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बबन चाचा ने मोटा माल लेकर बबली को रघु को बेच दिया .....

बबन चाचा ने मोटा माल लेकर बबली को रघु को बेच दिया .....

बबन चाचा ने मोटा माल लेकर बबली को रघु को बेच दिया ..... 

रघु मेरा हाथ पकड़कर मुझे घर के अंदर ले जाते हुए चिल्लाया। अरे चुलबुली! देखो कौन आया है, तुम्हारे सपनों का चाचा का लड़का। तभी मेरी नजर बबली पर पड़ी। वह आंगन के एक कोने में लगे हैंडपंप के पास कपड़े धोकर नहाने की तैयारी कर रही थी। उसने अपना पेटीकोट अपने सीने के ऊपर तक बांध रखा था। जैसे ही बबली ने मुझे देखा, वह सिकुड़ गई और दोनों हाथों से अपने शरीर को छिपाते हुए अंदर चली गई। आज बरसों पुरानी यादें मेरे जेहन में ताजा हो गईं।

एक बार हमारा परिवार भी बहुत गरीब था। मां की तबीयत अक्सर खराब रहती थी। उसके धैर्यवान शरीर में घर के कामों को संभालने के लिए पर्याप्त ताकत नहीं थी। उनका एक ही सपना था कि अगर मंटू की किसी तरह शादी हो जाए तो मैं गंगा में स्नान कर लूं। लेकिन गरीबों को बेटी कौन देगा?

समय ने करवट ली, बाबूजी के हाथ में शोहरत थी। मेहनत करने वाले बाबूजी अब लाखों में खेल रहे थे। आज हमारे पास भगवान द्वारा दिया गया सब कुछ है। लेकिन आज से 15 साल पहले ऐसा नहीं था।

बाबूजी ने मेरी शादी के लिए जमीन और आसमान को एक कर दिया था। कई चलने वाले हिस्सों को लोगों ने चीर-फाड़ कर दिया। हर शाम हॉल में गंजादियों का जमावड़ा होता है। और बाबूजी अपने ही पैसों से सबको चिलम पिलाते थे और कहना नहीं भूलते थे कि मैं मंटू की शादी में देसी घी के व्यंजन खिलाऊंगा।

बाबूजी की इच्छा शीघ्र ही पूरी हो गई। बाबूजी का कर्ज बबन अंकल पर था। ऐसा क्या था कि बबन अंकल ने सूत लगाकर चिलम पकड़ते हुए बाबू जी से कहा- सपना अगर कर्ज माफ कर दे तो मैं कल तुम्हारे मंटू की शादी कर दूं। बाबूजी तुरंत राजी हो गए। और अगले दिन बबली दस हजार रुपये नकद देकर गंगा पार से मेरे घर आया। बबली बिना शादी किए करीब 15 दिन तक नई दुल्हन की तरह मेरे घर में रही। मैं हमेशा उसके आसपास रहना पसंद करता। और उसके खूबसूरत चेहरे को निहारते रहो। लेकिन मां ने उसे झुकने नहीं दिया। कहेंगे- एक बार जब आपकी शादी हो जाती है तो आप उसकी गोद में बैठकर उसे देखते रहते हैं।

शादी से ठीक 2 दिन पहले गंगा पार से पुलिस आई थी। और बबली और बाबूजी को थाने ले गए। बबली ने सुना था कि पूछताछ के दौरान

नहीं खुला फिर भी बाबूजी कैद हो गए। अगले दिन बबली बबन चाचा के साथ अपने घर आया। बाबूजी के जेल जाने के कारण हम माँ-बेटे के लिए रो रहे थे। अब बबली की बात किससे करें। लोगों का कहना है कि बाद में बबन चाचा ने मोटा माल लेकर बबली को रघु को बेच दिया। राम जानता है कि क्या सच है और क्या झूठ।

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