मजदूर संगठनों का देशव्यापी विरोध प्रदर्शन, सुल्तानगंज और बिहपुर में धरना
मजदूर संगठनों के देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के साथ एकजुटता में सामाजिक न्याय आंदोलन (बिहार) और बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन के कार्यकर्ता सुल्तानगंज और बिहपुर में आज धरना पर बैठे.
धरना में शामिल कार्यकर्ताओं ने प्रवासी मजदूरों को सम्मान व सुरक्षा के साथ मुफ्त घर भेजने की गारंटी करने,सभी जरूरतमंदों को बिना शर्त मुफ्त जरूरी खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने, असंगठित क्षेत्र के सभी कामगारों को प्रतिमाह 10 हजार रू. लॉकडाउन भत्ता देने, श्रम कानूनों में पूंजीपति पक्षधर बदलाव व काम के घंटे 12 करने पर रोक लगाने,सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण पर रोक लगाने,बहुजनों पर ब्राह्मणवादी शक्तियों के जुल्म-उत्पीड़न पर रोक लगाने और एससी,एसटी व ओबीसी के आरक्षण पर हमला बंद करने सहित अन्य मांगों का पोस्टर हाथों में ले रखा था.
इस मौके पर सामाजिक न्याय आंदोलन (बिहार) के रामानंद पासवान और अशोक कुमार गौतम ने कहा कि कोरोना महामारी और लॉकडाउन के इस संकट के दौर में भी केन्द्र सरकार और उसके कदमताल कर रही राज्य सरकारें बहुजनों पर ब्राह्मणवादी-पूंजीवादी गुलामी के शिकंजा को मजबूत बनाने का काम कर रही है.डॉ अंबेडकर के प्रयास और मजदूरों के संघर्षों से हासिल कानूनी अधिकारों पर हमला किया जा रहा है.काम के घंटे 8 के बजाय 12 और श्रम कानूनों में पूंजीपतियों के पक्ष में बदलाव लाया जा रहा है.इसकी सबसे ज्यादा मार एसी,एसटी,ओबीसी और महिलाओं पर पड़ेगी.इस दौर में एससी,एसटी व ओबीसी के आरक्षण को भी निशाने पर लिया जा रहा है.बहुजनों पर ब्रह्मणवादी शक्तियों के जुल्म-उत्पीड़न में भी जबर्दश्त इजाफा हुआ है.
शंकर बिंद ने कहा कि प्रवासी मजदूर एससी,एसटी व ओबीसी समुदाय से ही आते हैं.आज ये मजदूर भूख, अपमान, दमन-उत्पीड़न झेल रहे हैं.सड़कों पर चलते हुए मर रहे हैं.अभी तक 600 से ज्यादा प्रवासी मजदूर दम तोड़ चुके हैं.यह सरकार प्रायोजित जनसंहार है.इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है.
इस मौके पर सामाजिक न्याय आंदोलन(बिहार) के गौतम कुमार प्रीतम और रविन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि कोरोना काल में केन्द्र सरकार की मेहनतकश बहुजनों के साथ चरम क्रूरता सामने आयी है.प्रवासी मजदूर-गरीब भूख,अपमान और दमन-उत्पीड़न झेल रहे हैं.सड़कों पर चलते हुए मर रहे हैं.सरकारी गोदाम अनाज से अटा पड़ा है,लेकिन 100 से ज्यादा भूख व आर्थिक तंगी से मौत हो चुकी है.इस संकट के दौर में भी केन्द्र सरकार 10प्रतिशत अमीरों के हितों के लिए ही काम कर रही है.
बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन(बिहार) के अनुपम आशीष,अभिषेक आनंद और ऋतु राज ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत बनाने की बात करते हुए मोदी सरकार सरकारी उपक्रमों के निजीकरण के जरिए देश को बेचने का अभियान आगे बढ़ा रही है और श्रम कानूनों में बदलाव लाकर मेहनतकश बहुजनों की गुलामी बढ़ा रही है.
सोहराब बाबू और वेद प्रकाश भारती ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार तमाम जरूरतमंदों को खाद्य सुरक्षा की गारंटी करे ताकि कोई भूखा न रहे और हर हाथ को काम की गारंटी दे.
बिहपुर में श्रवण साह, ऋषि कुमार,दीपक रविदास और सुल्तानगंज में सतीश कुमार सिंह,अरविन्द कुमार सिंह,सुभाष तांती,सुजीत कुमार मांझी, हरेन्द्र कुमार मांझी, चंदन,राजाराम भी धरना में शामिल थे.
मजदूर संगठनों के देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के साथ एकजुटता में सामाजिक न्याय आंदोलन (बिहार) और बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन के कार्यकर्ता सुल्तानगंज और बिहपुर में आज धरना पर बैठे.
इस मौके पर सामाजिक न्याय आंदोलन (बिहार) के रामानंद पासवान और अशोक कुमार गौतम ने कहा कि कोरोना महामारी और लॉकडाउन के इस संकट के दौर में भी केन्द्र सरकार और उसके कदमताल कर रही राज्य सरकारें बहुजनों पर ब्राह्मणवादी-पूंजीवादी गुलामी के शिकंजा को मजबूत बनाने का काम कर रही है.डॉ अंबेडकर के प्रयास और मजदूरों के संघर्षों से हासिल कानूनी अधिकारों पर हमला किया जा रहा है.काम के घंटे 8 के बजाय 12 और श्रम कानूनों में पूंजीपतियों के पक्ष में बदलाव लाया जा रहा है.इसकी सबसे ज्यादा मार एसी,एसटी,ओबीसी और महिलाओं पर पड़ेगी.इस दौर में एससी,एसटी व ओबीसी के आरक्षण को भी निशाने पर लिया जा रहा है.बहुजनों पर ब्रह्मणवादी शक्तियों के जुल्म-उत्पीड़न में भी जबर्दश्त इजाफा हुआ है.
बिहपुर में श्रवण साह, ऋषि कुमार,दीपक रविदास और सुल्तानगंज में सतीश कुमार सिंह,अरविन्द कुमार सिंह,सुभाष तांती,सुजीत कुमार मांझी, हरेन्द्र कुमार मांझी, चंदन,राजाराम भी धरना में शामिल थे.