जैसा कि हम सब जानते है आजकल हम ,हमारा देश और अन्य देश #digitization #digitalrevolution के लिए बड़ावा दे रहे है ,
जैसे कि हम अपने देश की ही बात करे तो लगभग 1,47,000 मीट्रिक टन कचरा पैदा करते हैं,जिसमें से मात्र लगभग 20% ही #recycled हो पाता है ,बाक़ी बचे हुए में कुछ ढेरों में इकट्टा रह जाता है,कुछ को जला दिया जाता है और कुछ को नदी नालों में डालकर गला दिया जाता है ।
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किया हमें यह नहीं पता जो हम हर रोज़ इतना पेपर #waste करते है उससे हमारी प्रकर्ति पर कितने दुस्प्रभाओ पड़ रहे है ?
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एक अध्यन के अनुसार एक पेड़ से लगभग 8,333 #papers बनाए जा सकते है ,अगर हम गोर करे तो सरकारी दफ़्तरों अथवा क़ार्यालो में सबसे जाय्दा पेपर की #wastage देखी जाती है ,#digitalindia की मुहिम के चलते हुए भी कुछ विभाग ऐसे है जिनमे पेपर की बर्बादी अत्याधिक जैसा कि जिन विभागों से में जड़ा हु #CPWD विभाग, #PWD विभाग और अन्य ऐसे ही विभाग जिसमें जय्दातर सब #digital तो है लेकिन फिर भी पेपर की बहुत बर्बादी है बिल बनाने में, बॉंड बनाने में, माना चीजें #computer से उतरकर जब पेपर में आती है तो जाय्दा आसन होजाती है समझने में, लेकिन हमें अगर #पेड़ों को बचाना अपने आने वाली पीडी को स्वच्छ वातावरण प्रदान करना है तो हमें खुद की कुछ तो आदतें बदलनी पड़ेगी, वैसे तो में #paperwastage के बिल्कुल भी #support में नहीं हु, में तो #digitalindia प्रोग्राम के लिए डटकर खड़ा हूँ की एक भी काग़ज़ व्यर्थ ना हो #paperless देश हो लेकिन फिर भी मुझे पता है इतना जल्दी नहीं हो सकता यह क्यूँकि देश की जो एक #generation है उसके लिए #digital कार्य करना अति मुश्किल है, लेकिन उन सबको इस बात को तो सोचना चाहिए कि काग़ज़ में उतारने से पहले #कम्प्यूटर में ही क्यों ना हम लिखा पड़त में जो हमें संसोधन करना पड़े वो करले।
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और जो हम लोग यह #phones, #machines या जो भी कोई उपकरण लेते है उन्मे ना जाने यह काग़ज़ की बुक्लेट(startup manuals,etc) की किया ज़रूरत है, हम वह पर भी तो पेपर बचा सकते है अपने फ़ोन में उस #प्रॉडक्ट की किताब आसानी से डाउनलोड करकर, कम्पनीओ को इस बारे में विचार करना चाहिए ।
सरकार को शक्त निर्देश देने चाहिए कि “पेपर का दुरुपयोग पर्यावरण पर भारी है ,पेपर बचाना भी पेड़ लगाने के बराबर ही लाभकारी है और यह हर एक देश्वाशी की ज़िम्मेदारी है ।”
धन्याबाद ।
-सुगंध मिश्रा
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