ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ जमीन खरीद को लेकर दर्ज था केस आर्थिक अपराध शाखा मामले में कर रही थी जांच पड़ताल । (फोटो पत्रिका से)
मध्य प्रदेश की आर्थिक अपराध शाखा यानी EOW ने बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके रिश्तेदारों के खिलाफ चल रही जांच की फ़ाइल को बंद कर दिया है ।
मध्य प्रदेश की आर्थिक अपराध शाखा यानी EOW ने बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके रिश्तेदारों के खिलाफ चल रही जांच की फ़ाइल को बंद कर दिया है ।
दरअसल, जिस दिन ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा की सदस्यता ली थी उसके दूसरे ही दिन सुरेंद्र श्रीवास्तव नाम के फरियादी ने आवेदन दिया था कि उसने साल 2014 में EOW में मामला दर्ज करवाया था । उसका आरोप था कि ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके परिवार द्वारा महलगांव ग्वालियर की जमीन खरीद कर रजिस्ट्री में कांट छांट की गई और उसकी 6000 वर्ग फीट जमीन कम कर दी गई ।
आर्थिक अपराध शाखा ने 12 मार्च को ही फरियादी द्वारा सिंधिया के खिलाफ की गई शिकायत की सत्यता की जांच के आदेश दिए थे । मंगलवार को EOW के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शिकायत की जांच में पाया गया कि जिस ट्रांसेक्शन को लेकर सिंधिया और उनके रिश्तेदारों की शिकायत की गई थी उसमें कुछ गलत नहीं पाया गया. इसलिए 20 मार्च को केस क्लोज कर दिया गया है ।
बता दें कि 20 मार्च को ही कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा भी दिया था और इसके बाद ही मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार बनने का रास्ता लगभग साफ हो गया था. इसलिए इस मामले को सिंधिया के भाजपा में जाने से जोड़ कर देखा जा रहा है ।
सिंधिया समर्थक 22 विधायकों ने डेढ़ साल पुरानी कमलनाथ सरकार को गिराने में बड़ी भूमिका निभाई है । ये सभी विधायक 9 मार्च से बेंगलुरु के रिजॉर्ट में जाकर रुके थे और कमलनाथ के इस्तीफा देने के अगले दिन ही भोपाल वापस आ गए । भोपाल आने से पहले इन सभी विधायकों ने दिल्ली में ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने ही भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता भी ग्रहण की थी ।
आर्थिक अपराध शाखा ने 12 मार्च को ही फरियादी द्वारा सिंधिया के खिलाफ की गई शिकायत की सत्यता की जांच के आदेश दिए थे । मंगलवार को EOW के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शिकायत की जांच में पाया गया कि जिस ट्रांसेक्शन को लेकर सिंधिया और उनके रिश्तेदारों की शिकायत की गई थी उसमें कुछ गलत नहीं पाया गया. इसलिए 20 मार्च को केस क्लोज कर दिया गया है ।
सिंधिया समर्थक 22 विधायकों ने डेढ़ साल पुरानी कमलनाथ सरकार को गिराने में बड़ी भूमिका निभाई है । ये सभी विधायक 9 मार्च से बेंगलुरु के रिजॉर्ट में जाकर रुके थे और कमलनाथ के इस्तीफा देने के अगले दिन ही भोपाल वापस आ गए । भोपाल आने से पहले इन सभी विधायकों ने दिल्ली में ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने ही भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता भी ग्रहण की थी ।