सांकेतिक तस्वीर सोर्स गूगल |
Rihai Manch report- नानपारा में दस दिनों के भीतर दो युवकों को घेरकर मारा गया, बहराइच पुलिस ने कहा मॉब लिंचिग नहीं
लखनऊ 26 अपै्रल 2020। बहराइच के नानपारा में पिछले दिनों मॉब लिंचिग की एक खबर आई। रिहाई मंच ने इस घटना की तफ्तीश करते हुए मालूम किया तो पता चला कि 19 अपै्रल 2020 को नानपारा के घसियारन टोला के मोहम्मद रजा की मौत के मामले के साथ ही दस दिन पहले 9 अपै्रल को कुछ मुस्लिम युवक जब खेत में भैस चरा रहे थे तो एक व्यक्ति हैदर अली को लोगों ने घेर कर मार डाला था। मोहम्मद रजा मामले में जहां अब तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई वहीं स्थानीय विधायक के दबाव में हैदर अली हत्या की घटना में 302 के तहत मुकदमा दर्ज न होने का परिजनों का आरोप है।
लखनऊ 26 अपै्रल 2020। बहराइच के नानपारा में पिछले दिनों मॉब लिंचिग की एक खबर आई। रिहाई मंच ने इस घटना की तफ्तीश करते हुए मालूम किया तो पता चला कि 19 अपै्रल 2020 को नानपारा के घसियारन टोला के मोहम्मद रजा की मौत के मामले के साथ ही दस दिन पहले 9 अपै्रल को कुछ मुस्लिम युवक जब खेत में भैस चरा रहे थे तो एक व्यक्ति हैदर अली को लोगों ने घेर कर मार डाला था। मोहम्मद रजा मामले में जहां अब तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई वहीं स्थानीय विधायक के दबाव में हैदर अली हत्या की घटना में 302 के तहत मुकदमा दर्ज न होने का परिजनों का आरोप है।
अम्मा पूछी भइया किसने मारा, क्या हुआ, पानी डालते ही तुरंत दम टूट गया
एक ने बोला कि जिंदा न छोड़ो सरकार अपनी है इसको मार दो जान से
हत्यारोपी भीड़ को भाजपा विधायक के पति दिलीप वर्मा ने बोला हमारे कार्यकर्ता हैं
नानपारा में दस दिनों के भीतर दो युवकों को घेर कर मारा गया, बहराइच पुलिस ने कहा मॉब लिंचिग नहीं
क्या मॉब लिंचिग में मॉब का होना जरुरी है या विडीयो का
पोस्टमार्टम में मृत्यु का कारण स्पष्ट नहीं होगा तो क्या पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं करेगी
एक ने बोला कि जिंदा न छोड़ो सरकार अपनी है इसको मार दो जान से
हत्यारोपी भीड़ को भाजपा विधायक के पति दिलीप वर्मा ने बोला हमारे कार्यकर्ता हैं
नानपारा में दस दिनों के भीतर दो युवकों को घेर कर मारा गया, बहराइच पुलिस ने कहा मॉब लिंचिग नहीं
क्या मॉब लिंचिग में मॉब का होना जरुरी है या विडीयो का
पोस्टमार्टम में मृत्यु का कारण स्पष्ट नहीं होगा तो क्या पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं करेगी
बहराइच पुलिस ने एसपी के वीडियो को करते हुए कहा है कि नानपारा के घसियारन टोला मोहल्ले में मोहम्मद रजा पुत्र खलील अहमद का शव पाया गया था। शव का पोस्टमार्टम कराया गया है, मौत का कारण स्पष्ट न होने के कारण विसरा सुरक्षित रखा गया है। वीडियो में एसपी ने कहा है कि परिजनों की तरफ से कोई तहरीर प्राप्त नहीं हुई अगर प्राप्त होती है तो जांच कर विधिक कार्रवाई की जाएगी। वहीं मीडिया में आया कि रजा भोजन की तलाश में निकला था, जिन लोगों ने उसे मारा उन्होंने उसे बिजली का शाक भी दिया।
रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा कि प्रथम दृष्टया रजा हत्याकांड की टाइमिंग पर गौर किया जाए तो वह पूरी कानून व्यवस्था पर सवाल उठा देती है। दिन में तकरीबन तीन बजे के उसको मारने-पीटने की बात सामने आई और देर शाम साढ़े सात-आठ बजे के करीब जब उसके परिजन घटना स्थल पर पहुंचते हैं तो उसके बाद आधिकारिक तौर पर पुलिस आती है। जबकि उसके परिजनों के मुताबिक पुलिस चैकी मात्र सौ मीटर की दूरी पर है। सवाल यह है कि आखिर पुलिस को क्या इस घटना की जानकारी नहीं मिली। लाॅक डाउन के समय में कैसे वह शोरगुल को नहीं सुन सकी। जबकि जो वीडियो इस घटना को लेकर सोशल मीडिया में आया उसमें दिन के उजाले में पुलिस के आने की बात व्यक्ति कह रहे हैं। वहीं रजा के परिजन तो यह भी कह रहे हैं कि वह लॉक डाउन में पुलिस की डर से वह सड़क से भागा था जिसके बाद उन लोगों के हाथों आया जिन्होंने उसे मारा-पीटा और उस बीच पुलिस आई भी और उसने भी मारा पीटा और बाद में उन लोगों से उसे छोड़ने की भी बात कही। क्या ऐसा तो नहीं कि बाद में उग्र भीड़ के सामने पुलिस ने आत्म समर्पण कर दिया। क्या उसने अपने अपराध और अक्षमता को छुपाने के लिए ही अब तक एफआईआर दर्ज नहीं किया। क्या वह जानती है कि जांच की दिशा में आगे बढ़ने पर रजा हत्याकांड में उसकी संलिप्तता आ सकती है। वहीं यह सवाल भी अहम है कि पुलिस सोशल मीडिया पर सूचनाओं को प्रसारित होने को लेकर पोस्टमार्टम रिपोर्ट का जिक्र तो कर रही है पर उस रिपोर्ट को परिजनों को आखिर क्यों नहीं दे रही। जबकि पुलिस मजबूती से कह रही है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत्यु का कारण स्पष्ट न होने के कारण विसरा सुरक्षित रखा गया है।
रजा के भाई मोहम्मद आलम बताते हैं कि बंदी का टाइम चल रहा है। आपको भी पता है यह बात। वह सवाल करते हुए कहते हैं कि आदमी जब पुलिस को देखते हैं तो वर्दी को देखकर डरते हैं या इंसान को देखकर? खुद ही सवाल का जवाब देते हुए कहते हैं कि वर्दी को ही देखकर डरते हैं न। वर्दी वालों को देखा तो चैकी के सामने गली है उसी गली में भागा। जब भागा तो वहां पर गिरफ्तार कर लिया होगा। कमरे में अंदर बंद करके मारा। फिर वो कहते हैं कि पुलिस को देखकर दुनिया छुप जाती है। हो सकता है अहाते में लुका गया हो। उसको ऐसा मारा-ऐसा मारा की दम ही निकाल लिया और छत से भी महिलाएं ईंटा-पत्थर डंडा फेक-फेककर मार रहीं थीं। उस घर में उसके पिता और बेटे ने मार-मारकर दम ही निकाल लिया और अगल-बगल के लोग आए तो भगा दिया।
मोहल्ले वालों ने कहा कि दो पुलिस आई थी। उन लोगों ने घर में बंद करके मारा। पहले पुलिस ने मारा जब वो भागा गली में से। तो वहां लोगों ने बंद कर लिया, वहां बिजली के तार लगा-लगा के मारा। पानी पिला-पिला के मारा। फिर ले के गए अहाते में फेंक दिए। फिर अहाते में घुस गए लोग फिर अहाते में मारने लगे। फिर पुलिस आई दरवाजे को खुलवाकर निकाला। कहा कि मत मारो ये संभलेगा तो चला जाएगा। जब संभल के वह चलने लगा तो फिर वह लोग दो-तीन लाठी मार दिए, वो गिर गया। बाप-पूत और पड़ोसी ने मारा। मोहल्ले वाले भी एक चक्कर निकालकर ले गए।
मोहम्मद रजा के बारे में पूछने पर बताती हैं कि कबाड़ खरीदने बेचने का काम करता था। उसी से बूढ़े मां-बाप और उनका खर्चा चलता था।
इस घटना को लेकर मीडिया/सोशल मीडिया सेल बहराइच द्वारा एक खंडन जारी किया गया। जो कहते हैं कि 19 अपै्रल 2020 को थाना नानपारा अंतर्गत घसियारन टोला में एक युवक का शव बरामद हुआ था, परिजनों के तहरीर पर युवक के शव का पोस्टमार्टम कराया गया था, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत्यु का कारण स्पष्ट नहीं होने के कारण विसरा सुरक्षित रखा गया है। विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म/समाचार चैनलों द्वारा उक्त घटना को लिंचिग की संज्ञा दी जा रही है। कोरोना की भयावहता को देखते हुए बिना किसी ठोस कारण के अपुष्ट/गलत खबरें पोस्ट/फारवर्ड करना दण्डनीय अपराध है। बहराइच पुलिस मीडिया सेल थाना नानपारा अन्तर्गत सोशल मीडिया पर चल रही मॉब लिंचिग की खबर का पूर्णतः खण्डन करती है।
