरिमों को बचाया है |
Md Iqbal की फेसबुक वाल से