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लगभग 875 लाख करोड़ प्रॉपर्टी के मालिक है भारतीय मुस्लिम फिरभी ........

लगभग 875 लाख करोड़ प्रॉपर्टी के मालिक है भारतीय मुस्लिम फिरभी ........
लगभग 875 लाख करोड़ प्रॉपर्टी के मालिक है भारतीय मुस्लिम फिरभी ........


क्या आप जानते है कि हिन्दुस्तान का हर एक मुसलमान 35 लाख की property का मालिक है। (जस्टिस सच्चर कमेटी) (2005)

क्या आप जानते है। भारतीय सुरक्षा बल यानी Defence (Indian army+Indian air force+ Indian navy) और भारतीय रेल के बाद तीसरे स्थान पर पूरे हिंदुस्तान में सबसे ज्यादा जायदात (property) मुसलमानो की है। जिनकी कीमत लगभग 875 लाख करोड़ से भी ज्यादा की है। मगर दिक्कत ये है कि मुसलमान खुद इस बात से महरूम है। जिसका फायदा सरकार उठती आयी है। सरकारों ने अब तक अपने ही आदमी को वक्फ बोर्ड की ज़िम्मेदारी दी है। जिसकी वजह से वो मुसलमानो की लाखों करोड़ो की प्रॉपर्टी लुटती आयी है।
 
सिर्फ दिल्ली में ही 990 प्रॉपर्टी पर जबरन कब्ज़ा करके बैठी है और इनमें से कई प्रॉपर्टी को गैर कानूनी तरीके से बड़े बिल्डर और उद्योगपतियों को कोड़ियों के दाम दे चुकी है। जिसमे साकेत और सिविल लाइन जैसे पॉश इलाको की प्रॉपर्टी भी शामिल है। सोचो दोस्तो अगर इस वक्फ प्रॉपर्टी की ज़िम्मेदारी मुसलमान सरकार से अपने हाथो मे ले ले। तो इससे हमारी कौम को कितना फायदा मिलेगा।
1- हम हर साल हम जामिया जैसी 1 सेंट्रल unversity बना सकते है।
2- हम हर साल AIIMS जैसे अपने हॉस्पिटल खोल सकते है।
3- हर 5 km पर 1 international level का स्कूल शुरू कर सकते है। जिसमे हमारी आने वाली पीढ़ी पढ़ लिख कर IAS IPS JUDGE बनेगी।
4 - दिल्ली की हर 1 मस्ज़िद और मदरसों में पढ़ने वाले हर एक बच्चे को वजीफा दे सकते है। जिसमे मस्ज़िद की इमाम साब की पगार भी 20-30 हज़ार बढ़ कर मिल सकती है।
5- हर गरीब बेवा और तलाक शुदा बहन को पेंशन दे सकेंगे।


और भी बोहत कुछ कर सकेंगे। क्यों कि प्रॉपर्टी से होने वाली income हर साल अरबो में होगी। आने वाले 10-20 सालो में हिन्दुतान की मुसलमानो के हालात बदल जाएंगे। फिर कोई मुसलमानो पर उंगली उठाने वाला न होगा।
अभी तक हमे ताने मिलते है अनपढ़, ठेला खीचने वाले, पंक्चर लगाने वालो में हमारी गिनती होती है। पर दोस्तो अब ये अहद करो कि हमे अब इस समाज का मुस्लिम्स के प्रति ये रवैय्या बदलना है और इंशाल्लाह हम इसे बदल कर ही रहेंगे।

 
1920 में सिखों की प्रॉपर्टी भी अंग्रेज़ी हुकूमत के हाथों में थी। जिसका विरोध सिख लोगो ने किया जिसका ये नतीजा निकला की 1925 में अंग्रेज़ी हुकूमत झुकी और सरदारों की प्रॉपर्टी की ज़िम्मेदारी खुद सरदारों को ही दे दी।
# दोस्तो हमे भी ऐसे ही एक बड़े आंदोलन खड़ा करना है। और सबसे पहले केजरीवाल सरकार से ये मांग रखनी है कि सभी दिल्ली की वक्फ प्रॉपर्टी मुसलमानो को सौपे। जहा मुस्लिम्स अपना खुद का चूना हुआ जिम्मेदार वक्फ कमेटी में भेजे और मुसलमानो की प्रोपेर्टी की देख रेख करे और उससे कमाया हुआ करोड़ो रुपए मुसलमानो के काम आए।
शम्स इस्लाम (शाहीन बाग़)
 

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