जिस नवाब की कुर्सी महारानी विक्टोरिया के बग़ल मे पड़ती थी उसके ख़िलाफ़ अपनी राजनीति शुरू करने वाले नेता आज़म ख़ान ने उत्तर प्रदेश की विधानसभा मे लगातार नौवीं बार विधायक बनने का रिकार्ड बनाया, फिर मोदी लहर में रामपुर से सांसद बने, लगातार मुल्क ओ क़ौम के लिए जद्दोजहद की, कई साल जेल में गुज़ारे, लेकिन अफ़सोस यह है उनकी इस उपलब्धि का कहीं ज़िक्र तक नहीं होती है.
71 साल के आज़म ख़ान ऐसे पहले मुस्लिम मंत्री रहे हैं जिन्हें महाकुंभ के सफ़ल संचालन का श्रेय हासिल है. एक टीवी इंटरव्यू में आज़म ख़ान ने ख़ुद कहा था कि उन्होंने सफ़ल महाकुंभ का आयोजन कराया और करीब 2.5 से 3 करोड़ लोगों को न सिर्फ़ संगम में साफ़ पानी मुहैया करवाया बल्कि उन्हें सुरक्षित तरीक़े से घर वापस भी भेजा. इन सब के बीच आज़म ख़ान की जो सबसे बड़ी उपलब्धि है वो है मौलाना मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी, जो इस समय भारत सरकार के निशाने पर हैं.
आज़म ख़ान के मुताबिक़ मौलाना मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी में 80 फ़ीसदी पैसा हिन्दू दोस्तों ने दिया है. उन्होंने इस इंटरव्यू में कहा कि रामपुर में इस यूनिवर्सिटी के अलावा सीबीएसई बोर्ड के दो स्कूल भी स्थापित किए हैं. एक लड़कों के लिए और दूसरा लड़कियो के लिए.
मुस्लिम अक्सर अपने नेता को ये कह कर कोसते हैं के एजुकेशन पर ध्यान नहीं देते, जब कोई नेता यूनिवर्सिटी बनाता है तो उसे जेल में डाल दिया जाता है और मुसलमान ख़ामोशी से देखते रहते हैं...
मुस्लिम अक्सर अपने नेता को ये कह कर कोसते हैं के एजुकेशन पर ध्यान नहीं देते, जब कोई नेता यूनिवर्सिटी बनाता है तो उसे जेल में डाल दिया जाता है और मुसलमान ख़ामोशी से देखते रहते हैं...
-Aabid Shekh