रजा की बहन से कई बार हुई बातचीत में उन्होंने यह भी कहा है कि पुलिस वाला उसके पेट में लाठी खोसा फिर पीठ पे मारा फिर वो कहीं चला गया। बाद में वो लोग उसे मारते-मारते मार डाला। बालू डाल-डाल के मारा। मोहल्ले वाले दो-तीन सौ गवाह हैं उसके बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। वो लोग जब छुड़ाने गए तो एक बुजुर्ग को डंडे से मारा। वो बुजुर्ग थाने भी गए थे। उसको वहां से भी भगा दिया। वहां हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही।
पोस्टमार्टम भी हो गया और कुछ आया भी नहीं। वह हर बात को बहुत साफगोई से कहती हैं। वह इस बात को बिल्कुल नहीं छिपाती जो उन्हें पोस्टमार्टम रिपोर्ट दिए बगैर बता दिया गया है कि पोस्टमार्टम में कुछ नहीं आया। उनका एक तरह से यह भी सवाल है कि ऐसी नृशंष मारपीट के बाद ऐसा कैसे हुआ कि पोस्टमार्टम में कुछ नहीं आया। शायद वह सरकारी दस्तावेजों में हेरफेर से भली भांति परिचित हैं।
सवाल है कि आखिर बहराइच पुलिस जो इस घटना को मॉब लिंचिग मानने से इनकार कर चुकी है क्या उसने इस वीडियो को नहीं देखा। ऐसा मुश्किल है। क्योंकि उसने जो खण्डन जारी किया है वो साफ करता है कि ऐसी खबरों को लगातार उसके द्वारा देखा जा रहा था। वहीं सवाल यह भी है कि अगर देखा गया तो आखिर जांच की दिशा में पुलिस आगे क्यों नहीं बढ़ी। क्या उस पर कोई दबाव था या उसकी संलिप्तता जो मृतक का परिवार कह रहा है उससे उजागर हो जाती।
एक और वीडियो जिसमें शांत रहने की बात कहते हुए पोस्टमार्टम की बात हो रही है। एक व्यक्ति बोल रहा है कि जो मारिस है मार लिहे है बात खत्म हो गई। शुक्ला जी बात करते हैं। कोई बोल रहा है डाक्टर को भेज के पोस्टमार्टम करा रहे हैं। वीडियो में पुलिस और कुछ और लोग दिख रहे हैं। जिसमें पुलिस लिखा पढ़ी कर रही है।
नानपारा के समीप ही 9 अपै्रल को एक और हत्या हुई। जिसमें भी घेर कर मुस्लिम व्यक्ति को मारने का आरोप है-
जब भाई कहे कि हमको क्यों मार रहे हो। न हमने तुम्हारे खेत में जानवर चराए न कोई गलती की काहें मार रहे हो। उसमें से एक ने बोला कि जिंदा न छोड़ो सरकार अपनी है इसको मार दो जान से। इतना मारे कि पूरी खोपड़ी से भेजा अलग कर दिए। हम मक्का बोए थे पानी लगाने जा रहे थे। तभी एक लड़के ने बताया कि तुम्हारे भाई को मार डाला है, जिंदा नहीं छोड़ा है। वहां से भागते गए तो मारने वाले आगे जा रहे थे बहुत से लोग थे। उसके बाद जब हम पहुंचे तो पूछे कहां हैं। एक लड़के को भेजा और वहां पहुंचा तो देखा कि खोपड़ी से भेजा फाड़ दिए हैं। वो अपने जान में उसे मार डाले थे। तुरंत हमने 100 नंबर 112 पर फोन किया। डीएम साहब को फोन किया।
यह 9 अपै्रल को लगभग एक-दो बजे की घटना है। वहां से तुरंत लेकर नानपारा अस्पताल लेकर चले आए। उनको खून की पल्टी आ रही थी। तुरंत उन्होंने रेफर कर दिया कि बहराइच लेकर जाइए। बहराइच ले गए तो वहां बोला कि सिटी स्कैन कराइए, वे बताए कि हड्डी टूट गई है खोपड़ी की। दस-बीस लाठी मार दिया जाए तो ऐसे ही हड्डी टूट जाती है। आदमी कहां बचेगा।
इस मामले में 9 अपै्रल को पुलिस ने 147, 148, 149, 304 के तहत चन्द्र प्रकाश, विजय कुमार, गोविंद, चंदर और अज्ञात कि विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत किया है।