अजमेर पॉक्सो कोर्ट ने सात साल की बच्ची से दुष्कर्म के दो आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. इस मामले में दोनों आरोपियों पर 74000 रुपये का आर्थिक जुर्माना भी लगाया गया है. अजमेर पॉक्सो नंबर 1 कोर्ट के लोक अभियोजक रूपेंद्र कुमार परिहार ने बताया कि 14 जून 2019 को ब्यावर सिटी थाने में 7 साल की नाबालिग बच्ची के अपहरण और सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया था.
इस मामले की जानकारी मिलने पर पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया और उनके खिलाफ चालान पेश करते हुए साक्ष्य व गवाह जुटाए, जहां पता चला कि आरोपी महेंद्र और कुशल 7 साल की बच्ची को बहला फुसला कर ले जा रहे थे. स्कूटर पर नाबालिग 1. उसका अपहरण कर लिया गया और उसी जंगल में ले जाया गया, जहाँ उसने उसके साथ क्रूर व्यवहार करके उसे वापस तंबू पर छोड़ दिया था।
जहां नाबालिग के परिजनों ने बच्ची को खून से लथपथ पाया, इसकी सूचना पुलिस को दी गई. इसके बाद पुलिस ने जांच तेज कर कार्रवाई शुरू की और आरोपितों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां लगातार सुनवाई के दौरान इस क्रूरता को लेकर अजमेर कोर्ट में 16 गवाहों को 135 दस्तावेज पेश किए गए.
जिसके आधार पर आरोपी महेंद्र और कुशाल को दोषी करार देते हुए मौत तक जेल में बिताने का आदेश दिया गया है. वहीं, इस मामले में गिरफ्तार तीन आरोपियों को भी बरी कर दिया गया है। इस मामले में जज द्वारा विशेष टिप्पणी करते हुए यह कृत्य समाज के लिए गलत है और ऐसे अभियुक्तों को बिना कोई नरमी दिखाए अधिकतम सजा दी जानी चाहिए और ऐसा ही किया गया है.