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EVM घोटाला – बैकफुट पर आया चुनाव आयोग लिया बड़ा फैसला, BJP में मची खलबली

लखनऊ, उत्तर प्रदेश समेत 5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों ने EVM की विश्वसनीयता पर कई सवाल खड़े कर दिए थे। जिसका बसपा प्रमुख मायावती ने जोरदार तरीके से विरोध किया था और सुप्रीम कोर्ट तक पोहुंच गई थी। मध्य प्रदेश के भिंड में पकड़ी गयी EVM मशीन ने EVM से गड़बड़ी के मामले को और हवा दिया था। भिंड मामले की आग शांत भी नहीं हुई थी की राजस्थान की धौलपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में 18 ऐसी EVM मशीन पकड़ी गई जो कांग्रेस को वोट देने पर पर्ची कमल की निकाल रही थी जिससे EVM के खिलाफ राजनितिक दलों का प्रदर्शन जोर पकड़ने लगा है।



यूपी चुनाव के बाद बसपा, समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी ने भविष्य में होने वाले चुनाव को बैलट पेपर से कराने की मांग की थी। सोमवार को कांग्रेस पार्टी ने भी EVM की जगह वैलेट पेपर से चुनाव कराए जाने की मांग की। अब EVM की विश्वसनीयता पर उठे सियासी सवालों को तूल पकड़ता देख चुनाव आयोग बैकफुट पर आ गया है। चुनाव आयोग ने अब इस पर सर्वदलीय बैठक बुलाने का फैसला किया है।

आयोग ने 16 विपक्षी दलों की ECM की खामियों को दूर करने या फिर आगे के चुनावों को बैलेट पेपर के जरिए ही कराने की मांग के मद्देनजर यह बैठक बुलाने का निर्णय लिया है। कांग्रेस की अगुवाई में विपक्षी पार्टियों ने सोमवार को चुनाव आयोग से मुलाकात कर बैलेट पेपर की पुरानी प्रणाली पर लौटने की मांग की थी। विपक्षी दलों ने EVM विवाद पर एकजुट होकर काम करने की रणनीति बनाई है।

इसी रणनीति के तहत विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग में शिकायत की तो बुधवार को राष्ट्रपति से EVM मुद्दे पर मिलने का समय मांगा है। राज्यसभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद की अगुवाई में 16 पार्टियों के प्रतिनिधिमंडल की चुनाव आयोग से हुई मुलाकात के बाद कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि उनकी शिकायतों पर आयोग ने सर्वदलीय बैठक बुलाकर चर्चा करने की बात कही है। उनका कहना था कि सभी पार्टियों की बैठक में EVM की विश्वसनीयता पर उठे सवालों पर चर्चा की जाएगी।



विपक्षी दलों ने आयोग को ज्ञापन सौंप कर कहा कि हाल के चुनावों में EVM को लेकर लोगों का भरोसा टूट गया है क्योंकि बटन दबाने पर एक पार्टी विशेष के पक्ष में ही वोट गिरने की घटनाएं सामने आयी हैं। इसीलिए चुनाव में लोगों का भरोसा कायम रखने के लिए आयोग EVM की खामियों को दूर करने और पेपर ट्रेल मशीन की व्यवस्था होने तक चुनाव बैलेट पेपर से ही कराए जाने चाहिए। विपक्षी पार्टियों ने गुजरात और हिमाचल प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव को बैलेट पेपर से कराने का भी आयोग को सुझाव दिया है।

चुनाव आयोग से मुलाकात करने से पूर्व संसद भवन में सुबह गुलाम नबी आजाद की अगुवाई में इन सभी विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक हुई। इसमें कांग्रेस के कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा के साथ EVM विवाद को सबसे पहले तूल देने वाली बसपा के सतीश मिश्र, तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर राय, सपा के नीरज शेखर, जदयू के अनवर अली के अलावा माकपा, भाकपा, द्रमुक, एनसीपी, राजद आदि के भी नेताओं ने शिरकत की।



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