File Photo (सांकेतिक छवि) |
यह है अमेरिका के नॉन मुस्लिम आतंकी संगठन, क्या ट्रम्प नॉन मुस्लिमो को भी बैन करेंगे?
हाल ही में हुई ऑरलैंडो शूटिंग के बाद भक्तो के नए कथित इष्टदेव डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर हेट पॉलिटिक्स और मृतकों की चिता के ज़रिये अपनी दुकान चमकाने की कवायद को तेज़ कर दिया है और आतंकवाद को फिर मुसलमानो से जोड़कर आपत्तिजनक बयान दे डाला है। विविद हो हाल ही में ऑरलैंडो स्थित गे क्लब में एक शूटआउट हुआ है जिसमे ओमर मतीन नामक अमेरिकी नागरिक का नाम आया है लेकिन सवाल यह है कि क्या महज़ एक मुजरिम का नाम किसी धर्म या विचारधारा से जुड़ने पर उस धर्म से जुड़े अन्य सभी लोगो पर प्रतिबन्ध लगाया जा सकता है? यदि हां ऐसा है तो अमेरिका में मुस्लिम के साथ साथ हिंदी उस्ताद सभी अन्य धर्मो और समलैंगिकों के प्रतिबन्ध की भी मांग करेगा क्योकि उमर मतीन की पत्नी के अनुसार वह एक गे था इसके सपोर्ट में एक प्रतिष्ठित अखबार भी सामने आया है। अखबार मेल ऑनलाइन की इस रिपोर्ट अनुसार उसने अपने लिंग की तस्वीरें अपने विद्यालय सहपाठी के साथ साझा की थी। रही बात अन्य धर्मो की तो हम बता रहे है आपको अमेरिका में आतंक के पर्याय बन चुके ऐसे आतंकी संगठनो के बारे में जिसका नाम आपने सुना भी नहीं होगा।
अमेरिका ही की बात की जाए तो ऍफ़.बी.आई के अनुसार वर्ष 1980 से 2005 तक 318 आतंकी हमले हो चुके थे। जिसमे 209 बम से हुए थे। 42 फीसद लटिनो ग्रुप ने, 24 फीसद कट्टरपंथी लेफ्ट वविंग,7 फीसद कट्टर पंथी यहूदी, 6 फीसद मुस्लिम कट्टरपंथी और 5 फीसद कम्युनिस्ट और बाकी अन्य ने किये
9/11 से 2009 तक अमेरिका में 83 आतंकी हमले हुए जिसमे केवल 3 मुस्लिम आतंकियो ने किये। अमेरिका में 1970 के दशक में 2010 के दशक से ज़्यादा आतंकी गतिविधिया दर्ज की गयी जिसे करने वाले मुस्लिम नहीं थे। तब हर साल 60 आतंकी हमले हर साल होते जो 9/11 से 15 गुना ज्यादा है
यदि मैं आपसे पूछू की अमेरिका में 3 आतंकी संगठन के नाम बताओ तो अल कायदा के अलावा कितने नाम गिनवा सकते हो??
चलिए कुछ मैं गिनवाता हूँ
एनिमल लिबरेशन फ्रंट : जानवरों के हितों के लिए हिंसक गतिविधियाँ अपनाते है। 1982 में यूनाइटेड किंगडम की सभी चार बड़ी राजनैतिक पार्टियों समेत प्रधानमंत्री मार्ग्रेट थेचर के पास लेटर बम भेजे थे। 1983 में फर बेचने वाले स्टोर्स में सिलसिलेवार धमाके किये। सितम्बर 1985 में शरत गांगुली और स्टुअर्ट वॉकर जो ब्रिटिश इंडस्ट्रियल बायोलॉजिकल रीसर्च एसोसिएशन के शोधकर्ता थे , की गाड़ियों में बम लगा चुके है, सौभाग्य से दोनों बच गए थे
अल्फा66 और ओमेगा 7 : क्यूबा का संगठन है कई बम धमाके कर चुका है (
आर्मी ऑफ़ गोड : 1997 में एटलांटा के एंटी एबॉर्शन और एंटी समलैंगिक , दो एबॉर्शन क्लिनिक और लेस्बियन नाईट क्लब उड़ा चुका है। इस संगठन के 3 आतंकियों ने एबॉर्शन करने वाले डॉ हेक्टर जेवलोस और उनकी पत्नी का अपहरण किया और 8 दिन तक बंधक बना कर रखा। इसी संगठन का अन्य एक आतंकी पर डॉ जॉर्ज टिलर की हत्या का प्रयास का मुकदमा चला।
आर्यन नेशन : 1970 को वजूद में आया पहला गोरे इसाईयो का राष्ट्रीय स्तर का आतंकी संगठन
