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पोपुलर फ्रंट के बाद अब इन्साफ इंडिया को आतंकी बताने की कोशिस, सुप्रीम कोर्ट ने कहा असंभव....

NIA ने संघ के इशारों पर नाचते हुए पापुलर फ़्रंट ऑफ इंडिया के 21 भाईयों को उठाकर सब पर UAPA लगाया था, जब हमने Fight करी तो केरला HC ने सच्चाई के हक़ में फ़ैसला किया और उनपर से UAPA हटा दिया लेकिन NIA को तब भी चैन नहीं मिला तो ये पहुंचे SC और अब सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला आया कि: 

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और इनपर से UAPA हटाने का केरला हाई कोर्ट का फ़ैसला सही है।

आप इन अलफ़ाज़ को समझने के लिए UAPA को ज़रूर जानें, UAPA आतंकवाद निरोधक क़ानून है। लेकिन यह एक ऐसा क़ानून है जिसको आतंकवाद के ख़िलाफ़ नहीं दलित और मुसलमानों के ख़िलाफ़ इस्तेमाल किया जा रहा है।
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जबकि दूसरी खबर है इन्साफ इंडिया की जिसे मीडिया आतंकी संगठन घोषित करने पर तुली है. झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल में मुसलमानों, दलितों और अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों पर हो रहे जुल्म के खिलाफ शांतिपूर्वक कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए 14/10/2016 को इंसाफ़ इंडिया नामक संस्था बनाई गई है । लेकिन अब इस संस्था को आतंकी संगठन बताने की पुरज़ोर कोशिश की जा रही है ।

इतने कम समय में स्वार्थरहित एवं निष्ठावान कार्यकर्ताओं ने अपनी कड़ी एवं कठोर परिश्रम के द्वारा इंसाफ इन्डिया को स्थापित कर दरवाजे – दरवाजे तक न्याय , अधिकार , मानवता एवं समानता के लिए लोगों के बीच अपने मिशन पर कार्य कर रही है ।

इंसाफ़ इंडिया के संयोजक मुस्तकीम सिद्दीक़ी पर कई हमले भी हो चुके है और उन पर दबाव बनाने की भरपूर कोशिश की जा रही है । सोशल मीडिया पर मुस्तकीम सिद्दीक़ी ने एक न्यूज़ पेपर की कटिंग पोस्ट की है । जिसकी हेड लाइन है ‘सिमी की तर्ज पर उभर रहा इंसाफ़ इंडिया’

मुस्तकीम सिद्दीकी लिखते हैं कि ”भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसियों से ले कर पुलिस प्रशासन तक मे वो ज़हर भर दिया गया है जो हमेशा सामंती सोच को स्थापित कर भारत मे फासिस्ट और निरंकुश सत्ता को स्थापित करना चाहता है

यही मुख्य कारण है कि जब भी आप सत्ता संरक्षण में होने वाले अत्याचार के विरुद्ध आवाज उठाएंगे आप को एक पूर्वाग्रह के आधार पर बनाई गई सोच की बुनियाद पर Frame कर देने का प्रयास शुरू होगा और अगर आप का नाम मुस्तक़ीम सिद्दीकी हो तो ये और भी आसान है…
प्रस्तुत है आज की ख़बरl
पढिये.. और अंदाज़ा लगाइए की इस संवादाता के साथ क्या किया जाए ??
अखबार मालिकों के विरुद्ध कोर्ट का रास्ता है ??
आप का परामर्श आवश्यक है ”


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