हरिद्वार: 20 दिसंबर 2020। हरिद्वार के ऋषिकुल कॉलोनी में रहने वाली 9 वर्षीय मासूम घर की छत पर पतंग उड़ा रही थी। इसी बीच पड़ोस में रहने वाले रामतीर्थ यादव नाम के शख्स ने पतंग दिलाने के बहाने लड़की को अपने घर बुलाया.
यह बात मां को बताने के बाद बच्ची घर से चली गई, लेकिन वापस नहीं लौटी. बाद में हंसते-खेलते बच्ची का शव एक गोदाम से बरामद किया गया. रेप के बाद आरोपी रामतीर्थ ने मासूम की रस्सी से गला रेत कर बेरहमी से हत्या कर दी थी। क्रूरता की शिकार हुई हरिद्वार की बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए पूरा शहर सड़कों पर उतर आया। लोग इतने गुस्से में थे कि पुलिस के हाथ-पांव भी फूल गए। कई बार जाम, विरोध प्रदर्शन भी हुए। कई दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद आरोपी रामतीर्थ और राजीव को गिरफ्तार कर लिया गया। घटना के 1 साल बाद मासूम के परिजनों को न्याय मिला है.
अदालत ने हैवान रामतीर्थ को बच्ची से दुष्कर्म के मामले में मौत की सजा सुनाई है। फास्ट ट्रैक कोर्ट ने दोषियों को 12 महीने के भीतर सजा सुनाई। घटना के बाद से मासूम के परिजन और शहर के लोग भी फांसी की मांग कर रहे थे. उस समय विरोध प्रदर्शनों के अलावा, अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के सामने यही मांग रखी गई थी, जबकि दुखी रिश्तेदारों को सांत्वना दी गई थी।
कोर्ट के फैसले के बाद मुख्य आरोपी रामतीर्थ को दी गई मौत की सजा पर परिवार ने संतोष जताया है. हालांकि परिजनों का यह भी कहना है कि मामले में रामतीर्थ के मामा राजीव की भूमिका भी गंभीर थी। उसे भी कड़ी सजा मिलनी चाहिए थी। बता दें कि 1 साल पहले हुई इस घटना के बाद शहर में जमकर प्रदर्शन हुए थे. इस मामले के मुख्य आरोपी को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि उसका मामा राजीव फरार हो गया था. बाद में राजीव को सुल्तानपुर से गिरफ्तार कर लिया गया।
तब कहीं न कहीं शहरवासियों का गुस्सा शांत हुआ था। नाबालिग के अपहरण और हत्या के मामले में कोर्ट ने मुख्य आरोपी को मौत की सजा और एक लाख 30 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है. वहीं, सह आरोपी राजीव को सबूत छुपाने का दोषी पाते हुए 5 साल कैद और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है. दोषी करार दिए गए आरोपी चाचा-भतीजे हैं।