ब्लैक लिबरेशन आर्मी : 1970 से 1981 के बीच यह आतंकी संगठन पूँजीवाद और नस्लवाद के विरोध में सामने आकर उभरा। जस्टिस डिपार्टमेंट की रिपोर्ट अनुसार 1970 से 1976 तक इस संगठन ने 70 वारदातों को अंजाम दिया जिसमे 13 पुलिस वालो की मौत हुई। आज यह संगठन न्यू ब्लैक लिब्रेशन आर्मी के नाम से है जिसका दावा अब हिंसक क्रिया छोड़ लोकतान्त्रिक क्रिया अनुसार अपनी बात रखने का है और फ्रेड हैम्पटन jr इसके कार्यकर्ता है।
अर्थ लिबरेशन फ्रंट 1992 को यूनाइटेड किंगडम में जन्मा और 1994 तक यूरोप भर में फ़ैल गया। आज 17 देशो में इसकी गतिविधियाँ है। पर्यावरण को होने वाले किसी नुक्सान के खिलाफ बल पूर्वक कार्यवाही करता है 1996 ओकरिज रेंजर स्टेशन जला कर स्टेट को 12 मिलियन डॉलर का नुकसान दिया था। 2000 में लेजेंड रिज आग के हवाले करके ढाई मिलियन डॉलर का नुकसान, 2001 में 30 suv गाड़ियों में आग लगा दी थी जिससे 10 मिलियन डॉलर का नुकसान , 2000 ही में यनिवर्सिटी ऑफ़ वाशिंगटन में आग लगा कर ७ मिलियन डॉलर का नुकसान तथा 2009 तक आते आते देश भर में आगजनी की 1200 वारदातें अंजाम दे चुके थे
जेविश डिफेंस लीग: यहूदियों का ग्रुप ,रबी मीर कहने द्वारा निर्मित ,15 आतंकी हमले और 60 बमबारी के दोषी (अल कायदा से ज्यादा) . दिसंबर 1969 में इसके 3 आतंकियों ने नई यॉर्क में सीरियन मिशन पर हमला किया। 1975 में इसके लीडर मीर कहाने को सोवियत डिप्लोमेट के अपहरण , वाशिंगटन में इराकी दूतावास के बाहर बम ब्लास्ट और इजराइल से हथियार लाने के आरोप में आरोपी बनाया गया। हाल ही में 2014 में इसके दो आतंकियों को फ्रांस में एक यहूदी ब्लॉगर जोनाथन मोादब की कार को देसी बम द्वारा उड़ाने के आरोप में कारावास भेज गया। 2015 में 100 आतंकियों ने इजराइल और जेविश डिफेंस लीग के झंडो के साथ एजेंसी फ्राँन्से प्रेस बिल्डिंग, पेरिस पर गैस फ्लेयर से हमला कर दिया जिसमे 12 आतंकियों ने फ्रेंच लीडिंग पत्रकार डेविड परियोतिन पर हमला कर दिया।
कु क्लुक्स कलां : एंटी कम्युनिस्ट और एंटी कैथोलिक ग्रुप। यह गोरी सुप्रीमेसी में यकीन रखता है। अपनी आतंकियों गतिविधियों में यह हत्याएं और शूटिंग्स कर चुका है इसका उद्देश्य अमेरिका के शुद्धिकरण का है
मिलिशिया मूवमेंट : सरकार के कट्टर विद्रोही ,20000 से 60000 की तादाद में है। हटारी, थ्री पर्सेंटर्स , मिचगन मिलिशिया ,मिसूरी मिलिशिया , पेंसिल्वेनिया मिलिट्री रिज़र्व जैसे 2011 तक 334 आतंकी संगठन साउथर्न लॉ सेंटर द्वारा चिन्हित है।
फिनेअस प्रीस्टहुड: अंतर्नास्लीय सम्भोग,गर्भपात और मल्टी कल्चर के धुर विरोधी। 28 नवम्बर 2014 में 49 वर्षीय लेरी स्टीवन मेकक्विलेमस में 100 से ज़्यादा गोलिया फ़ेडरल कोर्टहाउस और पुलिस स्टेशन में चलाई। बाद में यह पुलिस की गोली द्वारा मारा गया। इसके घर की तलाशी लेने पर साहित्य और पुस्तकों द्वारा पता चला कि यह इसी फिनीस प्रीस्टहुड संगठन से सम्बन्ध रखता था।
सिमबायोनीस लिबरेशन आर्मी : केवल २ वर्ष ही में(1973-1975) समाप्त हुए इस संगठन ने इन दो सालो में 2 हत्याएं , बैंक लूट और अन्य हिंसक गतिविधियों को अंजाम दिया
यूनाइटेड फ्रीडम फ्रंट :20 बम धमाके और 9 बैंक डाके के आरोपी मार्क्सवादी संगठन। 1975 को जन्मा यह आतंकी संगठन जोनाथन जैक्सन यूनिट के नाम से वजूद में आया था। इस संगठन ने मैसाचुसेट्स स्टेट में बमबारी की थी बाद में इसका नाम यूनाइटेड रख लिया गया। इसके सरगना रेमंड लुक लेवसेुर और टॉम मन्निंग तथा इन दोनों की पत्निया पैटरिसिया ग्रॉस और करोल मन्निंग थी। यह दोनों पुरुष सरगना वियतनाम युद्ध में दिग्गज थे। 1980 तक यह संगठन रहा था।
