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सांप्रदायिक तनाव के बाद मुसलमानों पर रासुका लगाया जाना प्रशासन की सांप्रदायिक जेहनियत का नमूना- रिहाई मंच

जाँच दल ने कहा की आदित्यनाथ तिवारी, भाजपा विधायक शरद अवस्थी, हिन्दू युवा वाहिनी, हिन्दू साम्राज्य परिषद के दबाव में मुस्लिम समुदाय के ऊपर हो रही है एक तरफा कार्यवाही

21 मार्च 18, लखनऊ. रिहाई मंच ने बाराबंकी के रामनगर महादेवा में सांप्रदायिक तनाव के बाद मुमताज़, अतीक, चुप्पी उर्फ़ रिजवान और जुबेर को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत निरुद्ध किये जाने को प्रशासनिक सांप्रदायिक जेहनियत करार दिया है. 14 मार्च को महादेवा रामनगर बाराबंकी में हुए सांप्रदायिक तनाव के बाद एक जाँच दल ने दौरा किया. जाँच दल ने कहा की आदित्यनाथ तिवारी, भाजपा विधायक शरद अवस्थी, हिन्दू युवा वाहिनी,हिन्दू साम्राज्य परिषद के दबाव में मुस्लिम समुदाय के ऊपर एक तरफा कार्यवाही की जा रही है. जाँच दल में  असद हयात, मुहम्मद सलीम, शकील कुरैशी, राजीव यादव, परवेज़, विनोद यादव और अनिल यादव शामिल थे.  

जाँच दल ने पाया की 14 मार्च को दोपहर में तीन ट्रालियों से लोग एक शोभा यात्रा जब क्रासिंग के पास पहुंची तो शाह फहद जोकि अपनी बहन के साथ आ रहा था, उसके ऊपर गुलाल पड़ने से सांप्रदायिक तनाव भड़का. इस तनाव के चलते महादेवा के हनुमान मंदिर के पास भी शरारती तत्वों ने मारपीट की. इस मारपीट के बाद पुलिस ने दोनों समुदायों के लोगों को गिरफ्तार किया किंतु स्थानीय भाजपा विधायक और आदित्यनाथ तिवारी के चलते हिन्दू समुदाय के लोगों को छोड़ दिया. इतना ही नही 12 साल के नाबालिक कादिर को भी पुलिस ने उठा लिया. इस मामले में अतीक, शाह फहद, गुफरान, कादिर, मन्ना, अबरार, मयस्सर अली, रिजवान, शाह मोहम्मद, मुमताज़, सद्दाम, जुबैर गिरफ्तार हैं. इस तनाव को भड़काने वाले आदित्यनाथ तिवारी, राजन तिवारी, डॉ चंद्रोदय शुक्ला, अमित अवस्थी, पुष्पेन्द्र अवस्थी, दीपक अवस्थी, उमेश तिवारी, पुष्पेन्द सिंह के खिलाफ कार्यवाही तो दूर इनके दबाव में पुलिस अज्ञात के नाम पर मुस्लिम मोहल्लों में छापेमारी कर रही है. जाँच दल को सद्दाम के पिता मोलई ने बताया कि सद्दाम जब 10 बजे के करीब खेत जा रहा था तो पुलिस उसे उठा ले गयी. इरशाद अहमद बताते हैं की अबरार हलवाई हैं. उस दिन जब वह काम से लौट कर आये तो 14 तारीख को 2 बजे के करीब उनको और मयस्सर अली को पुलिस उठा ले गयी. इसी तरह कादिर और मुन्ना को भी पुलिस ने उठाया और दूसरे दिन शाह मुहम्मद और जुबैर को भी उठा लिया.

जाँच ने पाया की महादेवा मंदिर के पुजारी आदित्यनाथ तिवारी इसके पहले भी महादेवा में सांप्रदायिक तनाव भड़काने की लगातार कोशिश करते रहते हैं. पिछले शिवरात्रि के मेले के दौरान भी वे जामा मस्जिद के माइक को हटाने के लिए जबरन कोशिश करके सम्प्रदायिक तनाव भड़काने की साजिश कर चुके है.

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