देश का सबसे गरीब आदमी साबित हुआ मुकेश अंबानी, वो कैसे
मुकेश अंबानी इस बात पर दुबले हुए जा रहे हैं कि उनकी दौलत कोरोना की वजह से आधी हो गई है। लेकिन देश के सबसे धनी व्यक्ति होने के बावजूद उनकी ओर से या उनके फाउंडेशन की ओर से कोरोना से लड़ने,टीका इज़ाद करने के लिए एक रुपया भी नहीं दिया गया है।दूसरी ओर बिल गेट्स ने न सिर्फ इस वायरस से लड़ने 750 करोड़ रुपया दिया है बल्कि उनका फाउंडेशन टीका विकसित करने में भी साथ दे रहा है।लेकिन सबसे जरूरी बात यह है कि बिल गेट्स की सोच कैसे दुनिया से आगे हैं।
उन्होंने कोरोनावायरस जैसे खतरे की चेतावनी 5 साल पहले ही दे दी थी। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2015 में अफ्रीका में इबोला वायरस के संकट के वक्त गेट्स ने एक कॉन्फ्रेंस में कहा था कि अगले कुछ दशकों में 1 करोड़ लोगों की मौत की वजह कोई युद्ध या मिसाइल नहीं बल्कि तेजी से फैलने वाला कोई वायरस हो सकता है। गेट्स ने चेतावनी की वजह बताते हुए कहा था कि हम परमाणु हमलों से बचने के लिए तो बहुत ज्यादा खर्च कर रहे हैं, लेकिन महामारियों को रोकने के लिए बहुत कम पैसा लगा रहे हैं। इसलिए हम अगली महामारी से मुकाबले के लिए तैयार नहीं हैं।
2014 से 2016 के बीच इबोला वायरस से दुनियाभर में 28,000 लोग संक्रमित हुए थे और 11,000 की मौत हुई थी। पश्चिम अफ्रीकी देशों में इसका ज्यादा असर रहा था। इधर,कोरोनावायरस से दुनिया के 188 देशों में 5 महीने में 14,455 लोगों की मौत हो चुकी। नवंबर में पहला मामला सामने आया था।गेट्स ने यह चेतावनी भी दी थी कि कोई ऐसा वायरस आ सकता है जिसका संक्रमण होने के बावजूद लोगों को बेहतर महसूस होता रहे और बीमारी पता ही न चले। प्लेन में या फिर बाजार में ऐसे वायरस का संक्रमण फैल सकता है। गेट्स की ये बातें कोरोनावायरस ने सही साबित कर दी हैं।दूरदर्शी सोच के गेट्स को लंबी उम्र मिलें।