दी वीथर अंडरग्राउंड:1970 से 77 तक 45 बम हमलो के आरोपी, यह भी मार्क्सवादी संगठन था , इसके आतंकी हाइपर पुलिस मेमोरियल बिल्डिंग ब्लास्ट ,नई यॉर्क सिटी अरसोन ब्लास्ट, ग्रीनविच विलेज धमाका और पेंटागन धमाका ,1972 जैसे धमाकों में शामिल रहे है
बोरिकुआ पीपल आर्मी : 1976 से लेकर आज तक यह आतंकी संगठन 1000 5000 आतंकियों वाला संगठन है। यह अपना विरोधी अमेरिकी सरकार को मानता है। इस संगठन ने 1978 सन जुआन बॉम्बिंग, 1979 यूनाइटेड स्टेटस आरमफोर्स अटैक, 1981 में पुएर्टो रिको एयर नेशनल गार्ड अटैक और १९८३० वेल फारगो बैंक लूट की ज़िम्मेदारी ली है।
अमेरिका में हुए कुछ ऐसे हमले जो शायद ही अपने सुने हो क्योकि बात यहाँ अहम् हो जाती है की किस तरह बताई जाती है
1971: दी वीथर अंडर ग्राउंड द्वारा बमबारी यु एस कपितोल बिल्डिंग पर
1972: इसी संस्था द्वारा पेंटागन पर बम धमाका हनोई पर अमेरिकी बमबारी के विरोध में
1975:यही संस्था ,इस बार डिपार्टमेंट ऑफ़ स्टेट बिल्डिंग पर बम हमला
1976: क्यूबा एक्सिलेस द्वारा विमान 455 क्यूबा का विमान अपहरण जिसमे 73 लोग मरे
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1978-1995: टेड केक्ज़िन्सकी द्वारा लेत्तेर्बोम्ब हमला
1995: ओक़लाहामा सिटी बम धमाका, टिमोथी मक वीह और टेरी निकोलस द्वारा ,168 लोग मारे गए
1996: सेंटेनियल ओलिंपिक पार्क बम हमला,एरिक रोबर्ट द्वारा जिसके बारे में क्लिंटन ने कहा था " आतंक का शैतानी रूप"
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2001:ब्रूस एडवर्ड्स द्वारा अन्थ्रेक्स हमला
2007: सीन्घुई चो नामक व्यक्ति द्वारा विरजीनिया टेक गोलीबारी जिसमे 32 लोग मर गए थे। उसका दावा था की वो इसा मसीह है और अमीरों सइ नफरत करता है
2010: ऑस्टिन आई आर एस हमला, जोशेफ स्टैक द्वारा जिसने जहाज़ उड़ा कर आई आर एस बिल्डिंग में दे मारा
2011:टसकन शूटिंग,जार्ड ली ने 19 लोगो को मारा
उपरोक्त सभी उदाहरणों से पता चलता है कि आतंकवाद किसी भी एक धर्म का नहीं बल्कि कई संघटनो से सम्बंधित हो सकता है। उपरोक्त उदाहरणों में कोई ईसाई है तो कोई गोरा तो कोई नास्तिक तो कोई अश्वेत। यदि डोनाल्ड ट्रम्प एक या आतंकियों का नाम देखकर उसके पूरे समुदाय को प्रतिबंधित करने की बात कहते है तो यह हास्यास्पद है क्योकि इस तरह सभी धर्म के लोग अमेरिका से निष्कासित कर दिए जायेंगे।
मैं नहीं कहता दुनिया में मुस्लिम आतंकी नहीं है लेकिन "केवल मुस्लिम आतंकी" नहीं है। तथ्य साफ़ है आप देखोगे की इन घटनाओं के पीछे इनको यहूदी आतंकवाद, कम्युनिस्ट आतंकवाद,नास्तिक आतंकवाद से जोड़ कर नहिं देखा जाता पर यही ट्रम्प जैसे लोग इसे इस्लामी आतंकवाद कह देते है।
प्रश्न फिर यही है कि " ओमर मतीन के मुस्लिम होने के कारण मुस्लिम समाज पर प्रतिबन्ध लगना चाहिए तो क्या इसी ओमर मतीन के समलैंगिक होने पर सभी समलैंगिकों पर प्रतिबन्ध क्यों नहीं लगना चाहिए ?
तो अगली बार जब आप इस्लामी आतंकवाद सुनो तो याद रखो
छवि सबसे बड़ी चीज़ है या सब कुछ छवि ही है। ओरलांडो में मारे गए सभी पीड़ितों के लिए हिंदी उस्ताद शोक व्यक्त एवं इस घटना की नाम नेत्रों से घोर निंदा करता है। डोनाल्ड ट्रम्प यह जानते तो होंगे कि ऐसे समलैंगिक नाईट क्लब्स पर पहले भी कई हमले हुए है जिसमे आरोपी और पीड़ित दोनों ही धर्मो यानी इस्लाम और ईसाई से आते रहे है।